यादव समाज ने व्यापम के खिलाफ खोला मोर्चा:राउत नाच को आदिवासी समुदाय का नृत्य बताने से भड़के, कहा-हमारी संस्कृति की गलत व्याख्या बर्दाश्त नहीं
व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापम) ने प्रतियोगी परीक्षा में राउत नाच को आदिवासी समुदाय का नृत्य बताकर सवाल किया है, जिसके बाद यादव समाज ने व्यापम के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। सोमवार को बिलासपुर में यादव समाज के पदाधिकारियों ने व्यापम के खिलाफ हल्ल बोलते हुए प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार यादव समाज की संस्कृति का गलत व्याख्या कर रही है, जिससे उनकी धरोहर का अपमान हो रहा है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
दरअसल, बीते शनिवार को श्रम निरीक्षकों की भर्ती के लिए व्यापम की ओर से परीक्षा आयोजित की गई थी। इसमें प्रतियोगियों से राउत नृत्य को आदिवासी समुदाय का बताकर सवाल किया गया था। इसके बाद यादव समाज के लोगों ने व्यापम के खिलाफ आंदोलन करने की चेतावनी दी थी। समाज के पदाधिकारियों का कहना है कि छत्तीसगढ़ी यादव समाज की जातीय नृत्य राउत नाच है, जो लाखों यादवों की संस्कृति और धरोहर है, जिसे जानबूझकर छत्तीसगढ़ व्यवसायिक परीक्षा मंडल ने आदिवासी समुदाय का बताया है।
पहले संस्कृति मंत्री और अब व्यापम ने बरती लापरवाही
छत्तीसगढ़ यादव समाज के संरक्षक डॉ सोमनाथ यादव ने बताया कि इस प्रकार जानबूझ कर की गई गलती का बिलासपुर जिला यादव समाज और छत्तीसगढ़ यादव समाज विरोध के साथ निंदा करता है। उन्होंने कहा कि यादव समाज की संस्कृति पर हमला या अपमान करना पहली घटना नहीं है। इसके पूर्व भी छत्तीसगढ़ शासन के संस्कृति मंत्री ने रावत नृत्य को चरवाहा समुदाय का नृत्य कह दिया था। इस तरह बार-बार यादवी संस्कृति का अपमान राज्य शासन के लोगों द्वारा किया जा रहा है, ये उचित नहीं है।
प्रतियोगियों के भविष्य से किया खिलवाड़
यादव समाज के पदाधिकारियों ने कहा कि इस परीक्षा में प्रदेश के लाखों प्रतियोगियों ने परीक्षा दिए हैं, इस प्रश्न को लेकर उनमें भी विरोधाभास रहा। इस तरह से व्यापम ने उन परीक्षार्थियों के भविष्य के साथ भी खिलवाड़ किया है। विरोध-प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंपने वालों में अमित यादव, राकेश यादव, शंकर यादव, ओंकार यादव, नंदकिशोर यादव, जितेंद्र यादव, नंदू यादव, आशीष यादव, नवीन यादव ,अनिल यादव, रामजी यादव, सतीश यादव, संतोष यादव, लक्ष्मण यादव ,श्याम सुंदर, संजय यादव सहित अन्य शामिल रहे।