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छत्तीसगढ़ में भूकंप के झटके : रिक्टर स्केल पर 4.8 मापी गई तीव्रता, घर का छप्पर गिरने से माइंस घेरने निकल पड़े थे लोग

छत्तीसगढ़ के कई इलाकों में शुक्रवार सुबह भूकंप के झटके महसूस किए गए। कोरिया जिले में बैकुंठपुर से 7 किमी की दूरी पर गेज बांध-राकया के करीब आज सुबह 5 बजकर 28 मिनट पर 4.8 रिक्टर तीव्रता के भूकंप के झटके पड़े हैं।

नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी के मुताबिक, प्रदेश में कई इलाकों में सुबह 5.28 बजे 4.8 तीव्रता के भूकंप के झटके महसूस किए गए। इसका केंद्र अंबिकापुर से 65 किमी दूर जमीन से 10 किमी अंदर बताया जा रहा है।

लगभग एक महीने पहले भी भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। जानकारी के अनुसार यह भूकंप सतह से 10 किमी की गहराई पर केंद्रित था जिसकी भौगोलिक अक्षांसीय स्थिति 23.33° उत्तरी अक्षांस और 82.58°पूर्वी देशांतर थी।

वहीं कटगोड़ी राकया क्षेत्र में भूकंप के झटके से एक किसान के घर का छप्पर गिरने की जानकारी है। ग्रामीण को लगा कि माइंस में ब्लास्टिंग से घर का छप्पर गिरा होगा। लोगों ने सुबह माइंस का घेराव भी कर दिया।

कैसे आंकी जाती है तीव्रता?
रिक्टर स्केल पर माइक्रो कैटेगरी के 8,000 भूकंप दुनियाभर में रोजाना दर्ज किए जाते हैं। इसी तरह 2.0 से 2.9 तीव्रता वाले भूकंप को माइनर कैटेगरी में रखा जाता है। ऐसे 1,000 भूकंप रोजाना आते हैं इसे भी सामान्य तौर पर हम महसूस नहीं करते। वेरी लाइट कैटेगरी के भूकंप 3.0 से 3.9 तीव्रता वाले होते हैं, जो एक साल में 49,000 बार दर्ज किए जाते हैं। इन्हें महसूस तो किया जाता है लेकिन शायद ही इनसे कोई नुकसान पहुंचता है।

क्यों आते हैं भूकंप के झटके ?
वैज्ञानिकों की माने तो भूकंप के आने की मुख्य वजह धरती के अंदर प्लेटों का टकरना है। धरती के भीतर सात प्लेट्स होती हैं जो लगातार घूमती रहती हैं। जब ये प्लेटें किसी जगह पर आपस में टकराती हैं, तो वहां फॉल्ट लाइन जोन बन जाता है और सतह के कोने मुड़ जाते हैं। सतह के कोने मुड़ने की वजह से वहां दबाव बनता है और प्लेट्स टूटने लगती हैं। इन प्लेट्स के टूटने से अंदर की एनर्जी बाहर आने का रास्ता खोजती है, जिसकी वजह से धरती हिलती है और हम इसे भूकंप मानते हैं।

4.0 से 4.9 तीव्रता वाले लाइट कैटेगरी के भूकंप

लाइट कैटेगरी के भूकंप 4.0 से 4.9 तीव्रता वाले होते हैं जो पूरी दुनिया में एक साल में करीब 6,200 बार रिक्टर स्केल पर दर्ज किए जाते हैं। इन झटकों को महसूस किया जाता है और इनसे घर के सामान हिलते नजर आते हैं। हालांकि इनसे न के बराबर ही नुकसान होता है।

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