धर्मसभा में मतांतरित परिवारों की घर वापसी, देशभर से जुटे साधु-संतों ने भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने का लिखा संकल्प
रायपुर। हिंदू राष्ट्र बनाने की मुहिम को लेकर देशभर के लोगों को जागरूक करने के लिए एक माह पहले प्रदेश की चारों दिशाओं से निकाली गई यात्रा का समापन नगर के रावणभाठा मैदान में संकल्प धर्मसभा के रूप में हुआ। इसमें संतों ने विश्वास जताया कि अगले दो वर्षों के भीतर भारत को संविधान में हिंदू राष्ट्र का दर्जा मिलकर रहेगा। साधु-संतों ने प्रदेश में मतांतरण के लिए यहां संचालित मिशनरियों को जिम्मेदार ठहराते हुए हिंदुओं से एक हो जाने का आह्वान किया। धर्मसभा में मतांतरित कई परिवारों के सदस्यों का तिलक कर हिंदू धर्म वापसी कराई गई।
ईसाई मिशनरियों के षड्यंत्रों के खिलाफ हिंदुओं से एकजुट हो जाने का आह्वान
धर्मसभा में हरिद्वार के जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी ने कहा कि वर्तमान में भारत का डंका विश्व में बज रहा है। भारत के योग को प्रत्येक देश ने अपनाया है। संपूर्ण विश्व को शून्य और दशमलव से भारत ने परिचय कराया। जर्मनी में संस्कृत विद्यालय में चारों वेदों की शिक्षा दी जा रही। भारत का साइंस, आयुर्वेद समृद्ध था और है। उन्होंने कहा कि पश्चिम की दृष्टि में भारत एक बाजार है, लेकिन भारत की दृष्टि में पूरा विश्व एक परिवार है। आदिवासी समाज के हम आभारी हैं जिन्होंने भगवान श्रीराम को मार्ग बताने में मदद की थी। छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया हैं। यहां की प्रकृति उन्नत है। उन्होंने कहा कि सनातन काल से हम हिंदू थे, हिंदू हैं और हिंदू ही रहेंगे।
संतों ने कहा- भारत हिंदू राष्ट्र था, है और रहेगा
धर्मसभा में उपस्थित साधु-संतों ने इस अवसर पर हजारों लोगों को सनातन संस्कृति के नियमों का पालन करने और भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने के लिए जी-जान से जुट जाने का संकल्प दिलाया। संतों ने मंच से दो टूक कहा कि भारत लाखों वर्षों पहले भी हिंदू राष्ट्र था, अभी है और आगे भी रहेगा। बस जरूरत है इसे देश के संविधान में हिंदू राष्ट्र का दर्जा दिलाने की। और यह दर्जा हम दिलाकर रहेंगे। धर्मसभा में हजारों की संख्या में पहुंचे लोगों ने सनातन धर्म के जयकारे लगाए। साथ ही देश के लोगों के बीच समरसता की भावना जगाने और भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने का संकल्प लिया।
445 साल बाद अयोध्या में दर्शन-पूजन का अवसर
अयोध्या से आए श्रीराम मंदिर निर्माण समिति के सदस्य दिनेश चंद्र ने कहा कि 1528 में रामलला मंदिर में बाबर ने मस्जिद का निर्माण कर दिया था। रामलला मंदिर के वजूद के लिए तब से लेकर अब तक चार लाख से अधिक संतों ने अपना बलिदान किया है। अब जाकर रामलला के मंदिर में दर्शन, पूजन करने का अवसर मिलने जा रहा है। 2023 के अंत तक पहली मंजिल का निर्माण पूरा हो जाएगा। वहीं 2024 में मकर संक्रांति पर दर्शन, पूजन के लिए मंदिर खुल जाएगा। उन्होंने कहा कि अयोध्या की तरह ही मथुरा में कृष्ण जन्मभूमि मुद्दे का भी समाधान होगा।
आततायियों ने रचा छुआछूत का षड्यंत्र
उज्जैन से आए बाल योगेश्वर उमेशनाथ ने कहा कि देशभर में छुआछूत का जहर फैलाने का षड्यंत्र रचा गया। हकीकत यह है कि हिंदू धर्म को आगे बढ़ाने, समरसता की भावना जगाने के लिए विविध जाति के अनेक संतों ने योगदान दिया। केश काटने वाले समाज के संत सेन, चमड़े का व्यवसाय करने वाले समाज के संत रैदास समेत संत सुदर्शन, संत माता शबरी, महर्षि वाल्मीकि आदि संतों ने धर्म की अलख जगाई। हमारी परंपरा ऋषि मुनियों की रही है। संतों के दिखाए मार्ग पर चलकर ही सनातन संस्कृति आगे बढ़ रही है।
मतांतरण करवाने के लिए विदेशों से हो रही फंडिंग
धर्मसभा में काशी पीठ के स्वामी वासुदेवाचार्य ने कहा कि गैर भाजपा शासित प्रदेशों में बड़ी संख्या में मतांतरण हो रहा है। आदिवासी बहुल इलाकों में ईसाई मिशनरियां षड्यंत्र कर मतांतरण करा रही हैं। देशभर में आतंक फैलाने के लिए विदेश से हजारों करोड़ की फंडिंग हो रही है। मतांतरण को रोकने के लिए हिंदुओं को सशक्त होना पड़ेगा।
नक्सलियों को मुख्य धारा में लाएं
दंतेवाड़ा से आए स्वामी प्रेमस्वरूपानंद ने कहा कि बस्तर में नक्सलियों को समाज की मुख्य धारा में वापस लाना है। नक्सली भटके नहीं हैं, उन्हें भड़काकर भटकाया गया है। यदि बस्तर में नक्सली समाज की मुख्य धारा में लौटें तो शांति स्थापित होगी और बस्तर स्वर्ग बन जाएगा। हमें बाहर से खतरा नहीं है, भाई-बंधु ही आपस में लड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश को मतांतरण मुक्त कराना होगा। हर घर में झंडा लहराएं। शास्त्र और शस्त्र रखें।
जन-जन जगेगा, हिंदू राष्ट्र बनेगा
धर्मसभा में शामिल शदाणी दरबार के संत युधिष्ठिरलाल ने कहा कि जन-जन जगेगा तभी भारत हिंदू राष्ट्र बनेगा। जिस तरह सरहद की रक्षा करने की जिम्मेदारी सैनिकों की है, वैसे ही धर्म की रक्षा की जिम्मेदारी साधु-संतों की है।
कौशल्या माता की धरती से उठी आवाज
स्वामी राजीवलोचन दास ने कहा कि माता कौशल्या की धरती से हिंदू राष्ट्र की अलख जागी है। जन-जन के मन में राम रमे हैं। उन्होंने नारा बुलंद किया कि हम हिंदू राष्ट्र बनाएंगे। भारत के हर घर में भगवा ध्वज फहराएंगे। हम भारत को भव्य बनाएंगे।
आपदाई को क्षमा नहीं करना हमारी परंपरा
स्वामी परमात्मानंद ने कहा कि हमारी परंपरा सभी को गले लगाने की है, लेकिन किसी आपदाई को क्षमा नहीं करने की भी परंपरा है। गले लगाएंगे किंतु किसी ने यदि आतंक फैलाने की कोशिश की तो शिशुपाल, कंस, रावण की तरह उन्हें भी क्षमा नहीं करेंगे।