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लक्ष्मी पूजन के लिए शास्त्रानुसार 31 अक्टूबर को ही करें पूजा: चंद्रप्रकाश उपाध्याय

आशु चंद्रवंशी, बड़ेगौटिया/कवर्धा । कार्तिक कृष्ण अमावस्या के अवसर पर लक्ष्मी पूजन के लिए इस वर्ष कुछ असमंजस की स्थिति उत्पन्न हो रही है। ज्योतिर्मठ के सीईओ चंद्रप्रकाश उपाध्याय ने बताया कि संवत 2081 के अनुसार, अमावस्या तिथि 31 अक्टूबर 2024 को सायंकाल 3:12 बजे प्रारंभ हो रही है और 1 नवंबर को 5:14 बजे समाप्त होगी।

उपाध्याय ने स्पष्ट किया कि शास्त्रों के अनुसार लक्ष्मी पूजन केवल 31 अक्टूबर को ही करना चाहिए, क्योंकि इस दिन प्रदोष काल और स्थिर व्रष लग्न का संयोग है। उन्होंने बताया, “स्थिर लग्न में लक्ष्मी का पूजन करने से धन की स्थिरता बनी रहती है।”

इस वर्ष धनतेरस का पूजन 29 अक्टूबर को किया जाएगा, जिसमें नए सामान लाने से धन में वृद्धि के संकेत प्राप्त होते हैं। इसके बाद 30 अक्टूबर को नरक चतुर्दशी का व्रत मनाने की सलाह दी गई है।

उपाध्याय ने आगे कहा, “1 नवंबर को अन्नकूट गोवर्धन पूजा नहीं होगी। यह पूजा 2 नवंबर को होगी, जबकि भाई दूज का पर्व 3 नवंबर को मनाया जाएगा।”

उन्होंने श्रद्धालुओं से आग्रह किया कि वे शास्त्रानुसार पूजा-पाठ का पालन करें ताकि इस पवित्र अवसर का अधिकतम लाभ उठा सकें।

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