इनामी नक्सलियों के सरेंडर पर सरकार देगी 10 लाख:शहीदों के परिजनों को जमीन खरीदने में 20 लाख की मदद, नई एंटी नक्सल नीति
नक्सलवाद के विरूद्ध विश्वास, विकास व सुरक्षा की नई नीति का सीएम बघेल की अध्यक्षता में किया अनुमोदन
रायपुर। छत्तीसगढ़ प्रदेश की सरकार अब नई एंटी नक्सल नीति के तहत काम करेगी। इसे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की कैबिनेट ने मंजूरी दी है। नई नीति में अन्य राज्यों के पीड़ित व्यक्ति को भी मुआवजे के लिए पात्र किया गया है। सरकार इस नीति पर मदद की राशि को भी बढ़ा रही है।
नक्सल उन्मूलन के लिए राज्य में लागू विश्वास, विकास व सुरक्षा की कार्ययोजना को अब नक्सलवाद के विरूद्ध नई नीति बनाया जाएगा। नई नीति में नक्सल हिंसा से पीड़ितों को मिलने वाली मुआवजा राशि को दोगुना करने तथा नक्सल मोर्चे पर बलिदान देने वाले जवानों के स्वजनों को कृषि भूमि खरीदने के लिए 20 लाख रुपये की सहायता देने का प्रविधान किया जा रहा है। तीन वर्ष के भीतर भूमि क्रय करने पर दो एकड़ भूमि की स्टाम्प ड्यूटी तथा पंजीयन शुल्क से पूर्ण छूट दी जाएगी। घायल जवानों को आवश्यकता होने पर कृत्रिम अंग प्रदान किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में शुक्रवार को विधानसभा के सभागार में आयोजित राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में नई नक्सल उन्मूलन नीति का अनुमोदन किया गया। सरकार नक्सलवाद से निपटने के लिए विश्वास विकास व सुरक्षा की त्रिवेणी पर पूर्व से ही काम कर रही है। अब इसी नीति के आधार पर नक्सलियों के विरूद्ध लड़ाई तेज करने की तैयारी है। नई नीति को लागू करने के लिए विभागों को 60 दिन का समय दिया गया है। यह नीति पांच वर्ष तक प्रभावी रहेगी।
नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार तथा विकासमूलक कार्य किए जाएंगे। मनवा नवा नार योजना के तहत समग्र विकास केंद्रों की स्थापना की जाएगी। अनुसूचित क्षेत्रों, वन क्षेत्रों के लिए लागू कानूनों तथा नियमों का पालन प्रभावी ढंग से किया जाएगा।
आत्मसर्पितों की पुनर्वास नीति में बदलाव-
आत्मसमर्पित नक्सलियों के पुनर्वास के लिए जिला स्तर पर कलेक्टर की अध्यक्षता में समिति गठित करने का प्रविधान नई नीति में किया गया है। कठिनाई होने पर राज्य स्तर पर अपर मुख्य सचिव या प्रमुख सचिव गृह की अध्यक्षता मंे गठित समिति निर्णय लेगी। विभिन्न् विभागों के सहयोग से आत्मसमर्पितों के लिए अनेक सुविधाओं का प्रविधान किया गया है।
हथियार के साथ सरेंडर वाले नक्सलियों को अब तक प्रति राउंड पांच रुपये की प्रोत्साहन राशि मिलती थी जिसे बढ़ाकर 50 रुपये किया गया है। आत्मसमर्पितों को नक्सल पीड़ितों के समान सुविधाएं व मुआवजा आदि देने का प्रविधान किया गया है। पांच लाख से अधिक के ईनामी नक्सली के समर्पण पर 10 लाख रुपये की अतिरिक्त सहायता दी जाएगी।
तीन वर्ष तक यह राशि बैंक में एफडी रहेगी। इसका ब्याज आत्मसमर्पित को मिलेगा। इसके बाद चाल चलन अच्छा होने पर राशि उसको दी जाएगी। आत्मसमर्पित नक्सली तीन वर्ष के भीतर भूमि क्रय करते हैं तो दो एकड़ तक स्टाम्प ड्यूटी व पंजीयन में पूर्ण छूट दी जाएगी। नक्सल मोर्चे पर तैनात आत्मसमर्पित नक्सलियों को आइजी सीधे पुलिस विभाग में नियुक्त कर पाएंगे।
नक्सल पीड़ितों के लिए यह हैं नए नियम-
नक्सल हिंसा से पीड़ितों के लिए हत्या, चोट, संपत्ति को नुकसान आदि पर अब तक दी जाने मुआवजा राशि को दोगुना किया गया है। आवश्यकता होने पर कृत्रिम अंग दिए जाएंगे। शिक्षा, स्वास्थ्य सहित सभी विभागों की योजनाओंं का लाभ दिया जाएगा। परिवार के कमाने वाले व्यक्ति की हत्या होने पर स्वजन को सरकारी नौकरी अथवा भूमि खरीदने के लिए 15 लाख रुपये तथा स्टाम्प ड्यूटी व पंजीयन में छूट का प्रविधान किया गया है। राज्य में हिंसा का शिकार होने वाले अन्य राज्यों के व्यक्ति भी मुआवजा के पात्र होंगे।