नेउरगांव कला के ग्रामीणों ने मंत्री विधायक,सांसद,जिला पंचायत सदस्य व प्रशासन के लापता का लगाया पोस्टर, चुनाव में बहिष्कार का किया एलान
कवर्धा।प्रदेश में चुनाव को लेकर सरगर्मियां राजनीतिक गलियों में तो तेज हो गई है, लेकिन सूबे की जनता लगता है इस बार चुनाव में ज्यादा रुची नहीं ले रही है। चुनाव आयोग द्वारा मतदाता जागरूकता अभियान चलाए जा हरे हैं, पोस्टर-बैनर लगाकर लोगों से वोट करने की अपील की जा रही है। लेकिन कबीरधाम जिले के बोड़ला विकासखंड अंतर्गत आने वाले नेउरगांव कला की तस्वीर इसके उलट दिखाई दे रही है।गांव वालों ने प्रशासन और विधायक मंत्री, सांसद,जिला पंचायत सदस्य के लापता का पोस्टर लगाकर विरोध कर रहे है। दरअसल ग्राम नेउरगांव कला के मतददाताओं ने मूलभूत सुविधाओं के आभाव के चलते जनप्रतिनिधियों के लापता का पोस्टर लगाया है।
ग्राम नेउरगांव कला के ग्रामीणों में आक्रोश है कि बिजली कटौती,पानी, स्कूल में शिक्षकों की कमी,सड़क की समस्याओं सहित अन्य समस्या को लेकर ग्रामीणों ने नेताओ का लापता पोस्टर रख सड़क में प्रर्दशन कर रहे थे साथ ही चुनाव का बहिष्कार करने का भी बात कर रहे थे। ग्रामीणों का कहना है कि सालों से सड़क के लिए तरस रहे हैं। बेहद खराब सड़क को लेकर तमाम प्रकार की दुश्वारियां झेल रहे गांव के लोगों का गुस्सा सोमवार को फूट पड़ा। सड़क की तत्काल मरम्मत तथा निर्माण की मांग को लेकर सैकड़ों की संख्या में जुटे ग्रामीणों ने पोस्टर -बैनर के साथ सड़क पर जम कर अपने गांव में प्रदर्शन किया। नारेबाजी कर रहे लोगों की नाराजगी साफ झलक रही थी।ग्रामीणों ने बताया कि नेउरगांव से कुसुमघटा पहुंच मार्ग जो की मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत बना है।जो की वर्षो से जर्जर हो चुका है लेकिन आज तक न मरम्मत हुआ और नही बना है। नेउरगांव प्रवेश द्वार से गांव अंदर तक प्रधान मंत्री ग्राम सड़क योजना से बना है,लेकिन वर्तमान में सड़को में सिर्फ और सिर्फ कीचड़ ही बचा है।से गांव अंदर पुलिया से गांव हुआ है ग्रामीणों ने कहा कि इस खराब सड़क पर रोजाना लोग चोटिल हो रहे हैं। सड़क हादसों में कई लोग गंभीर रूप से घायल हो रहे है। थोड़ी सी दूरी तय करने में घंटों लग जाते हैं। शासन प्रशासन पूरी तरह से लापरवाह हो गया है। स्कूली बच्चे को आने जाने में बहुत ही ज्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ग्रामीणों ने आगे कहा कि सड़क की मरम्मत के लिए जनप्रतिनिधियों, विभाग के उच्चाधिकारियों तथा जिलाधिकारी को कई बार लिखित पत्र देकर मांग किया गया था, लेकिन उदासीनता के चलते इस सड़क पर नहीं मरम्मत और नहीं निर्माण कार्य नहीं कराया गया। विकास नहीं तो वोट नहीं ऐसा ग्रामीणों का कहना है कि कोई भी राजनीतिक पार्टी यहां वोट मांगने नहीं आए हम किसी भी पार्टी को वोट नहींं देंगे।
चुनाव से पहले करते है वादे, जीतने पर हो जाते है गायब
ग्रामीणों ने नेताओं के ऊपर आरोप लगाते हुए कहा कि चुनाव से पहले अनेक वादे करते हैं लेकिन चुनाव जीतने के बाद वादे तो दूर की बात है दर्शन दुर्लभ हो जाता है। हम किस स्थिति में जी रहे हैं हाल-चाल जानना भी जरूरी नहीं समझते। चुनाव जीतने के बाद गायब हो जाते हैं। लेकिन जिन्होंने उनको वोट दिया अपना जनप्रतिनिधि चुना उसे पलट कर रही भी नहीं देखते।ग्रामीणों ने आगे बताया कि विधायक और मंत्री बनने के बाद मोहम्मद अकबर साढ़े चार साल में चार मिनट के लिए गांव में आए और भाषण देके फोटो खींचा के चले गए।वही सांसद संतोष पांडे भी किसी से कम नहीं है, सांसद जी का तो दर्शन दुर्लभ होगया है।जिला पंचायत सदस्य तुकाराम चंद्रवंशी जिनको कांग्रेस पार्टी ने टिकट नहीं दिया तो निर्दलीय पतंग छाप में चुनाव लड़ा जिसे हमने अपना जिला पंचायत सदस्य चुना,लेकिन चुनाव जीतने के बाद वो साहब भी भूल गए है।
युवाओं में दिखाई दिया अधिक गुस्सा
प्रदर्शन में बड़ी संख्या में जुटे ग्रामीणों में युवाओं की संख्या अधिक थी, जिनके चेहरे पर खराब सड़क को लेकर काफी गुस्सा झलक रहा था। हाथों में पोस्टर- बैनर लेकर लोग प्रदर्शन कर रहे थे। वह जोर -जोर से नारा लगा रहे थे कि इस सड़क का देखो तमाशा- अपने जीवन की छोड़ दो आशा। ‘ दुर्घटना का यही प्रतीक- सड़क की हालत नहीं है ठीक’। ‘क्षेत्रवासी करें इंतजार-यह सड़क कब बनाएगी सरकार’।ग्रामीणों और युवाओं का कहना है कि अगर जल्द से जल्द रोड का निर्माण नहीं हुआ तो पूर्ण रूप से मतदान का बहिष्कार करेंगे।