बोड़ला नगर का बढ़ाया अभिमान नगर की बेटी हॉकी खिलाड़ी गीता यादव ने देश में नाम किया रोशन ,अब गीता यादव को हर साल 6 लाख 20 हजार रुपए दिए जाएंगे,जोगी कांग्रेस ने किया सम्मान
बोड़ला। नगरपंचायत बोड़ला की बेटी गीता यादव का चयन खेलो इंडिया की वार्षिक स्कालरशिप के लिए चयन किया गया है । गीता का चयन खेल विभाग की ओर से बिलासपुर में संचालित पहली बोर्डिग अकादमी में ट्रेनिंग ले रही है । खिलाड़ी का चयन पिछले दिनों राजनांदगांव में हुए वेस्ट जोन जूनियर हॉकी चैपिंयनशिप में प्रदर्शन के आधार पर कैम्प के लिए किया गया । जिसके बाद चयनित सभी खिलाड़ियों का एसेसमेंट कैम्प दिल्ली में 16 से 20 मई तक आयोजित कर स्कालरशिप के लिए शॉर्टलिस्ट किया गया । खेलो इंडिया वार्षिक स्कॉलरशिप के तहत 72 लोग ट्रायल दिये थे जो अलग अलग राज्य के थे जिसमें 17 लोगो का चयन स्कॉलरशिप के लिए हुआ था जिसमे छत्तीसगढ़ बोड़ला की बेटी गीता का नाम था । जिससे नगरवासियों में काफी उत्साह रहा ।अब गीता यादव को हर साल 6 लाख 20 हजार रुपए दिए जाएंगे । इसके लिए जोगी कांग्रेस के जिलाध्यक्ष सुनील केशरवानी ने मैदान पहुँचकर अपनी पार्टी जोगी कांग्रेस की ओर से इनके परिवार ,कोच को बधाई शुभकामनाए दिया ।इस दरमियान अजित जोगी छात्र मोर्चा प्रदेश सचिव अनिल निर्मलकर ,सोसल मीडिया प्रभारी धर्मेंद्र कश्यप ,नगर उपाध्यक्ष जय अवस्थी सहित हॉकी खिलाड़ी ,एवम उनके कोच हिमांशु चन्द्रवंशी ,राजा चन्द्रवंशी मौजूद थे ।
खेत को इंजीनियर साहब ने बनाया था मैदान ,अपने खर्च में प्रारंभ किया था हॉकी सिखाना – कुछ वर्ष के लिए एक कम्पनी में कार्यरत इंजियनर के एल चौहान सड़क निर्माण कार्य मे बोड़ला पहुचे थे । इस दरमियां अपने खर्च से ,खेत को ही मैदान बनाकर जहां रहते थे वहां के आसपास की बच्चियों को हॉकी सिखाना प्रारम्भ किया । काफी परेशानी भी हुई थी इन बच्चीयों के माता पिता को हॉकी सीखने के लिए सहमति बनाने के लिए । सबसे बड़ी बात ये भी थी कि इंजीनियर साहब स्वयं कभी हॉकी नही खेले थे सिर्फ यू ट्यूब से सीखकर इन्हें सिखाते थे ।
बोड़ला में हॉकी खेल विलुप्त न हो जाए ,क्योंकि शासन प्रशासन का सहयोग नही – जोगी कांग्रेस के जिलाध्यक्ष सुनील केशरवानी ने कहा कि प्रतिभाएं बहुत है हमारे जिला में बस उन्हें तराशने की जरूरत है लेकिन शासन प्रशासन की अनदेखी से बोड़ला में हाकी विलुप्त न हो जाए । पहले इंजीनियर सर सिखाते थे अब दो युवा हिमांशु चन्द्रवंशी और राजा चन्द्रवंशी इन हॉकी खिलाड़ियों को ट्रेन करते है जिनकी संख्या 35 होगी ,ये दोनों भी कहते है कि गरीब घर की लड़कियां अभी सीखने आती है इनके पास जूते ,हाकी सटीक ,बाल भी नही होते है ।हम लोग भी बेरोजगार है कब तक सिखाते रहेंगे जब जॉब मिल जाए तो हम भी चलें जाएंगे फिर इन्हें कौन सिखाएगा ? हॉकी हमारा राष्ट्रीय खेल है लेकिन इस ओर कोई ध्यान नही देता है । आज इस खेल को बचाने की जरूरत है । जिलाध्यक्ष सुनील केशरवानी ने कहा कि बोड़ला की हॉकी खिलाड़ी बेटियों को और उनके कोच को शासन से कुछ सहयोग नही मिलता है ,अभावों में नगर की बेटिया सीख रही है । कुछ माह पहले मंत्री अकबर जी आए कुछ हमदर्दी दिखाया फ़ोटो खिंचाया वादा किया फिर चले गए और आज तक इन्हें कुछ नही मिला है ।