आम चर्चा

विदेशी धरती के लोगों ने देशी धरती की देखी खेती, किसानों के नई तकनीकों से हो रही भूमि की पुनर्स्थापना

आईकिया फाउंडेशन की टीम ने भूमि के पुनर्स्थापना के लिए कवीर किसानों एवं स्वयंसेवीयों के साथ मिलकर किया मंथन
कवर्धा।छत्तीसगढ़ एग्रिकान समिति और कामनलैंड संस्था के सहयोग से कवर्धा और पंडरिया विकासखंड में भूमि के पुनर्स्थापना के लिए कार्य कर रही है जिसको देखने और समझने के लिए आईकिया फाउंडेशन नीदरलैंड से एलिस, क्रिस्टीना और सौरभ झा इंडिया हेड ने पंडरिया ब्लाक के ग्राम बांधा, पौनी, महली के किसानों के खेतों में जा कर किये जा रहे कार्यों को देखा और किसानों से बात की यहाँ पर धान के खेत में नर्सरी ट्रीटमेंट ट्राईकोडर्मा से किया गया, पौधे की अच्छी ग्रोथ के लिए लकड़ी का सिरका का छिडकाव किया गया, कीड़ों की रोकथाम के लिए निमास्त्र का उपयोग किया गया और मिट्टी की उर्वरक छमता के लिए जीवामृत का उपयोग किया गया जहाँ किसान ने बताया कि खाद और रासायनिक दवाई का खर्चा कम हुआ है और उत्पादन में बढ़ोतरी हुई है अगले वर्ष इस विधि से खेती के लिए रकबा बढ़ायेगें | इसके बाद धान की सिड्रिल से सीधी बुवाई के खेत को देखा गया जहाँ पर रिसर्च धान की बुवाई करवाई गई जिसमें रोपाई के पैसे बच गए है येसा किसान ने बताया साथ ही जैविक खाद का स्तेमाल किया है जो की हाइब्रिड धान से बिल्कुल भी कम नहीं है | इसके बाद रेजिलियंट धान के 20 किस्म लगाई गई है जो यह दिखायेगा कि यहाँ पर कौन सी धान की किस्म अच्छी रहेगी इसका निर्धारण किसान लेगें |

इसके बाद कवीर किसान ठीहा डोमसरा गए जहाँ महिलाओं ने पारंपरिक तरीके से स्वागत किया और पर्यवारण की थीम पर बनी प्रदर्शनी को देखा | कवीर किसान ठीहा में मिट्टी जाँच लैब में गए जहाँ समझे किस प्रकार से जाँच होती है यहाँ पर कविता लांझी और आस्था लैब प्रभारी ने विस्तार से बताया की सैंपल आते ही 12 तरह की जाँच की जाती है और रिपोर्ट को किसान को दी जाती है | इसके बाद कवीर किसान एवं कवीर स्वयंसेवीयों से बारी-बारी से मुलाकात किया जहाँ पर किसानों ने अपने पिछले छ महीने से कर रहे प्रक्टिस को साँझा किया और बताया कि अभी भी नहीं जागे तो आने वाले समय में मिट्टी में जान ही नहीं बचेगी तो बच्चों का क्या होगा ? इसलिए भूमि के पुनार्स्थ्पना के लिए जो भी करना होगा करेगें येसे ही किसानों ने जाना की नीदरलैंड के किसान क्या उगाते है कैसे खेती करते है इत्यादि | कवीर वालंटियर ने बताया कि अपने गाँव के समूचित विकास के लिए हम आंगे आये है | इस अवसर पर कामनलैंड संस्था नीदरलैंड से हरमा रेडमेकर, मेरिकन, शेखर, प्रदान संस्था से दीपक सिंह, छत्तीसगढ़ एग्रिकान समिति से सचिव मानस बनर्जी, कार्यक्रम समन्यवक मनीषा मोटवानी, जिला समन्यवक दीपक बागरी, नितेश चंदेल, भूमिका सूर्यवंशी, सुरेन्द्र सोनकर उपस्थित रहे |

कवर्धा।छत्तीसगढ़ एग्रिकान समिति और कामनलैंड संस्था के सहयोग से कवर्धा और पंडरिया विकासखंड में भूमि के पुनर्स्थापना के लिए कार्य कर रही है जिसको देखने और समझने के लिए आईकिया फाउंडेशन नीदरलैंड से एलिस, क्रिस्टीना और सौरभ झा इंडिया हेड ने पंडरिया ब्लाक के ग्राम बांधा, पौनी, महली के किसानों के खेतों में जा कर किये जा रहे कार्यों को देखा और किसानों से बात की यहाँ पर धान के खेत में नर्सरी ट्रीटमेंट ट्राईकोडर्मा से किया गया, पौधे की अच्छी ग्रोथ के लिए लकड़ी का सिरका का छिडकाव किया गया, कीड़ों की रोकथाम के लिए निमास्त्र का उपयोग किया गया और मिट्टी की उर्वरक छमता के लिए जीवामृत का उपयोग किया गया जहाँ किसान ने बताया कि खाद और रासायनिक दवाई का खर्चा कम हुआ है और उत्पादन में बढ़ोतरी हुई है अगले वर्ष इस विधि से खेती के लिए रकबा बढ़ायेगें | इसके बाद धान की सिड्रिल से सीधी बुवाई के खेत को देखा गया जहाँ पर रिसर्च धान की बुवाई करवाई गई जिसमें रोपाई के पैसे बच गए है येसा किसान ने बताया साथ ही जैविक खाद का स्तेमाल किया है जो की हाइब्रिड धान से बिल्कुल भी कम नहीं है | इसके बाद रेजिलियंट धान के 20 किस्म लगाई गई है जो यह दिखायेगा कि यहाँ पर कौन सी धान की किस्म अच्छी रहेगी इसका निर्धारण किसान लेगें |

इसके बाद कवीर किसान ठीहा डोमसरा गए जहाँ महिलाओं ने पारंपरिक तरीके से स्वागत किया और पर्यवारण की थीम पर बनी प्रदर्शनी को देखा | कवीर किसान ठीहा में मिट्टी जाँच लैब में गए जहाँ समझे किस प्रकार से जाँच होती है यहाँ पर कविता लांझी और आस्था लैब प्रभारी ने विस्तार से बताया की सैंपल आते ही 12 तरह की जाँच की जाती है और रिपोर्ट को किसान को दी जाती है | इसके बाद कवीर किसान एवं कवीर स्वयंसेवीयों से बारी-बारी से मुलाकात किया जहाँ पर किसानों ने अपने पिछले छ महीने से कर रहे प्रक्टिस को साँझा किया और बताया कि अभी भी नहीं जागे तो आने वाले समय में मिट्टी में जान ही नहीं बचेगी तो बच्चों का क्या होगा ? इसलिए भूमि के पुनार्स्थ्पना के लिए जो भी करना होगा करेगें येसे ही किसानों ने जाना की नीदरलैंड के किसान क्या उगाते है कैसे खेती करते है इत्यादि | कवीर वालंटियर ने बताया कि अपने गाँव के समूचित विकास के लिए हम आंगे आये है | इस अवसर पर कामनलैंड संस्था नीदरलैंड से हरमा रेडमेकर, मेरिकन, शेखर, प्रदान संस्था से दीपक सिंह, छत्तीसगढ़ एग्रिकान समिति से सचिव मानस बनर्जी, कार्यक्रम समन्यवक मनीषा मोटवानी, जिला समन्यवक दीपक बागरी, नितेश चंदेल, भूमिका सूर्यवंशी, सुरेन्द्र सोनकर उपस्थित रहे |

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