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पोषण पखवाड़ा कार्यक्रम का हुआ समापन : पोषण पखवाड़ा में जन जागरूकता रैली और पोषण मेला का किया गया आयोजन

कवर्धा। कलेक्टर जनमेजय महोबे के निर्देश पर महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा जिले के आंगनबाड़ी केन्द्रों में 20 मार्च से 3 अप्रैल तक पांचवां पोषण पखवाड़ा मनाया गया। महिला एवं बाल विकास की ओर से मनाए जा रहे इस पखवाड़ा का उद्देश्य, जन आंदोलन और जन भागीदारी के माध्यम से पोषण के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाना और खान-पान की स्वस्थ आदतों को बढ़ावा देना है।

जिला कार्यक्रम अधिकारी आनंद तिवारी ने बताया कि पोषण पखवाड़ा के दौरान आयोजित हुए कार्यक्रम 15 दिवस चले। इस पखवाड़े में आंगनबाड़ी केन्द्रो में प्रतिदिन अलग-अलग थीम पर कार्यक्रम आयोजित किए गए। जिसमें मोटे अनाजों में उपलब्ध पोषक तत्वों के विषय पर आधारित अनाजों की रंगोली, पोषण आधारित फैंसी ड्रेस प्रतियोगिता, पोषण रैली, जागरूकता शिविर, समूहों की बैठक, आंगनबाड़ी केन्द्रां में अन्नप्राशन-गोदभराई आदि कार्यक्रम आयोजित किए गए। उन्होंने बताया कि प्रसार के लिए आंगनवाड़ी केंद्र एवं परियोजना स्तर पर अलग-अलग गतिविधियां आयोजित की गई। आंगनवाड़ी केंद्र पर पोषण रैली, प्रभात फेरी, स्व सहायता समूह के साथ बैठक, गृह भ्रमण, हैंड वाशिंग, वृद्धि निगरानी, पोषण वाटिका की स्थापना, बैठक का आयोजन, दिवाल लेखन, किशोरी समूह की बैठक, प्रश्नोतरी, चित्रकारी, निबंध रंगोली प्रतियोगिता का आयोजन, योग एवं आयुष आदि गतिविधियां आयोजित की गई।

उन्होंने बताया कि मोटे अनाज आधारित खाद्य पदार्थों को पूरक पोषण से जोड़ने, घर-घर तक पहुंचने, आहार परामर्श शिविर आदि के आयोजन के माध्यम से पोषण-कल्याण के लिए मोटे अनाज को बढ़ावा देना और इन्हें लोकप्रिय बनाने जागरूक किया गया। स्वस्थ बालक प्रतिस्पर्धा समारोह के तहत अच्छे पोषण, अच्छे स्वास्थ्य और तंदुरुस्ती के लिए प्रतिस्पर्धा की स्वस्थ भावना पैदा करके परिभाषित मानकों के अनुरूप ‘स्वस्थ बालक’ की पहचान कर और इसका उत्सव मनाया गया। सक्षम आंगनबाड़ियों को लोकप्रिय बनाने आंगनवाड़ियों को लोकप्रिय बनाने और जागरूकता बढ़ाने के लिए अभियान चलाए गए।

पोषण पखवाड़ा की थीम

पोषण पखवाड़ा 2023 की थीम है- “सभी के लिए पोषणरू एक साथ, स्वस्थ भारत की ओर।” 2023 को अंतर्राष्ट्रीय मोटे अनाज वर्ष के रूप में घोषित होने के साथ, इस वर्ष पोषण पखवाड़ा का केंद्र-बिंदु, कुपोषण को दूर करने के लिए एक मूल्यवान संपत्ति के रूप में ’श्री अन्न’ जिसे सभी अनाजों की जननी कहा जाता है, को लोकप्रिय बनाने पर था।

