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कलेक्टर ने खेती-किसानी कार्यों की तैयारियों की समीक्षा की : गन्ना उत्पादक किसानों को राजीव गांधी किसान न्याय योजना का लाभ के लिए एकीकृत किसान पोर्टल में पंजीयन कराना अनिवार्य

कवर्धा। कलेक्टर जनमेजय महोबे ने समय-सीमा की बैठक में राज्य शासन की प्राथमिकता वाली सभी योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की और अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए।कलेक्टर महोबे ने खरीफ विपणन वर्ष 23-24 के लिए जिले के किसानों द्वारा की जा रही खेती-किसानी की प्रारंभिक तैयारियों की जानकारी ली। उन्होने किसानों के लिए जिले के सेवा सहकारी समितियों में उपलब्ध खाद्-बीज, जैविक और रसायनिक खाद, अग्रिम उठाव की समीक्षा की। कलेक्टर ने कहा कि मानसून आते ही खेती-किसानी कार्यों में तेजी आ जाती है, इसलिए समितियों के माध्यम से किसानो को खाद्-बीज का अग्रिम उठाव के लिए प्रोत्साहित करें। कलेक्टर ने जिले में जैविक खेती की निर्धारित लक्ष्य की भी जानकारी ली। उन्होने कहा कि खुले बाजार में सायनिक खेती की उत्पादक अनाज की तुलना में जैविक खेती की अनाज सेहद के लिए ज्यादा लाभप्रद बताया जाता है, साथ ही रसायनिक आनाज की तुलना में जैविक अनाज का विक्रय अधिक मूल्य मे होता है, इसलिए किसानों को जैविक खेती के लिए भी प्रोत्साहित करें। कलेक्टर ने बैठक में जिले के गन्ना उत्पादक किसानों को राजीव गांधी न्याय योजना का लाभ दिलाने के लिए एकीकृत किसान पोर्टल में गन्ना फसल का पंजीयन कराने के लिए कृषि विभाग के अधिकारी को आवश्यक निर्देश दिए।
बैठक उपसंचालक कृषि राकेश शर्मा ने बताया कि जिले में भण्डारित एवं समितियों उपलब्ध रसायिनिक, जैविक खाद् और बीज की पूरी जानकारी दी। उन्होने बताया कि जिले में खरीफ वर्ष 23 के लिए मांग अनुपात में सेवा सहकारी समितियों में कुल 9739मैट्रिक टन यूरिया, डीएपी 7157 मै.टन, एसएसपी 5708 मै.टन, एमओपी 1056 मै.टन और एनपीके 815 मै.टन कुल 24780 मैट्रिक टन उर्वरकों की भंण्डारण कराया जा चुका है। जिले के तीन डबल लाक केन्द्रों में भी 24683 मै.टन उर्वरक उपलब्ध है। इसी प्रकार निजी कृषि केन्द्रों में यूरिया 4610 मैटन, डीएपी 2370टन, एसएसपी 2860 मै.टन,एमओपी 267 मै.टन और एनपीके 291 मैटन कुल 10398 मेटन उर्वरक उपलब्ध है। बैठक में बताया कि गया कि खरीफ वर्ष 2023 के लिए यूरिया 266.50 रूपए प्रति बोरी,डीएपी 1350 रूपए प्रति बोरी, एमओपी 1699 प्रति बोरी, एसएसपी 475 प्रति बोरी पाउडर और 515 दानेदार प्रति बोरी 495 जिंकेटेड प्रति बोरी और एनपीके 1200 प्रति बोरी शासन द्वारा विक्रय के लिए निर्धारित की गई है। किसानों द्वारा किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम रासायनिक उर्वकरों का भंडारण और मांग के आधार पर किसानों के अग्रिम उठाव कराया जा रहा है।

राजीव गांधी किसान न्याय योजना से जिले में धान और लघु धान्य फसलों की रकबा बढ़ा

बैठक में बताया गया कि राजीव गांधी किसान न्याय योजना को सुखद परिणाम देखने को मिल रहा है। इस योजना से किसानों को अधिक लाभ मिल रहा है। यही वहज है कि जिले में धान औ लघु धान्य फसलों का रकबा बढ़ा रहा हैं। इन फसलों के बीज की मांग के आधार पर वर्तमान में जिले में धान, कोदो,कुटकी, रागी और मक्का अनाज वाली फसलों के 14795 क्विंटल,अरहर, मूक, उडद और कुल्थी दलहन फसल के लिए 137 क्विंटल, सोयाबीन, मूंगफली एवं तिल-तिलहन फसल के लिए 5795 क्विंटल एवं सन-ढेचा 280 क्विंटल, कुल 22240 क्विंटल बीज वितरण का लक्ष्य प्राप्त हुआ है। इसी प्रकार जिले में जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। बैठक में बताया कि रसायनिक खेती की तुलना में जैविक खेती उत्पादन आनाज का मार्केट में मांग सबसे ज्यादा रहती है और उच्चम दर पर जैविक आनाज की विक्री होती है, इसलिए किसान स्वयं से अधिक लाभ लेने के लिए जैविक खेती की ओर बढ़ रहे है। सभी समितियो में उच्चगुणवत्ता युक्त जैविक खाद का भण्डारण और उनका अग्रिम उठाव किया जा रहा है। कलेक्टर ने बैठक में इसके अलावा राज्य सरकार की रोजगारमूलक योजना ,सीमार्ट, ग्रामीण उद्योगिक पार्क रिपा, सार्वभौम पीडीएस, राजीव गांधी भूमिहीन मजदूर न्याय योजना की प्रगति की समीक्षा की। बैठक में बेरोजगारी भत्ता के पात्र हितग्राहियों को रोजगार के लिए दक्ष्य बनाने के लिए उन्हे कौशल विकास से जोड़ने के लिए निर्देश दिए। बैठक में अपर कलेक्टर इंद्रजीत बर्मन, ज़िला पंचायत सीईओ संदीप अग्रवाल, संयुक्त कलेक्टर दीप्ति गौते, एसडीएम प्रकाश चंद कोरी, एसडीएम संदीप ठाकुर, डिप्टी कलेक्टर संदीप ठाकुर, लेखा अजगल्ले, आकांक्षा नायक सहित समस्त अधिकारी उपस्थित थे।

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