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“छन्द के छ” के स्थापना दिवस-2023 के अवसर पर पुस्तक विमोचन, सम्मान समारोह और राज्य स्तरीय कवि सम्मेलन का हुआ आयोजन

कवर्धा। “छन्द के छ” के स्थापना दिवस-2023 के अवसर पर पुस्तक विमोचन, सम्मान समारोह और राज्य स्तरीय कवि सम्मेलन का हुआ आयोजन। कवर्धा के विख्यात कवि श्री अश्वनी कोसरे ने बताया कि छत्तीसगढ़ का पहला ” हरिगीतिका छंद” लेखन का गौरव -बोधनराम निषादराज।इस अवसर पर छत्तीसगढ़ी भाषा में छत्तीसगढ़ का प्रथम पुस्तक हरिगीतिका छंद (छत्तीसगढ़ी छंद संग्रह) का विमोचन किया गया । साथ ही कृतिकार को प्रथम “हरिगीतिका छंद” के लेखन के लिए ” छत्तीसगढ़ी छंद रतन सम्मान -2023″ से सम्मानीय किया गया। छंद के छ के संस्थापक , गुरु छंदविद् श्री अरुण कुमार निगम जी के मार्गदर्शन बेमेतरा के समाधान महाविद्यालय में अतिथियों की गरिमामर उपस्थिति में आयोजित हुआ।
“छन्द के छ” के स्थापना दिवस-2023 के अवसर पर पुस्तक विमोचन, सम्मान और राज्य स्तरीय कवि सम्मेलन सम्पन्न हुआ।

मुख्य अतिथि- मोहित राम वर्मा जी वरिष्ठ साहित्यकार बेमेतरा
अध्यक्षता -डॉ. अवधेश पटेल (संचालक
समाधान महाविद्यालय, बेमेतरा )
विशिष्ट अतिथि- श्री ताराचंद माहेश्वरी (समाजसेवी, बेमेतरा )
डॉ. सुधीर शर्मा ( हिन्दी विभागाध्यक्ष, कल्याण महाविद्यालय भिलाई)श्री सत्यप्रकाश सिंह (प्रकाशक शिक्षादूत प्रकाशन, रायपुर)द्वारा दिनाँक – 14 मई 2023, रविवार, स्थान- समाधान महाविद्यालय, बेमेतरा छत्तीसगढ़ में कार्यक्रम विधिवत माँ सरस्वती और छत्तीसगढ़ी भाषा महतारी की पूजा, अर्चना व वंदन करते हुआ प्रारंभ हुआ।

प्रथम सत्र- दीप प्रज्ज्वलन, पहुना स्वागत, और पुस्तक विमोचन

1. चोवाराम वर्मा ‘बादल’ श्री सीताराम चरित (महाकाव्य),
हमर स्वामी आत्मानंद (चम्पूकाव्य), माटी के चुकिया (बालगीत)
2. मनीराम साहू ‘मितान’- गजामूँग के गीत
3. बोधन राम निषादराज ‘विनायक’ हरिगीतिका छन्द संग्रह
4. विजेन्द्र कुमार वर्मा – मनहरण धनाक्षरी
5. कन्हैया साहू ‘अमित’ करता कौन कमाल (हिन्दी)

(विद्वान वक्ता मन के विचार, कृतिकार मन के उद्बोधन )
पुस्तक समीक्षक- जितेंद्र वर्मा खैरझिटिया,इंद्राणी साहू, मनीराम ‘मितान’ अश्वनी कोसरे, बलराम चंद्राकर ने प्रस्तुत की|

दूसरा सत्र – छत्तीसगढ़ी छन्द रतन सम्मान – 2023

(छत्तीसगढ़ी भाषा में छन्द विधा पर प्रकाशित किताब के लिए)

1. शुचि ‘भवि’ – छन्द फुलवारी
2. धनेश्वरी सोनी ‘गुल’- सवैया छन्द संग्रह
3. विजेन्द्र कुमार वर्मा – मनहरण धनाक्षरी संग्रह
4. बोधन राम निषादराज – छन्द कटोरा, हरिगीतिका संग्रह
5. द्वारिका प्रसाद लहरे ‘मौज’- छन्द गीत बहार
6. सुखदेव सिंह अहिलेश्वर ‘अँजोर’- बगरय छन्द अँजोर
7. मनीराम साहू ‘मितान’- गजामूँग के गीत
8. चोवाराम वर्मा ‘बादल’- श्री सीताराम चरित (छन्द बद्ध महाकाव्य )
तीसरा सत्र- मुख्य अतिथियों का आशीर्वचन और छन्दमय छत्तीसगढ़ी कवि सम्मेलन
डाॕ सुधिर शर्मा ने आनलाइन गुरुकुल छंद के छ की सफलता
के लिए छंद के छ परिवार की अनुशासन,छंद साधना के तरिके
और आयोजन की महत्ता को रेखाकित करते हुए भारत की पहली गुरुकुल की संज्ञा दी|
गुरुदेव अरूण कुमार निगम जी ने अपने आधार व्यक्तव्य में कहा कि छंद के छ छत्तीसगढ़ी साहित्य के समृद्धि और संवर्धन के लिए समर्पित भाव से कटिबद्ध है|
आज एक इतिहास बन गया
जिसमें छत्तीसगढ़ी में प्रथम छंद बद्ध महाकाव्य श्री सीताराम,प्रथम चंपू काव्य- “हमर स्वामी आत्मा नंद”
प्रथम हरिगीतिका छंद संग्रह
विमोचित हुआ| जो छत्तीसगढ़ी भाषा व साहित्य के लिए धरोहर है|
मुख्य अतिथि एवं वरिष्ठ साहित्यकार मोहितयवर्मा ने कहा कि छंद काव्य का आधार है,
रस,छंद और अलंकार के साथ ही भावयुक्त कविता लिखें|
कविता मंगलकारी, लोक चेतना के लिए व प्रेरित करने वाली हो|
राज्य के 20 जिलो से शताधिक छंदकार सिरकत किये|
कवर्धा कबीरधाम से वरिष्ठ साहित्यकार समयलाल ‘विवेक’
छंदकार ज्ञानू दास, सुखदेव सिंह ‘अहिलेश्वर’, बोधन राम, द्वारिका प्रसाद, अश्वनी कुमार, भागवत, देवचरण धुरी सम्मिलित हुए|
संयोजक- ईश्वर साहू ‘आरुग’ वीरेंद्र वर्मा,सुनील शर्मा और “छन्द के छ” परिवार, बेमेतरा इकाई की संयोजकत्व में पूर्णतः सफल रहा| इस शानदार आयोजन के लिए
सभी को बधाई|

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