आम चर्चा

मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना : तीन वर्षो में जिले के 802 नव दाम्पत्य जोड़े विवाह के पवित्र बंधन में बंधकर नए जीवन की शुरुआत की,मुख्यमंत्री ने योजना के लिए आर्थिक सहायता की राशि अब बढ़ाकर 50 हजार रूपए की

कवर्धा। मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के अंतर्गत कोविड-19 , कोरोना वायरस के बाद तीन वर्षों में कबीरधाम ज़िले की आर्थिक रूप से कमजोर परिवार की 802 बेटियों की पूरे रीति-रिवाज के साथ विधिवत विवाह संपन्न हुआ। आज सभी 802 नवदपत्य जीवन अपने सुखमय जीवन जी रहे है।

माता-पिता बड़े लाड प्यार से अपने बच्चो को पढ़ा लिखाकर बड़ा करते है। एक समय ऐसा आता है जब भारतीय परम्परा रीति-रिवाजों के अनुसार प्रत्येक माता-पिता को अपनी बेटियों की विवाह कराना पड़ता है। समाज में ऐसे परिवार है, जिनकी आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण वह अपनी बेटियों की शादी करने में सक्षम नही हो पाते है, लेकिन अब आर्थिक रूप से कमजोर परिवार के बेटियों की विवाह की चिंता दूर हो गई है। प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा गरीब परिवार के बेटियों की चिन्ता करते हुए उनके जन्म से लेकर विवाह तक की योजना बनाई गई हैं, जिसमें मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना भी शामिल है। प्रदेश के ऐसे गरीब माता-पिता जिनकी आर्थिक स्थिति इतनी अच्छी नहीं है, वे अपने बच्चों की शादी धूमधाम से कर सकें। ऐसे माता-पिता के लिए मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना कारगर सिद्ध हो रही है।

कलेक्टर जनमेजय महोबे के मार्गदर्शन में मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना से कबीरधाम जिले के आर्थिक रूप से कमजोर परिवार की बेटियां शादी के पवित्र बंधन में बंधकर खुशहाल नए जीवन की शुरुआत की है। जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग आनंद तिवारी ने बताया कि कोविड संक्रमण के बाद मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना अंतर्गत तीन साल में 802 वर-वधू एक दाम्पत्य सूत्र में बंधें और साथ-साथ सुखमय जीवन जीने की शुरुआत की है। उन्होंने बताया कि इस योजना का उद्देश्य गरीब परिवारों के बेटियों का विवाह में होने वाली आर्थिक कठिनाईयों एवं फिजूल खर्ची को रोकने तथा सादगीपूर्ण विवाहों को बढ़ावा देने, सामाजिक स्थिति में सुधार लाने, सामूहिक विवाहों को प्रोत्साहित करने तथा विवाह में दहेज के लेनदेन और बाल विवाह की रोकथाम करना है।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा आरंभ किया गया है। छत्तीसगढ़ के महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा इस योजना का संचालन किया जाता है। इस योजना के तहत् प्रति जोड़ा 25 हजार रुपए का व्यय निर्धारित था, जिसे इस वर्ष बजट में बढ़ाकर 50 हजार रूपए किया गया है। नवविवाहित जोड़ों को जीवनोपयोगी विभिन्न सामग्री जैसे कुकर, बर्तन, गद्दा, आलमीरा, वैवाहिक वस्त्र, मंगलसूत्र बिछिया, पायल, वैवाहिक वस्त्र, श्रृंगार सामग्री आदि उपहार स्वरूप प्रदान किए जाते है। इसके अतिरिक्त विवाह का आयोजन शासकीय स्तर पर किया जाता है। इस योजना का लाभ उठाने के लिए कन्या की आयु 18 वर्ष या फिर 18 वर्ष से ज्यादा होनी चाहिए। इसके अंतर्गत विधवा, अनाथ तथा निराक्षित कन्याओं को भी शामिल किया गया है। इस योजना के माध्यम से परिवार को विवाह के समय आने वाली आर्थिक कठिनाइयों से निवारण मिल रहा है।

Related Articles

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

Back to top button