CG-MP सीमा में जाम :चिल्फी घाटी पर कंटेनर हुई खराब, दोनों तरफ से वाहनों की लंबी कतारें
कवर्धा। छत्तीसगढ़-मध्यप्रदेश की सीमा पर कवर्धा के चिल्फी घाटी में 23 घंटे से लंबा जाम लगा हुआ है। जिसकी वजह से 14 किलोमीटर तक वाहनों की लंबी कतार लगी हुई है। ये सब कुछ घाटी पर एक कंटेनर गाड़ी के खराब होने के चलते हुआ है। पुलिस की मदद से कंटेनर को सही करने का काम जारी है।जानकारी के मुताबिक, मध्य प्रदेश की ओर से एक कंटेनर गाड़ी बुधवार रात 9 बजे के आस-पास छत्तीसगढ़ की तरफ आ रही थी। इसी बीच नेशनल हाईवे-30 पर घाटी में खराब हो गई। इसके बाद गाड़ी चालक ने उसे खुद से ठीक कराने प्रयास किया। मगर वह सफल नहीं हुआ।उधर, इस बीत की सूचना पुलिस को दी गई थी। जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची। फिर गाड़ी को हटाने का प्रयास किया गया, लेकिन बुधवार शाम तक कंटेनर को सही नहीं किया जा सका है।
वहीं जाम लगने के कारण लोग परेशान होते रहे। कुछ गाड़ियों को वापस लौटना पड़ा। बताया जा रहा है कि पुलिस की मदद से जाम हटाने और गाड़ी को सही करवाया जा रहा है। ये नेशनल हाईवे छत्तीसगढ़ से मध्यप्रदेश को जोड़ता है। जबलपुर, मंडला, बालाघाट की तरफ से गाड़ियां यहां से आती-जाती हैं। पहले ही घाटी में इस तरह से लंबा जाम लग चुका है।
सुबह 11 बजे जाम हुआ कम
बता दें कि घाटी से जुड़ी एनएच 30 मध्यप्रदेश से छत्तीसगढ़ को जोड़ती है, जिससे यह सड़क हमेशा व्यस्त रहती है। इसके अलावा ट्रैफिक के बढ़ते दबाव के साथ सकरा भी हो रहा है। दूसरी ओर जाम की वजह से घाटी में गाड़ियों का आना-जाना बंद हो गया और गाड़ियों की लंबी कतारें लगी हुई थी। वहीं मौके पर चिल्फी पुलिस पहुंची हुई है और जाम को हटाने की कोशिश की। बुधवार की सुबह करीब 11 बजे के बाद जाम को हटाया जा सका। इसके बाद दोनों ओर से वाहन निकल सकी है। सबसे ज्यादा परेशानी बड़े-बड़े मालवाहनों को हुआ है। क्योंकि, इसके चालक व परिचालक बीच जंगल में फंसे हुए थे।
रातभर लोगों को हुई परेशानी
इधर जाम को देखते हुए बड़े वाहनों को रोका गया। एक-एक कर वाहनों को निकाला जा रहा था। इसके अलावा कई बड़े वाहनों को बोड़ला की ओर घाट के नीचे ग्राम बंजारी के पास रोका गया था। जबलपुर से आने वाले सभी बड़े वाहन को चिल्फी के चेक पोस्ट के पास रोका गया था। ताकि ये वाहन घाट में न फंस सके। सबसे ज्यादा समस्या रायपुर से जबलपुर व जबलपुर से रायपुर जाने वाले सभी यात्री बस को हुआ है। ये बस कवर्धा व चिल्फी में रुकी रहीं। यात्री बस की समय भी गड़बड़ा गई थी। कई बड़े वाहन बोड़ला व पोंड़ी में रूकी रहीं। इधर यात्री बसों को निकालने के लिए करीब आधे घंटे का समय लगता था। हालांकि अब स्थिति सुधर चुकी है।
यह घाट दो राज्यों को जोड़ती है
चिल्फीघाटी से होकर एमपी से सीजी के लिए प्रतिदिन 500 से अधिक वाहन यहां से गुजरती है। इस कारण यहा हमेशा ट्रैफिक का दबाव ज्यादा होता है। आमतौर पर यहां एमपी व सीजी की ओर से बड़े-बड़े मालवाहन आना जाना करते है। इसके साथ ही रायपुर की ओर से लोहे से भरे ट्रक समेत अन्य सामान से लदे ट्रक भी यहां आना-जाना करते है। करीब सात किमी लंबे इस घाट में 20 से अधिक जगहों पर मोड़ है। इसी मोड़ पर ट्रक फंसते है। सबसे खतरनाक नागमोडी घाट है, जहां पर आए दिन हादसे होते है। यह घाट एममी व सीजी को जोड़ती है।