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जीवन शैली और आत्मा को नया रूप देती है श्रीराम कथा – पंडित श्री भोजराज शास्त्री जी

कवर्धा। मुंगेली जिले के शुक्लाभाटा, बिचारपुर में आयोजित पांच दिवसीय श्री राम कथा संपन्न हुआ।श्रीराम कथा में कथा व्यास पंडित श्री भोजराज शास्त्री ने कहा कि रामकथा का आनंद तभी है, जब वक्ता और श्रोता दोनों सुर,लय,ताल मिलाकर कथा का रसपान करें। प्रेम प्रकट हो जाए तो परमात्मा खुद प्रकट हो जाएंगे। प्रेम के बिना जीवन का कोई अर्थ नहीं है। बहुगुणा ने कहा रामकथा का महत्व हमेशा से है और आगे भी रहेगा। यह भगवान की लीला,चरित्र व गुणों की गाथा है। इसके श्रवण और कथन के प्रति हमेशा एक नवीनता का भाव बना रहता है।भगवान राम,लक्ष्मण,भरत और शत्रुघ्न के चरित्र में प्रदर्शित त्याग और तपस्या की बातों को निरंतर श्रवण करते रहने से सुनने वाले के अंदर भी ऐसे ही महान गुणों का समावेश हो जाता है।राम कथा सभी रोगो का निवारण करने वाली ओैषधि है। अपने श्री मुख से कहा कि माता-पिता बचपन से ही अपने बच्चो को संस्कार दे ताकि वह बड़े होकर उनका कहना माने। बच्चों को धार्मिक आस्था से जोड़ना माता -पिता का काम है। श्रीराम कथा सभी रोगो का निवारण करने वाली ओैषधि है उन्होंने कहा की हम सभी को अहंकार,लोभ,क्रोध,लालच और पापो से दूर रहने के लिए श्री राम कथा का श्रवण करना चाहिए। पांच दिवसी श्री राम कथा में भक्तगण भाव विभोर होकर श्रद्धापूर्वक कथा का रसपान किए। श्री राम कथा में आयोजन समिति, ग्रामवासी और आसपास के क्षेत्रवासी भी सम्मिलित हुए।

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