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“छ.ग. कलमकार मंच का वार्षिक सम्मेलन बिलासपुर में सम्पन्न” साहित्यकारों को मिला कलमकार अलंकरण सम्मान

कवर्धा। छत्तीसगढ़ शासन से राज्य स्तरीय पंजीकृत समिति – छत्तीसगढ़ कलमकार मंच का प्रथम वार्षिक सम्मेलन एवं सम्मान समारोह- 2023 दी एमराल्ड हॉटल पुराना बस स्टैंड के निकट टेलिफोन एक्सचेंज रोड बिलासपुर में 30 मई 2023 को सम्पन्न हो हूआ। इस कार्यक्रम में प्रदेश भर के साहित्यकारों ने शिरकत की।

वरिष्ठ साहित्यकार डॉ.जे.आर. सोनी के मुख्य आतिथ्य एवं चेतन भारती तथा डॉ. प्यारेलाल आदिले के विशिष्ट आतिथ्य में आयोजित यह कार्यक्रम पूर्व निर्धारित समय पर 11 बजे सन्त शिरोमणि गुरु घासीदास बाबा जी की प्रतिमा पर दीप प्रज्ज्वलन एवं माल्यार्पण से आरम्भ हुआ। प्रसिद्ध गायिका सुश्री लक्ष्मी करियारे एवं सूरज श्रीवास के मधुर स्वर में गुरु वंदना प्रस्तुत की गई। तत्पश्चात मंचस्थ अतिथियों एवं कलमकारों का स्वागत पुष्पहार एवं गुलदस्ता भेंट कर किया गया। इसके बाद सुश्री लक्ष्मी करियारे एवं सूरज श्रीवास के मधुर स्वर में राज्य गीत – “अरपा पैरी के धार, महानदी हे अपार” गूंज उठा। इस दौरान उपस्थित सभी लोग राज्य गीत के सम्मान में अपने स्थान पर खड़े हो गए।

