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रहंगी में आयोजित पाँच दिवसीय सतनाम मेला धाम हुआ सम्पन्न

आशु चंद्रवंशी, कवर्धा। परम पूज्य संतशिरोमणी बाबागुरु घासीदास जी की असीम कृपा और आदरणीय संत समाज के आशीर्वाद से हमारे ग्राम रहँगी में नवनिर्मित गुरुद्वारा में सतनाम गुरुगद्दी स्थापना, सतनाम ज्योति कलश की स्थापना व गुरुग्रंथ- सदग्रंथ प्रभात सागर की दिव्यरूप में स्थापना किया गया| यह पुनित कार्य गुरुवंदना परिवार भिलाई के मार्गदर्शन और गुरुबाबा जगतगुरु विजय कुमार जी व राजनंदनी गुरुदीदी प्रियंका जी के आशीर्वाद से संपन्न हुआ| पाँच दिवसीय भव्यतम सतनाम मेला 31मार्च से 4 अप्रैल2025 तक आयोजित किया गया।      

  
           जिसमें 30 मार्च को ग्राम वासियों व गुरुद्वारा के निर्माण कर्ता संत भाई मोहनदास बर्मन जी , सतनाम धाम गिरौधपुरी से सतनाम ज्योति कलश प्रज्वलित कर लाये गए| जिसे गुरुद्वारा मे स्थापित कर पाँच दिनो तक सदग्रंथ का वाचन व व्याख्यान पं गुरुबाबा सुखचंद्र जी मटिया बेमेतरा वाले के श्रीमुख से सुनाया गया| बाबा जी के अमृत वाणी और संदेशो को श्रद्धलुओं को श्रवण करने का लाभ मिला | प्रत्येक संध्या मे- पूर्णतः  सतनाममय सतसंग का आयोजन हुआ| पहले रात्रि में ग्राम मानिकपुर सतनाम लीला पंथी दल के द्वारा विविध सतनाम  झाँकियों के साथ गुरु संदेशों को प्रदर्शित व मंचित किए गए| द्वितीय संध्या में माँ सफुरा – सावित्री  महिला समूह के द्वारा मार्गदर्शन व स्कूली बच्चों के द्वारा सतनाममय पंथी गीतों व भजनो पर नृत्य प्रस्तुत किये गये| तिसरे संध्या में सतनाम शाखा की सुप्रसिद्ध भजन गायिका श्रीमती प्रतिमा बारले दीदी द्वारा सतनाम भजन ल गुरु महिमा का बखान करते हुए, विविध रूपो को वर्णित की| गुरुमाता सफुरा दाई व गुरुपुत्री मातासुभद्रा के समाज उपयोगी कार्यो को बखान किए| गुरुबाबा अमर दास जी के अमर कथा ,विवाह और सतनाम संस्कार का वर्णन किये| चौथे दिवस जोड़ाजय स्तंभ की स्थापना किया गया जिसमें अगले दिन श्वेत ध्वज फहराये गये|


                    चतुर्थ दिवस की संध्या में संत गुरुजी उत्तमलाल महिलांग जी  व उनके सतसंग दल द्वारा सतनाम सतसंग के अलग -अलग मार्ग यथा – मंगल पद , भजन, दर्शन, ज्ञान ,ध्यान, धारणा समॎधी ,  मोक्ष आदि को बतलाते हुए सदज्ञान सुनाये गये। पाँचवे दिवस सुबह पुनः आपकी संतवाणी सुनने को मिला| सतनाम मेला के इस पावन बेला में पाँचवे दिन जगतगुरु बाबा विजय कुमार जी को परघा कर लाये साथ मे गुरुवंदना परिवार व संत जन को भी पंथी दल व ग्राम वासियों द्वारा परघा कर क्रमशः मेला स्थल तक लाया गया| गुरुवंशज  जगतगुरु बाबा विजय कुमार जी व गुरुदीदी प्रियंका दीदी जी के सानिद्य आशीर्वाद से  गुरुद्वारा के  शिखर में  कलश स्थापित कर श्वेत ध्वज चढ़ाया गया| मंडप में गुरुदर्शन व दीक्षा का कार्यक्रम अनवरत चलता रहा।
                   

इसी समय गुरुवंदना परिवार भिलाई संचालक मंशाराम कुर्रे जी व साथियों द्वारा गुरुद्वारा में सदग्रंथ प्रभात सागर की स्थापना किया गया| गुरु जी के विदाई पश्चात , गुरुवंदना व संकल्प के साथ सदग्रंथ का वाचन हुआ|
        रात्रि में भोजन परसादी के उपरांत सतनाममय कवि गोष्ठी का आयोजन हुआ| राजभाषा आयोग के पुर्व सचिव श्री अनिल भतपहरी जी के सानिद्य में  कविता पाठ किये| जिनमें गजानंद पात्रे ‘सत्यबोध’ ,भरत मस्तुरिया,  डाॕ रामामण प्रसाद टंडन  जगतारन डेहरे आदित्य बर्मन  सुखदेव सिंह, डी एल भास्कर ‘मुँगेलिहा’ ,ज्ञानी लहरे , गणेश महंत, जुगेश धीरज, कमलेश कमल, पुष्पराज देवहरे,डी पी लहरे ‘मौज’ आदि , ग्रामवासी व दर्शक गण विशाल संख्या मे उपस्थित रहे।
साथ ही प्रख्यात गायिका भगवती टांडेश्वरी जी द्वारा सतनाममय ,भक्तिमय गीतों  व नृत्यों की प्रस्तुतिकरण हुआ।

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