कबीरधाम जिले में ‘गुड़ गोबर’ हो गई गौठान योजना : लाखों रुपये खर्च, फिर भी गौठानों का हाल बेहाल
आशु चंद्रवंशी,बड़ेगौटिया/कवर्धा। छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले में सरकार की महत्वकांक्षी योजनाओं में से एक नरवा गरुवा धुरवा बाड़ी के तहत बनाई गई गौठाने शो पीस बनकर रह गई हैं. लाखों रुपए की लागत से गौठाने तो बनाए गए हैं लेकिन अधिकांश गौठाने सूने पड़े हैं. जिले के कई गौठानों में न पानी की व्यवस्था है और न ही अब तक शेड का निर्माण हुआ है. जिस वजह से यहां पशुओं के लिए किसी प्रकार की कोई सुविधा नहीं है.गौठान…यानी गांव की जगह, यानी किसी एक शख्स का मालिकाना हक इस पर नहीं होता. छत्तीसगढ़ में इसी जमीन के नाम पर एक अनूठी योजना शुरू की, जिसका नाम है- गौठान. भूपेश सरकार की यह योजना अनूठी थी लिहाजा इसने देशभर में सुर्खिया बटोरी..चुनाव जीतने के बाद 2 अक्टूबर 2019 को सुराजी योजना के तहत नरवा गरुवा घुरुवा बाड़ी योजना के तहत शुरू हुई और बड़े-बड़े दावे किए गए लेकिन वक्त बीतने के साथ जमीनी हकीकत बदलने लगी है। वही कबीरधाम जिला में गौठानो की बात करें तो यहा गौठान सिर्फ और सिर्फ कागजों तक ही सीमित है। गौठानो का हाल बेहाल है।
वही कबीरधाम जिले के बोडला विकासखंड के ग्राम पंचायत छपरी के गौठान का स्थिति बद से बत्तर हो गया है । गौठान में मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध नहीं है। नलकूप बंद , खाद बनाने के टंकी पर बड़े बड़े घास और पेड़ उग गए । गौठान में गाय के बजाए मदिरा प्रेमी के अलावा आसामाजिक लोगो का जमावड़ा लगा रहता है । गौठान में मवेशियों के लिए पैरा भी नही है जिसके चलते और वहा की स्थिति को देखते हुए ऐसा महसूस होता है कि आज तक वहा एक भी दिन गाय नही रहता है ।
खाद टंकी पर उगे घास और पेड़
ग्राम पंचायत छपरी के गौठान में जैविक खाद तैयार करने के लिए टंकी बनाया गया है ।टंकी का उपयोग नही होने के कारण उसमे बड़े बड़े घास और पेड़ उग आई है। जिसको देखने से पता चलता है कि यहां पर कोई खाद नही बनाया जाता और गौठान समिति के द्वारा फर्जी तरीके से संचालित कर सरकार के द्वारा जारी राशि का सदुपयोग के बजाए दुरुपोग किया का रहा है । जो चर्चा का विषय बना हुआ है ।
नलकूप बंद
बोडला विकासखंड के भोरमदेव मंदिर के ठीक पहले ग्राम पंचायत छपरी है। जहां पर छत्तीसगढ़ सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट योजना के तहत गौठान का निर्माण किया गया है। गौठान में गौ माताओं के शुद्ध पानी पीने के लिए नलकूप खनन कर मोटर पंप लगाया गया है। जो पता नही कब से बंद है । जहा पर पानी सहित अन्य किसी प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं । जो देखने से साफ साफ दिखाई दे रहा है। पशुओं को शुद्ध पेयजल के लिए कोटना का निर्माण किया गया है जिसकी स्थिति भी दयनीय स्थिति में है ।
खाद की जगह मिट्टी पत्थर
छत्तीसगढ़ सरकार के द्वारा प्रदेश के सभी गौठान में पशुपलको से दो रुपए प्रति किलो की दर से गोबर की खरीदी करते हुए उसे जैविक खाद तैयार कर किसानों को दस रुपए की दर से उपलब्ध कराए जाने की योजना है । छपरी के गौठान में पशुपालक से खरीदी की गई गोबर को जैविक खाद बनाने वाले टैक में खाद की जगह मिट्टी और पत्थर के टुकड़े दिखाई देता है। जिससे साबित होता है कि यहां के गौठान में खाद की फर्जी आंकड़ा तैयार किया जा रहा है ।
जांच की आवश्यकता
कबीरधाम जिला की सभी गैठानो की हाल बे हाल है । ग्राम पंचायत छपरी के गौठान के लिए शासन से प्रदान की गई राशि और उसके उपयोगिता की सूक्ष्मता से जांच करने से कई प्रकार की खामियां उजागर होगा साथ ही जिम्मेदारों की लापरवाही बरतने की संभावना से इंकार नही किया जा सकता । गौठान समिति सहित गौ माता और किसानों को उपलब्ध कराई जाने वाले जैविक खाद तैयार करने में लगे जिम्मेदारों के ऊपर कार्यवाही करने की संभावनाओं से इंकार नही किया जा सकता ।