इसके बाद छत्तीसगढ़ कलमकार मञ्च के संस्थापक एवं प्रदेशाध्यक्ष डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति द्वारा मंच के वार्षिक प्रशासनिक प्रतिवेदन का वाचन किया गया। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ कलमकार मंच साहित्य के प्रति समर्पित सेवकों का वो समूह है, जो साहित्य की सेवा करना अपना प्रथम कर्म एवं धर्म समझता है। एक वर्ष के अन्दर 8 साझा संकलनों का प्रकाशन कर 369 कलमकारों को सम्मानित किया जा चुका है। इसी कड़ी में आज 9 विशिष्ट हस्तियों सहित 125 कलमकारों को “कलमकार साहित्य अलंकरण” प्रदान किए । आज 4 पुस्तकों के विमोचन के साथ विमोचित संख्या 29 हो जाएगी। एक वर्ष के अन्दर 8 सतनाम धामों सहित कुल 9 स्थानों पर स्थानीय पंचायतों का सहयोग प्राप्त कर कवि सम्मेलन एवं गोष्ठियाँ आयोजित की जा चुकी है। मंच के लिए जिला प्रशासन से भूमि आबंटन कराकर “कलमकार भवन” का निर्माण हमारा ऐसा सपना है, जिसे पूरा करने के लिए आप सबका सहयोग जरूरी है। विशिष्ट अतिथि की आसंदी से सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए वरिष्ठ साहित्यकार चेतन भारती ने कहा कि डॉ. किशन एक व्यक्ति नहीं, बल्कि पूरी संस्था है। सुदूर देहात के साहित्यकारों को संरक्षण प्रदान कर आगे लाने तथा उसे मंच प्रदान करने के आपके योगदान को सदा याद किया जाएगा। आपकी कुछ पुस्तकें मैंने पढ़ी है। आपकी लेखनी काबिले तारीफ़ है, उसे मैं नमन करता हूँ। मंच के संरक्षक डॉ. गोवर्धन मार्शल ने कहा कि देख-सोच-लिख-सीख का फार्मूला मानव को तरक्की की ओर ले जाता है। आज युवकों को नशापान से दूर रहकर रचनात्मक कार्य के लिए आगे आने की जरूरत है। इस उद्बोधन के पश्चात साहित्य वाचस्पति डॉ.किशन टण्डन क्रान्ति को मैजिक बुक ऑफ रिकॉर्ड द्वारा प्रदत "लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड 2023" प्रदान किया गया, जिसे कोरोना के पुनः प्रसार को देखते हुए मैजिक बुक संस्था द्वारा भेजा गया था। चायकाल पश्चात सुप्रसिद्ध पंथी एवं भजन गायक श्री भगत गुलेरी एवं श्रीमती जानकी गुलेरी द्वारा पंथी गीत, गुरू बालकदास के अंगरक्षक सरहा एवं जोधाई की शौर्य गाथा एवं डॉ. भीमराव अम्बेडकर पर मनभावन गीत प्रस्तुत किए गए। वार्षिक सम्मान समारोह में चार पुस्तकों का विमोचन हुआ। इन पुस्तकों में डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति द्वारा संपादित साझा संकलन- "21वीं सदी के कलमकार" शामिल है। इसमें 81 कलमकारों के जीवन परिचय एवं श्रेष्ठ रचनाओं का संकलन है। साथ ही डॉ. किशन द्वारा रचित दो काव्य संग्रह- "पारसमणि" एवं "कसौटी" तथा एक लघुकथा संग्रह- "दहलीज" का विमोचन भी करतल ध्वनि के बीच सम्पन्न हुआ। मुख्य अतिथि डॉ जे.आर. सोनी ने अपने उद्बोधन में कहा कि डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति की अगुवाई में छत्तीसगढ़ कलमकार मंच ने एक वर्ष के अन्दर उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है। ऐसी उपलब्धि समर्पण से ही प्राप्त होती है। डॉ. किशन ने प्रभूत परिमाण में हरफनमौला साहित्य सृजन किया है। आप अपनी अप्रतिम लेखनी की बदौलत अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के साहित्यकारों में शामिल हो चुके हैं। आज आप लक्ष्मण मस्तुरिया जी की विरासत को आगे बढ़ाते हुए उनसे भी काफी आगे निकल चुके हैं। भोजनावकाश पश्चात "सामाजिक परिवर्तन में साहित्य और शिक्षा की भूमिका" विषय पर डॉ. प्यारेलाल आदिले, प्राचार्य जे.बी.डी. कला एवं विज्ञान महाविद्यालय कटघोरा ने व्याख्यान देते हुए कहा कि साहित्य और शिक्षा सामाजिक परिवर्तन का एक सशक्त माध्यम है। शिक्षा जागरूकता लाती है, जबकि साहित्य की गति ग्रह-नक्षत्रों को भी पीछे छोड़ देती है। तत्पश्चात "भारतीय संविधान एक राष्ट्रीय ग्रन्थ है" विषय पर डॉ. जी.सी. भारद्वाज, प्रोफेसर शासकीय लक्ष्मणेश्वर महाविद्यालय, खरौद ने व्याख्यान देते हुए कहा कि डॉ अम्बेडकर का लिखा संविधान विश्व का सर्वश्रेष्ठ संविधान है। इसमें समानता, स्वतंत्रता और बन्धुत्व का संदेश है। वे न केवल बहुसंख्यकों के बल्कि सबके एकछत्र मसीहा थे। उन्होंने गरीबों, वंचितों, पिछड़ों और सबसे बढ़कर महिलाओं के अधिकारों की चिंता की, उन्हे दिलाए भी। विश्व रत्न बाबा साहेब अम्बेडकर के समान ब्रह्माण्ड में अवतरित होना मुश्किल है। सम्मान समारोह में साहित्य एवं कला के क्षेत्र में लोकप्रिय व्यक्तित्वों का सम्मान किया गया। डॉ. जे.आर. सोनी को राजा गुरु बालक दास साहित्य सम्राट सम्मान, चेतन भारती को श्री लक्ष्मण मस्तुरिया साहित्य मनीषी सम्मान, डॉ. गोवर्धन को श्री दयाराम टंडन ज्ञान रत्न सम्मान, श्रीमती शिरोमणि माथुर को प्रथम शिक्षिका सावित्री फुले शिक्षा ज्योति सम्मान, आचार्य जे. आर. महिलांगे को श्री नकुल ढीढ़ी साहित्य भास्कर सम्मान, श्री भगत गुलेरी को डॉ. भीमराव अम्बेडकर कला प्रतिभा सम्मान, श्री लक्ष्मीनारायण कुंभकार सचेत को ई.वी. रामास्वामी पेरियार साहित्य क्रान्ति सम्मान, सशक्त हस्ताक्षर के संपादक श्री मनोज जायसवाल को महात्मा ज्योतिबा फुले साहित्य प्रचार सम्मान एवं सुश्री लक्ष्मी करियारे को ममतामयी मिनीमाता कला कौशल सम्मान प्रदान किए गए। इसके अलावा संयुक्त राज्य अमेरिका (यू.एस.ए.) सहित भारत के 125 कलमकारों को "कलमकार साहित्य अलंकरण 2023" प्रदान किए गए। कलमकार अलंकरण प्राप्त करने वालों में गणेश्वर आजाद, दिलीप कुमार खोटे "आशु के शहजादा", मणिशंकर दिवाकर गदगद, अश्वनी कोसरे, बुंदराम जांगड़े, मनोज कुमार मन, कार्तिक पुराण, सुखदेव सिंह अहिलेश्वर, जुगेश बंजारे, सुरजीत क्रान्ति, वेदप्रकाश खाण्डेकर, श्रीमती कौशिल्या खुराना, डॉ. राखी कोर्राम, जलेश्वरी गेंदले, भारती नंदनी, मीराआर्ची चौहान, श्रीमती गंगाशरण पासी, मोहन सतऋषु, अनील कुमार मौर्य , राजेन्द्र कश्यप, ओमप्रकाश पात्रे, डॉ. यशपाल निराला, डॉ. कुंज किशोर, मंजू कुंज, चैतराम टण्डन, रमेश रसिय्यार, तिलक तनौदी, पुष्पराज देवहरे, अनिल जाँगड़े, लक्ष्मीकांत, दिलहरण घृतलहरे , उत्तम कुमार राय,दीनदयाल टंडन इत्यादि साहित्यकार शामिल हैं। कार्यक्रम का उम्दा संचालन विख्यात गायक-कवि जुगेश बंजारे धीरज ने तथा आभार प्रदर्शन प्रसिद्ध गजलकार मनोज खाण्डे 'मन' ने किया। छत्तीसगढ़ कलमकार मंच कबीरधाम से सुखदेव सिंह, अश्वनी कोसरे , चैतराम सम्मिलित हुए|

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