समोसे का ठेला लगाने वाले ने भरा नामांकन : कहा- जीतने के बाद संसद में पूरे होंगे सभी काम
आशु चंद्रवंशी,बड़ेगौटिया/कवर्धा। लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण के लिए नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो गई है. राजनांदगांव लोकसभा सीट के लिए कवर्धा के समोसा बेचने वाले अजय पाली ने नामांकन फार्म खरीदा है. उनका कहना है कि यदि वे चुनाव जीतते हैं तो सबसे पहले कवर्धा जिले में रेल सुविधा के लिए प्रयास करेंगे। इसके अलावा जनता के मुद्दों को संसद तक लेकर जाएंगे।
अजय पाली ने बताया कि नेताओं के वादों से परेशान होकर वह चुनावी रण में कूदे हैं। उन्होंने सभी प्रत्याशियों को कड़ी टक्कर देने की भी बात कही है। वहीं, पोस्टर और बड़े खर्चे वाला चुनाव न लड़कर घर-घर जाकर वोट मांगने की बात कही है। पाली ने बताया कि वह समोसा बेचने का काम करते हैं, जिससे उनके परिवार का जीवन यापन होता है। राजनांदगांव लोकसभा क्षेत्र के मुद्दे को लेकर वह जनता के बीच जाएंगे।
अजय पाली अब तक तीन बार लोकसभा चुनाव चुनाव और तीन बार विधानसभा चुनाव लड़ चुके कवर्धा के समोसा वाले बाबा अजय पाली ने इस बार राजनांदगांव से चुनाव लड़ने की तैयारी की है। उन्होंने बकायदा पहले ही दिन नामांकन पत्र भी ले लिया है। राजनांदगांव संसदीय क्षेत्र क्रमाक 6 के लिए जारी हुई अधिसूचना के पहले दिन समोसा वाले बाबा अजय पाली नामांकन लेने पहुंचे।
उन्होंने बकायदा नामांकन पत्र के लिए 25 हजार रुपये जमा किये। वो आज भी 10 रुपये का चार समोसा बेचते हैं। समोसा बेचकर अपनी आजीविका चलाने वाले अजय पाली उर्फ बाबा ने विधानसभा चुनाव भी लड़ा था, उन्हें शिवसेना ने टिकट दिया था। ये बात अलग है कि आज तक वो एक भी चुनाव जीते नहीं हैं। अजय पाली का कहना है कि वो जीतने या हारने के लिए चुनाव नहीं लड़ रहे हैं, बल्कि उनके मन में जनता की सेवा करने की प्रबल भावना है।
यही वजह है कि कम रकम और संसाधन के अभाव होने के बाद भी वे चुनाव मैदान में खड़े हैं. बता दें कि इससे पहले भी बाबा 3 बार चुनाव लड़ चुके हैं. दो बिलासपुर लोकसभा से और एक राजनांदगांव लोकसभा सीट से चुनाव लड़ चुके हैं। वहीं नगर पालिका चुनाव में भी अपनी किस्मत आजमा चुके हैं। अजय पाली ने अपनी दुकान का नामकरण नहीं किया है बल्कि लोगों ने ही इस दुकान का नाम रख लिया है।
लोग इन्हें बाबा समोसा वाले के नाम से जानते हैं। पूरे शहर में इनके समोसे की काफी डिमांड है. बाबा की दुकान की खासियत यही है कि यहां कभी भी ठंडा समोसा नहीं मिलता।खरीदने वाले को 20 मिनट से भी ज्यादा इंतजार करना पड़ता है. चुनाव प्रसार के चलते अभी दुकान में समय कम दे पा रहे हैं, लेकिन जब भी समय मिलता है बिना संकोच अपने मूल काम में जुट जाते हैं. शिवसेना का पट्टा गले में लगा. समोसा बनाने के हुनर के साथ लोगों को अपनी ओर खींचने की जुगत में लगे रहते हैं।