छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुइया उइके सोमवार को आरक्षण संशोधन विधेयक को देंगी मंजूरी
रायपुर। छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुइया उइके ने शनिवार को कहा कि वह सोमवार को आरक्षण संशोधन विधेयकों को मंजूरी दे देंगी। राज्यपाल उइके ने कहा, ‘मैं पूरी तरह से विधेयक के पक्ष में हूं, मैं विपक्षी दलों को भी पिछड़े वर्ग के लिए कोटा 58 से बढ़ाकर 75 करने के फैसले का समर्थन करने के लिए धन्यवाद देता हूं। मैं सोमवार तक विधेयक को मंजूरी दे दूंगी।’
छत्तीसगढ़ विधानसभा ने शुक्रवार को सर्वसम्मति से राज्य में कुल कोटा 76 फीसदी तक ले जाने के साथ ही विभिन्न श्रेणियों की आबादी के अनुपात में सरकारी नौकरियों में आरक्षण और शिक्षण संस्थानों में प्रवेश से संबंधित दो संशोधन विधेयक पारित कर दिए।
छत्तीसगढ़ विधानसभा ने शुक्रवार को सर्वसम्मति से राज्य में कुल कोटा 76 फीसदी तक ले जाने के साथ ही विभिन्न श्रेणियों की आबादी के अनुपात में सरकारी नौकरियों में आरक्षण और शिक्षण संस्थानों में प्रवेश से संबंधित दो संशोधन विधेयक पारित कर दिए। EWS के लिए 4 प्रतिशत का किया गया प्रावधान
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ लोक सेवा (अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग आरक्षण) संशोधन विधेयक और छत्तीसगढ़ शैक्षणिक संस्थान (प्रवेश में आरक्षण) संशोधन विधेयक पेश किया, जो पांच घंटे से अधिक चली बहस के बाद पारित हुए।
विधेयकों के अनुसार, अनुसूचित जनजाति (एसटी) को 32 प्रतिशत, अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को 27 प्रतिशत और अनुसूचित जाति (एससी) को 13 प्रतिशत, जबकि आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए (ईडब्ल्यूएस) सार्वजनिक रोजगार और शिक्षण संस्थानों में प्रवेश में 4 प्रतिशत का प्रावधान किया गया है।
मुख्यमंत्री ने सभी दलों से छत्तीसगढ़ में आरक्षण के नए प्रावधानों को नौवीं अनुसूची में शामिल करने के लिए प्रयास करने का आग्रह किया।अनुसूचित जनजाति को मिला 32 प्रतिशत का आरक्षण
आरक्षण संशोधन विधेयक में अनुसूचित जनजाति को 32 प्रतिशत, अनुसूचित जाति को 13 प्रतिशत और अन्य पिछड़ा वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण दिया गया है। इसी प्रकार छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने कहा, राज्य के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को 4 प्रतिशत आरक्षण का लाभ मिलेगा।
उन्होंने आगे कहा, ‘मध्य प्रदेश लोक सेवा (अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण) 1994, छत्तीसगढ़ राज्य में अपनाया गया था और इस अनुकूलन के लंबे समय के बाद, यह केवल 2011-12 में ही तत्कालीन समकालीन राज्य सरकार जाग गई।’
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की कुल आबादी में ईडब्ल्यूएस आबादी के लिए 3.48 प्रतिशत के आंकड़े सामने आते हैं, जबकि सरकार ने उनके लिए 4 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया है। इसी तरह ओबीसी की आबादी राज्य की आबादी का 42.41 फीसदी है जबकि हमने उनके लिए 27 फीसदी आरक्षण का प्रावधान किया है।