गली-गली में फल-फुल रहा शराब का अवैध कारोबार : आबकारी विभाग मौन
आशु चंद्रवंशी,बड़ेगौटिया/कवर्धा। छत्तीसगढ़ में राज्य सरकार के द्वारा शराब दुकान संचालन के लिए जो रीति नीति बनाए है उसे उन्ही के अधिकारी कर्मचारी आईना दिखा रहे है और चौबीस घंटे पारा मोहल्ले में शराब की अवैध बिक्री करते कोचियो के द्वारा देखा जा सकता है। आबकारी अधिकारी कर्मचारियों के द्वारा यदाकदा कार्यवाही करते हुए अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करते दिखाई देते है । जो लोगो में काफी चर्चा का विषय बना हुआ हैं ।
चौबीस घंटे मिलती हैं अवैध शराब
राज्य सरकार के द्वारा शराब दुकान संचालन के लिए ग्रामीण क्षेत्रों के दुकान के लिए सुबह नौ बजे से रात नौ बजे का समय निर्धारित है वही जिला मुख्यालय के दुकान के लिए सुबह नौ से रात दस बजे का समय निर्धारित है । कबीरधाम जिला मुख्यालय सहित गांव गांव में अवैध रूप शराब बिक्री करते देखे जा सकते है । जहा से मदिराप्रेमी खरीद कर पीते नजर आते हैं । ऐसा नही की इसकी जानकारी विभाग को नहीं है लेकिन कार्यवाही करने में सफल नही हो रहे है जिसको लेकर विभाग के अधिकारी कर्मचारी की भूमिका पर सवाल उठाए जा रहे है।
अवैध बिक्री के लिए विभाग स्वय जिम्मेदार
गांव गांव में अवैघ रूप से शराब की बिक्री की जा रही है जिसके लिए कही न कही विभाग ही जिम्मेदार है कहना कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी क्योंकि शराब की दुकान में मदिरा प्रेमियों को प्रति व्यक्ति शराब विक्रय का मात्रा निर्धारित है लेकिन दुकान के समीप ही दुकान संचालक के सामने एक ही व्यक्ति बार बार शराब की खरीदी कर थोक की मात्रा में खरीद कर अवैध कारोबार के लिए अपनी घर लेकर आता है । सभी शराब दुकानों में सी सी टी वी कैमरा लगा हुआ जिसे देखने से सभी सच्चाई सामने आ जाएगा ।
कार्यवाही के नाम पर खानापूर्ति
आबकारी विभाग के अधिकारी कर्मचारी के द्वारा अवैध रूप से शराब बिक्री करने वाले के ऊपर कार्यवाही करने के बजाए शराब पीने वाले से पौवा दो पौवा की कार्यवाही कर अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करते हुए खानापूर्ति करते है । आबकारी विभाग के द्वारा किए गए कार्यवाही का विवरण देखने से दूध का दूध और पानी का पानी सामने आ जाएगा ।
आबकारी से ज्यादा पुलिस करता है कार्यवाही
आबकारी विभाग के अधिकारी कर्मचारी कार्यवाही करने में हमेशा पीछे रहता है जबकि शराब पर कार्यवाही करने के लिए ही आबकारी विभाग बनाया गया है । आबकारी विभाग से कही ज्यादा कार्यवाही पुलिस विभाग करता है जबकि पुलिस विभाग के पास बहुत से कार्य होते है ।