रसोइया संघ ने मानदेय बढ़ाने को लेकर किया विरोध प्रदर्शन
कवर्धा। जिले में रसोइया संघ ने मानदेय बढ़ाने को लेकर विरोध प्रदर्शन किया। प्रमुख मांगों में मध्यान्ह भोजन रसोईया को कलेक्टर दर पर मानदेय,मध्यान्ह भोजन रसोईया को नियमित करके चतुर्थ वर्ग कर्मचारी का दर्जा दिया जाने,मध्यान्ह भोजन रसोईया को बिना कारण निकालना बंद किया जाए। मध्यान्ह भोजन रसोईया कर्मचारी को कलेक्टर दर पर मानदेय देकर नियमित करते हुये चतुर्थ वर्ग कर्मचारी का दर्जा दिया जाना चाहिए। अपनी प्रमुख तीन सुत्रीय मांग को लेकर संघ ने मुख्यमंत्री व प्रधानमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। जिसे जल्द से जल्द पूरा करने की मांग की गई है। मांग न मानने पर जिला स्तर के प्रदर्शन के बाद आगे राज्य स्तर पर राज्य सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला जाएगा।
रसोइया संघ की तरह से अपने मांग में कहा गया है कि उनका मानदेय केवल 15 सौ रूपये है। राज्य सरकार ने हाल के बजट में केवल तीन सौ रूपये बढ़ाया है। जिसके बाद 18 सौ हुए है,इतने पैसे में बच्चों की कापी किताब का खर्च नहीं निकल सकता। तो रसोइया अपना परिवार कैसे चलाएंगे। ऐसे में उन्हें कम से कम कलेक्टर दर पर मानदेय दिया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने उनका मानदेय केवल तीन सौ रूपये बढ़ाया है। जो कहीं से सही नहीं है,जब तक मांग पूरी नहीं होती। तब तक हड़ताल जारी रहेगा,आगे राजधानी रायपुर में प्रदर्शन की तैयारी चल रही है। छग मध्यान्ह भोजन रसोईया संघ की ब्लॉक लोहारा की अध्यक्ष लता सेन ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को तीन सूत्रीय मांग को लेकर ज्ञापन दिया गया है।
बजट में मात्र 300 रुपए की बढ़ोत्तरी
सरकार ने बजट में रसोईया कर्मचारी लोगों के लिये मात्र 300 रूपये की वृद्धि की है, जो कि आज की महंगाई दौर में न के बराबर है। रसोईया कर्मचारी विगत 27 वर्षों से 5 से 6 घंटा प्रतिदिन शासकीय स्कूल में सेवा देते आ रहे हैं। सरकार का एक कर्मचारी 25 से 30 बच्चे को खाना पकाकर खिलाते हैं। उसका 5000 हजार रुपए मानदेय और सरकार का दूसरा कर्मचारी 5 से 6 घंटा प्रतिदिन भोजन पकाकर बच्चे को खिलाते हैं। उसका 1800 सौ रूपये मात्र ये कैसा न्याय है। इस अवसर पर उमाशंकर, पवन बघेल, कोमल, भगवान दास, राजेन्द्र जोगी, दयाराम दुग्गा, राजेश यादव, निर्मला निषाद, योगेश दिवान, विनय टंडन, रेवा सोनी सहित अन्य मौजद रहे।