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नियमितीकरण के लिए जिले के 468 ग्राम रोजगार सहायकों की हड़ताल शुरू : दो सूत्रीय मांगों को लेकर मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

कवर्धा।संविदा कर्मचारियों के बाद अब ग्राम रोजगार सहायकों का अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू हो गई है। इनकी दो सूत्रीय मांग है, जिसमें नियमितीकरण की मांग व नियमितीकरण होने तक ग्राम रोजगार सहायकों का सिविल सेवा आचरण पंचायती राज अधिनियम 1966 पंचायत कर्मी नियमावली को लागू करना है। इन दोनों मांगों को लेकर जिले के 468 ग्राम रोजगार सहायक ने कवर्धा के धरना स्थल राजीव पार्क में एक दिवसीय धरना दिया। दोपहर करीब 3 बजे रैली निकालकर सीएम के नाम कलेक्ट्रेट में ज्ञापन सौंपा।

छत्तीसगढ़ ग्राम रोजगार सहायक संघ के जिला सचिव गोपाल चन्द्रवंशी ने बताया कि वे बीते 17 वर्ष से अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन देते आ रहे हैं। बीते साल 2022 में भी करीब 66 दिन तक अनिश्चितकालीन हड़ताल किए थे। इस हड़ताल के बाद शासन ने समिति बनाने का निर्देश दिए। समिति बनाने के बाद भी अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। स्थिति ऐसी है अभी तक किसी भी रोजगार सहायक को 9540 रुपए प्रतिमाह वेतन भी नहीं मिल रहा है, जबकि वर्ष 2022 के अनिश्चितकालीन हड़ताल के दौरान यह घोषणा की गई थी। मांग पूरी नहीं होते देख सभी ग्राम रोजगार सहायक 13 जुलाई से अनिश्चितकालीन हड़ताल करेंगे। जिले के सभी ब्लॉक में कर्मचारी धरना देंगे।

संघ के जिला सचिव गोपाल चन्द्रवंशी ने बताया कि सभी कर्मचारियों को दो तरीके से मानदेय दिया जाता है। जिन कर्मचारियों को 5 वर्ष से अधिक हो चुका है, उन्हे 6 हजार रुपए व जिन कर्मचारियों को 5 वर्ष से कम हुआ है, उन्हे मात्र 5 हजार रुपए प्रतिमाह वेतन दिया जाता है। जिले ज्यादातर रोजगार सहायक पंचायत के सभी प्रकार के काम करते है। वेतन भी हर माह समय पर नहीं मिलता है। कम वेतन मिलने के कारण आर्थिक नुकसान होता है। स्थिति ऐसी है कि रोजगार सहायक से आधा वेतन तो बेरोजगारों को भत्ता के रूप में 2500 रुपए मिल रहा है। इन सब स्थिति को देखते हुए ये कर्मचारी नियमितीकरण की मांग कर रहे है। ताकि इनका भविष्य सुरक्षित हो हो सके।

कलेक्ट्रेट में ज्ञापन देने पहुंचे रोजगार सहायकों ने बताया कि देश के कई राज्यों ने वेतन बढ़ा दी है। इसमें मध्यप्रदेश, हिमांचल प्रदेश, राजस्थान शामिल है। इन राज्यों में तो रोजगार सहायकों को 10 हजार से अधिक वेतन दिया जा रहा है। वहीं छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा मात्र 5 से 6 हजार रुपए दिए जा रहे है। वर्तमान में अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू होने से पंचायत के काम में प्रभाव पड़ेगा। ग्राम पंचायतों में मनरेगा के तहत मजदूरी भुगतान, गोबर खरीदी, निर्माण कार्य, मनरेगा के सभी कार्य बंद हो जाएगा। ये सभी काम रोजगार सहायक के देखरेख में किए जाते हैं।

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