पोषण पखवाड़ा की कब हुई शुरुआत

जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री तिवारी ने बताया कि प्रधानमंत्री ने 8 मार्च 2018 को पोषण अभियान शुरू किया था। जो कि लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करने और पोषण पर चर्चा को मुख्यधारा में लाने में सहायक रहा है। पोषण अभियान की शुरुआत पोषण संबंधी परिणामों में समग्र रूप से सुधार लाने के उद्देश्य से की गयी थी। कुपोषण-मुक्त भारत के वांछित लक्ष्यों को प्राप्त करने का एक महत्वपूर्ण घटक है। व्यक्तिगत और सामुदायिक स्तर पर व्यवहार परिवर्तन। उन्होंने बताया कि पोषण पखवाड़ा प्रत्येक वर्ष मार्च के महीने में 15 दिनों तक मनाया जाता है। इसी तरह, सितंबर के महीने को, राष्ट्रीय पोषण माह के रूप में मनाया जाता है। जिले में पोषण पखवाडे़ के समापन कार्यक्रम का आयोजन ग्राम समनापुर के आंगनबाड़ी केन्द्र में किया गया, जिसमें जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री आनंद तिवारी, सेक्टर पर्यवेक्षक श्रीमती स्मिता सिंह, श्रीमती सरोज शर्मा, क्षेत्र की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिकाएं, समनापुर की सरपंच श्रीमती मुराला पटेल ,गर्भवती ,शिशुवती महिलाएं व अन्य ग्रामीण जन सम्मिलित हुए। कार्यक्रम में गर्भवती माताओं की गोदभराई, 6 माह पूर्ण किए बच्चां का अन्नप्राषन, स्वस्थ्य शिशु प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।

उल्लेखनीय है कि जिले में कुपोषण को दूर करने के लिए चरणबद्ध ढंग से पोषण अभियान चलाया जा रहा है। इसके तहत जीरो से 6 वर्ष तक के बच्चों एवं गर्भवती दूध पिलाने वाली माताओं के स्वास्थ्य एवं पोषण स्तर में समयबद्ध तरीके से सुधार के लिए महत्वाकांक्षी मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान चलाया जा रहा है। जिले में पोषण के प्रति जागरूकता के लिए कई योजनाएं भी चलाई जा रही हैं। इनमें आगनबाड़ी केंद्र के माध्यम से बच्चों और गर्भवति, किशोरियों को जागरूक किया जाता है। प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, मुख्यमंत्री बाल संदर्भ योजना, पोषण पुर्नवास केन्द्रों में गंभीर कुपोषित बच्चों का स्वास्थ्य देखभाल, पूरक पोषण आहार कार्यक्रम का संचालन किया जा रहा है।

पोषण पखवाड़ा में जन जागरूकता रैली और पोषण मेला का किया गया आयोजन

एकीकृत बाल विकास सेवा परियोजना चिल्फी में आज पोषण पखवाड़ा के समापन में जन रैली और पोषण मेला का आयोजन किया गया। जन रैली और पोषण मेला में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, सेक्टर पर्यवेक्षक और परियोजना अधिकारी सभी इस रैली और आयोजन में शामिल हुए।परियोजना अधिकारी चिल्फी नमन देशमुख ने बताया की पोषण पखवाड़ा का आयोजन राष्ट्रीय स्तर पर 20 मार्च 2023 से 3 अप्रैल 2023 तक किया गया। इसी क्रम में परियोजना चिल्फी के कार्यकर्ताओं द्वारा जन जागरूकता के लिए रैली निकाली गई। जिसमें पोषण और सेहत से संबंधित नारे साथ ही स्वास्थ्य उपयोगी बैनर और पोस्टरों का प्रदर्शन किया गया।

इस रैली का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण जनों में कुपोषण और बच्चों के सर्वांगीण विकास की जानकारी प्रदान करना था। उन्होंने बताया कि पोषण मेला अंतर्गत व्यंजन प्रदर्शनी का आयोजन किया गया, जिसमें छत्तीसगढ़ शासन द्वारा प्रदायित रेडी टू ईट निर्मित खुरमी पूरी गुलगुला जैसे व्यंजन साथ ही मोटे अनाज से निर्मित अन्य व्यंजन जैसे कोदो से निर्मित खीर, रागी से निर्मित एयरसा तथा कुटकी से निर्मित मीठा व्यंजन तैयार किया गया था जो प्रदेश में संचालित मिले मिशन से प्रेरित है। इन व्यंजनों की रेसिपी बच्चों की माताओं के साथ साझा की गई जिससे वह उन्हें प्रदायित तमंकल-जव-मंज से घर पर बच्चों को ऐसे दिलचस्प भोजन खिला सके जिससे पूरा पोषण आहार का उद्देश्य पूरा हो सके।

इस अवसर पर ग्रामीण जनों और माताओं को कुपोषण मुक्ति हेतु जरूरी सावधानियां और अन्य महत्वपूर्ण जानकारियां दी गई। मेले में उपस्थित सभी सदस्यों को स्वल्पाहार की व्यवस्था भी कार्यालय द्वारा ही की गई थी । इस अवसर पर परियोजना अधिकारी चिल्फी श्री नमन देशमुख, पर्यवेक्षक मीना मौर्या, सोना धुर्वे, सप्तुन्निषा सिद्दीकी सहित आंगनबाड़ी कार्यकर्ताएं उपस्थित थे।

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