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ये सब कानून को ठेंगा दिखा रहे…:धड़ल्ले से मोडिफाइड हो रही बाइक, साइलेंसर की आवाज से लोग हो रहे परेशान

कवर्धा।युवाओं का शौक दूसरों के लिए परेशानियां बन रहा है, इन दिनों नगर में बुलेट का सायलेंसर मोडिफाइड कर कुछ युवा लगातार घूम रहे हैं। बटन दबाकर ये बुलेट से धमाके की आवाज निकालते हैं। इससे बच्चों के कानों को खतरा है, तो वहीं दिल के मरीजों के लिए ऐसा करना घातक हो सकता है। आरटीओ व पुलिस से कई बार शिकायतें की गई, पर युवाओं की इस करतूत पर कोई लगाम नहीं लग सकी है। जिससे ये लोग वेखौफ हैं।

बाइक और कारों में छेड़छाड़ करके उनकी आवाज को बदला जा रहा है। बाइक में मोडिफाइड साइलेंसर लगाकर पटाखे फोड़ने, गोली चलने और धमाका होने जैसी आवाज निकाली जा रही है। इनकी कर्कश आवाज से राहगीर विचलित तो हो ही रहे हैं, गली-मुहल्लों में महिलाएं और बीमार बुजुर्ग भी बहुत परेशान हैं। कोई भी बड़ी कंपनी मोडिफाइड साइलेंसर नहीं बनाती, लेकिन बाजार में एससी, एक्रापॉल, इंडोरेंस, पंजाब ढोलकी, इंदौर आदि कई नाम से मोडिफाइड साइलेंसर बिक रहे हैं।

शहर के बस स्टैंड, अस्पताल राेड, लालपुर रोड, मुख्य बाजार सहित पूरे शहर में थोड़ी-थोड़ी देर में बुलेट के साइलेंसर से निकली ठांय ठांय की आवाज सुनने को मिल रही है। बाइक चलाना हमेशा से ही युवाओं का शौक रहा है, लेकिन वर्तमान में युवाओं में बुलेट का क्रेज बना है, इन बुलेट को भी युवाओं ने मोडिफाइड कराया है। खास तरह के धमाकों की आवाज के लिए सायलेंसर को मोडिफाइड कराया जा रहा है।

सायलेंसर से ठांय ठांय की आवाज निकालने के लिए एक बटन लगाया जाता है। जब भी बटन को दबाया जाता है तभी सायलेंसर से तेज ठांय की आवाज़ निकली है, जो रात के अंधेरे में किसी अवैध हथियार से गोली चलाना जैसा लगता है। युवाओं के पास नगर में एक नहीं इस तरह दर्जनों बुलेट बाइक है। इन बुलेट को नगर के गली-मोहल्लों में ऐसी आवाज निकालते हुए दौड़ाया जा रहा है। इन युवाओं को परिवहन विभाग व पुलिस का खौफ नहीं है।

इनकी कीमत 1500 से 4500 रुपए तक की है। फिटिंग चार्ज अलग से 100 से 250 रुपए देना पड़ता है। पहले 150 सीसी की बुलेट, अपाचे, पल्सर, एवेंजर जैसी बाइक में ही फिट की जाती थी, लेकिन अब 100 या 110 सीसी की बाइक में भी इसे लगाया जा रहा है। इसी तरह मौत के कुएं में चलने वाली बाइक की तरह आवाज का चलन भी युवाओं में बढ़ रहा है। बाइक मैकनिक दीपक सोनी ने बताया कि इसके लिए एयर फिल्टर को निकाल दिया जाता है। ये कानूनन गलत है लेकिन धड़ल्ले से इसका चलन बढ़ रहा है।

प्राइवेट गाड़ियों में हूटर कोई कार्रवाई नहीं..
खुद को वीआईपी दिखाने के लिए प्राइवेट गाड़ियों में हूटर लगवाए जा रहे हैं। कई छुटभैये नेताओं ने अपनी गाड़ी में हूटर लगवा रखे हैं। बाजार में कई कंपनियों के हूटर बिक रहे हैं। इनकी कीमत 550 रुपए से 3000 रुपए तक है। ज्यादातर मैकनिक इसके लिए फिटिंग चार्ज
नहीं लेते।

120 डेसिबल से ज्यादा आवाज साइलेंसर में
नियम के मुताबिक एक बाइक या कार के चलने के दौरान 80 डेसिबल से ज्यादा आवाज नहीं निकलनी चाहिए। लेकिन मोडिफाइड साइलेंसर बदलने से 120 डेसिबल से ज्यादा की कर्कश आवाज निकलती है। सुप्रीम कोर्ट ने भी ऐसी गाड़ियों को लेकर टिप्पणी की है।

सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन का नहीं हो रहा पालन

मोडिफाइड साइलेंसर से 120 डेसीबल की आवाज निकलती है। इससे कान का पर्दा फट सकता है। कान में सीटी बजने जैसी आवाज आने लगती है। आदमी बहरा भी हो सकता है। सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन है कि 85 डेसीबल से ज्यादा के हार्न नहीं होने चाहिए, लेकिन मोटर व्हीकल एक्ट में अब तक इसे नहीं जोड़ा गया है। अब भी 100 डेसीबल से ज्यादा के हार्न लगाए जा रहे हैं। इसका असर ये भी होता है कि कई जगह विवाद की स्थिति निर्मित होती है। जहां जहां से ऐसी गाड़ियां गुजरती हैं, महिलाओं और बुजुर्गों को खासी परेशानी होती है। उन इलाकों में जहां गलियां हैं और हास्पिटल्स हैं, वहां मरीजों को काफी परेशानी होती है। पुलिस को इस संबंध में सख्त कदम उठाने चाहिए।

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