जनभागीदारी के नाम पर छात्रों के साथ लूट, जनभागीदारी का महाविद्यालय के विकास पर कोई ध्यान नही केवल जनभागीदारी शुल्क वसूलने पर ध्यान : एबीवीपी
कवर्धा। शासकीय स्वामी विवेकानंद महाविद्यालय बोड़ला में विद्यार्थी वार्षिक परीक्षा फार्म की हार्डकॉपी जमा करने आ रहे है। इन दिनों हेमचंद विश्विद्यालय दुर्ग द्वारा ऑनलाइन परीक्षा फार्म को लेकर शेड्यूल जारी किया है। परीक्षा फार्म भरने के समय 1100 से लेकर 1610 रुपये लिया जाता है। इसके अतिरिक्त विवेकानंद कॉलेज में स्वाध्यायी छात्रों से जनभागीदारी के नाम पर 400 रुपये तक राशि वसूला जा रहा है। इससे छात्रों में नाराजगी है, क्योंकि पिछले साल 300 रुपये लिया गया था। इस बार राशि बाद दी गई है।अब 400 रुपये लिया जा रहा है। जबकी जिले के सबसे बड़े पीजी कॉलेज में 300 रुपये लिए जा रहे है। जबकि स्वामी विवेकानंद कॉलेज में वनांचल क्षेत्र से विद्यार्थी परीक्षा दिलाने के लिए आते है।जानकारी के अनुसार स्वाध्यायी छात्रों से 400 रुपये, प्रायोगिक शुल्क 250 रुपये व पर्यावरण विषय 15 रुपये लिया जा रहा है। वही दूसरी ओर हेमचंद विवि. अग्रेषण शुल्क मात्र 30 रुपये ले रही है। इस संबंध में छात्रों का कहना है कि कॉलेज द्वारा ज्यादा राशि लिया जा रहा है। जबकि वे केवल पांच दिन ही परीक्षा दिलाने के लिये यहाँ आते है हर साल स्वाध्यायी छात्रों से राशि लिया जाना गलत है।
सुविधा देने का करते है दावा : विद्यार्थीयों ने बताया कि यह राशि परीक्षा के दौरान सुविधा देने का दावा किया जाता है। लेकिन ऐसी कोई खास सुविधा नही मिलती।स्तिथि इतनी खराब होती है कि परीक्षा के दौरान छात्रों की संख्या ज्यादा होने पर बरामदे में बैठा दिया जाता है जिससे असुविधा होती है।
बीते साल हुआ था विरोध प्रदर्शन : पिछले साल शासकीय स्वामी विवेकानंद महाविद्यालय बोड़ला में विद्यार्थियों से जनभागीदारी शुल्क लिए जाने को लेकर विरोध किया गया था तब स्वाध्यायी परीक्षा दिला रहे थे जनभागीदारी द्वारा 300 शुल्क लिए थे तब विरोध प्रदर्शन हुआ था।
अभाविप प्रदेश SFD सह संयोजक नितिन वर्मा ने बताया जनभागीदारी की ओर से प्रत्येक वर्ष शुल्क में वृद्धि किया जा रहा है, जो गलत है नियमित छात्रों से तो वसूल किया ही जा रहा है, इसके साथ ही स्वाध्यायी छात्रों से भी वसूल कर रहे है यहाँ अधिकांश विद्यार्थी ग्रामीण परिवेश है जो कृषि के साथ पढ़ाई करते है एक बार प्रवेश के समय और दूसरी वार परीक्षा फार्म डालने के समय शुल्क देते है ।जनभागीदारी समिति इसलिये बनाया जाता है कि कॉलेज और छात्रों के सुविधा के लिये बाहर से अतिरिक्त फंड ला सके , ना कि छात्रों से 400 रुपये लेने के लिये ।
कुछ महीने पहले छात्रों ने जनभागीदारी मद से हिंदी व अंग्रेजी के अध्यापक लाने को लेकर मांग किया था क्योंकि महाविद्यालय में 12कक्षाएं संचालित होती है पर जनभागीदारीयो ने कुछ भी निर्णय नहीं लिया।यही तक ही नही कॉलेज कैम्पस से तीन से चार साइकिल चोरी हो चुका का हैं लेकिन इस पर भी कोई ध्यान नही है। केवल इन्हें छात्रहित के नाप पर फीस वसूल करने आता है इसे लेकर जल्द ही विरोध प्रदर्शन लिया जाएगा।