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छत्तीसगढ़ राज्य में भर्ती प्रक्रिया में भ्रष्टाचार की गतिविधियों को लेकर युवा मोर्चा ने कलेक्टर के नाम सौंपा ज्ञापन

भर्ती प्रक्रिया में हुई भ्रष्टाचार को उजागर करने भाजयुमो ने खोला मोर्चा : मनी राम साहू

कवर्धा। प्रदेश भाजपा के आह्वान पर और जिला भाजपा अध्यक्ष अनिल सिंह ठाकुर के मार्गदर्शन में युवा मोर्चा जिला अध्यक्ष मनी राम साहू के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ राज्य सरकार द्वारा भर्ती प्रक्रिया में किए गए भ्रष्टाचार के उजागर के लिए राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा और भारत माता चौक में धरना प्रदर्शन दिए,जिसमे भाजपा के प्रमुख रूप से जिलाध्यक्ष मनीराम साहू, भाजपा महामंत्री वीरेंद्र साहू,भाजपा उपाध्यक्ष संतोष पटेल,कैलाश चन्द्रवंशी, भाजपा शहर मंडल अध्यक्ष चंद्रप्रकाश चन्द्रवंशी, भाजयुमो प्रदेश मंत्री पीयूष सिंह,प्रदेश कार्यसमिति सदस्य खिलेश्वर साहू ,भाजयुमो जिला महामंत्री योगेश चन्द्रवंशी, सचिन गुप्ता,जिला उपाध्यक्ष तुकेश चन्द्रवंशी,मिथलेश बंजारे ,अजय ठाकुर ,प्रदेश कार्यसमिति सदस्य मनोज बंजारे ,अशोक चन्द्रवंशी, जिलामंत्री नीतीश चन्द्रवंशी,अरविन्द वर्मा,हेमचंद चन्द्रवंशी, रामचरण साहू ,तमन्ना मेहरा,राजेश्वर दीवाकर ,मूलचंद साहू,अनिल साहू, मण्डल अध्यक्ष अश्वन साहू,मीनु साहू,अमित वर्मा ,नरोत्तम साहू, मनहरण साहू, कृष्णा साहू, रामविलास चन्द्रवंशी, पंचराम कोशले,जिला कन्या शक्ति संयोजिका हेमलता नामदेव, सौरभ शर्मा,योगेश ठाकरे एवं भारी संख्या में युवा मोर्चा के कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

छत्तीसगढ़ राज्य प्रतिभावान युवाओं का घनी है जो राज्य के प्रत्येक कोने से निकलकर आज न केवल राज्य में अपितु संपूर्ण देश में भी अपनी योग्यता का परिचय दे रहे है परन्तु विगत 4.5 वर्षों में प्रदेश का प्रत्येक युवा भर्ती में भ्रष्टाचार का शिकार हुआ है। महामहिम राज्यपाल का पद राज्य में संवैधानिक प्रमुख का है इस कारण से राज्य के युवाओं के हित में छत्तीसगढ़ में भर्ती में भ्रष्टाचार की संदेहास्पद गतिविधियों से अवगत कराना भारतीय जनता युवा मोर्चा छत्तीसगढ़ अपना नैतिक कर्तव्य समझता है।

भाजयुमो निम्न बिंदुओं पर आपका ध्यान आकर्षित करती है :-

1. वर्तमान में राज्य के संपूर्ण जिले में सहायक ग्रेड-3 / स्टेनोग्राफर तथा तृतीय श्रेणी की सीधी भर्ती जिला वार किन कि लिया जा रहा है जो कि अनुचित प्रर्ति पूर्व में प्रवेश स्तर पर CGVYAPAM के माध्यम से प्रतियोगी चयन परीक्षा आयोजित के आधार पर भरी जाती रही है.

2. स्थानीय स्तर पर अपने प्रिय जनों को लाभ पहुचाने का दृश्य भी प्रकट हो रहा है स्वामी आत्मानंद स्कूल में सहायक शिक्षक प्रयोगशाला की भर्ती में इंटरव्यू हेतु 35 लोगों को बुलाया जाता है और अंतिम चयन सूची में ऐसे 2 लोगों का नाम आता है जिनका नाम 35 की सूची में नहीं था। का परिणाम भी

3. सब इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा CGVYAPAM द्वारा ली गयी और परीक्षा CGVYAPAM को जारी करना था परन्तु पुलिस मुख्यालय द्वारा व्यापम से बंद लिफ़ाफे परिणाम अपने यहाँ मंगवा लिया गया जो कि अनुचित प्रक्रिया थी ।

4. वर्ष 2019 – वर्ष 2023 तक छत्तीसगढ़ की समस्त भर्तियां पूर्णता विवादित रही है प्रत्येक भर्ती परीक्षा के न्याय हेतु राज्य के समस्त प्रतिभावान विद्यार्थियों को माननीय उच्च न्यायालय में अपील करनी पड़ी हैं।

5. वर्ष 2019-20 में आयोजित सहायक प्राध्यापक परीक्षा में प्रदेश के सर्वोच्च पद की आसंदी पर विराजित व्यक्ति की पुत्री हेतु विषय के नियमों में बदलाव करवा कर समय समाप्त हो जाने पर भी पुनः आवेदन की प्रक्रिया करवाई गयी तथा परीक्षा का आयोजन करते हुए सीधे परिणाम और मेरिट सूची जारी किया गया और पदस्थापना दी गयी परन्तु आज तक सम्बंधित विषय के अंकों की सूची आयोग द्वारा जारी नहीं किया गया।

6. वर्ष 2019-20 में आयोजित सहायक प्राध्यापक परीक्षा में प्रदेश के कई महत्वपूर्ण पदों पर आसीन

मंत्रियों एवं अधिकारीयों के सम्बन्धियों की नियुक्तियां किये जाने का आरोप लगाया गया।

7. वर्ष 2019 से छत्तीसगढ़ राज्य लोक सेवा आयोग के राज्य सेवा परीक्षा सम्बन्धी नियमों में संसोधन कर मॉडल उत्तर के दावा आपत्ति के पश्चात जारी होने वाले संशोधित उत्तर को बंद कर सीधे अंतिम परिणाम के समय जारी करने का नियम बनाया गया, जो छात्रों के मानसिक अवसाद का कारण बना।

8. वर्ष 2019 में छत्तीसगढ़ राज्य लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित मुख्य नगरपालिक अधिकारी की परीक्षा में भी पति-पत्नी, देवर-भाभी एवं अन्य सम्बन्धियों का चयन मेरिट में होना भर्ती की प्रक्रिया में लिप्त भ्रष्टाचार को उजागर करता है।

9. वर्ष 2020 में छत्तीसगढ़ राज्य लोक सेवा आयोग की राज्य सेवा परीक्षा- 2020 में आयोग में नियुक्त

अधिकारी के पुत्र का चयन अधिकारी पद पर हुआ।

10. विगत दिवस छत्तीसगढ़ राज्य लोक सेवा आयोग की राज्य सेवा परीक्षा 2021 का अंतिम परिणाम जारी किया गया जिसकी सूची जारी होने के पश्चात ही मेरिट सूची में शामिल अभ्यर्थियों के चयन को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हुआ है। चयन सूची में आयोग के अध्यक्ष के पुत्र का नाम बिना उपनाम के शामिल है, प्रदेश के प्रमुख अधिकारी जनों के पुत्र-पुत्रियां, निजी पार्टी के नेता के बेटी-दामाद का चयन भी प्रथम 20 लोगों की सूची में शामिल होना संदेह की स्थिति उत्पन्न करता है।

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