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उपज का पूरा धान खरीदने का निर्णय लेने पर प्रधानमंत्री मोदी का छत्तीसगढ़ के किसानों की ओर से अभिनंदन :भाजपा जिला अध्यक्ष अशोक साहू

धान खरीदी को लेकर बघेल का कथन झूठा, केंद्र सरकार धान खरीदी के लिए 80 फीसदी पैसा देती है -सांसद संतोष पांडे

प्रधानमंत्री मोदी के कार्यकाल में धान का समर्थन मूल्य 873 रुपए बढ़ा, खाद में सब्सिडी बढ़ाकर 1.08 लाख करोड़ रुपए करके किसानों को बड़ी राहत दी

कवर्धा।भारतीय जनता पार्टी कार्यालय में आज केंद्र की भाजपा सरकार द्वारा इस वर्ष धान खरीदी में ऐतिहासिक बढ़ोतरी के विषय को लेकर एक महत्वपूर्ण प्रेस वार्ता की गई. इस प्रेस वार्ता में राजनांदगांव कवर्धा क्षेत्र के सांसद संतोष पांडे, भाजपा जिला अध्यक्ष अशोक साहू, पूर्व संसदीय सचिव मोतीराम चंद्रवंशी और जिला मीडिया प्रभारी जसविंदर बग्गा उपस्थित रहें. सांसद संतोष पांडे ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार ने इस वर्ष छत्तीसगढ़ प्रदेश से 86.5 लाख मीट्रिक टन चावल अर्थात 1.30 करोड़ मीट्रिक टन धान की बंपर खरीदी करने का निर्णय लेकर छत्तीसगढ़ के किसानों को सौगात दी है। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने छत्तीसगढ़ के किसानों की पूरी उपज की खरीदी की व्यलस्था कर दी है, इसके लिए छत्तीसगढ़ के किसान केंद्र सरकार का अभिनंदन करते हैं। भाजपा इसकी जानकारी छत्तीसगढ़ के प्रत्येक किसानों तक पहुँचाएगी और प्रयास करेगी कि प्रदेश का हर किसान प्रधानमंत्री श्री मोदी को पोस्टकार्ड लिखकर धन्यवाद ज्ञापित करेंगे।
उन्होंने प्रदेश सरकार पर आरोप लगाया कि प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बार-बार यह झूठ बोलते हैं कि किसानों का पूरा धान प्रदेश सरकार खरीदती है, जबकि सच्चाई यह है कि केंद्र सरकार ने अब तक धान खरीदी के लिए प्रदेश सरकार को 74 हजार करोड़ रुपए से अधिक की राशि का भुगतान किया है जिसकी बदौलत प्रदेश के किसानों का धान खरीदी जा सका।
जिला भाजपा अध्यक्ष अशोक साहू ने प्रेस वार्ता को प्रारंभ करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार यह बताए कि उसने प्रदेश के किसानों को कितना पैसा स्वयं की मद से दिया है? प्रदेश के लबरा मुख्यमंत्री केंद्र सरकार पर केवल झूठे आरोप लगाने का काम करते हैं। यदि केंद्र सरकार चावल नहीं खरीदती है तो क्या प्रदेश सरकार में इतना दम है कि वह किसानों की उपज का पूरा धान खरीद सके? हकीकत तो यह है कि प्रदेश की कुल उपज का 82 फीसदी धान चावल के रूप में केंद्र सरकार ही खरीदती है। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने स्वयं यह बात रायपुर की जनसभा में कही थी। दु:खद तो यह है कि प्रधानमंत्री के कथन को मुख्यमंत्री ने तब झूठा करार दिया था? जो सरकार अंतर की राशि का भुगतान समय पर एकमुश्त नहीं कर सकती, वह किस आधार पर पूरा धान खरीदने का दावा कर रही है? सांसद संतोष पांडे ने पिछले लोकसभा सत्र में कांग्रेस के व्यवहार पर भी अपनी बातें रखीं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार समर्थन मूल्य के मुद्दे पर झूठ बोल कर किसानों को गुमराह कर रही है। कांग्रेस ने प्रति क्विंटल धान की कीमत 2500 रुपये देने का वादा तब किया था जब समर्थन मूल्य 1750 रुपए प्रति क्विंटल था। तब कांग्रेस की सरकार को किसानों को प्रति क्विंटल धान की खरीदी पर 750 रुपये का बोनस देना था लेकिन कांग्रेस की सरकार ने चालबाजी करते हुए उन्हें अंतर की यह राशि नहीं दी। अब धान का समर्थन मूल्य प्रति क्विंटल 2184 रुपये है। इसमें 750 रुपए जोड़कर इस सरकार को प्रति क्विंटल धान की खरीदी पर किसानों को लगभग लगभग 3000 रुपये देना चाहिए। यह भी स्पष्ट है कि इस दौरान हर साल केंद्र सरकार ने धान का समर्थन मूल्य बढ़ाया लेकिन कांग्रेस की भूपेश बघेल सरकार ने भाजपा की केंद्र सरकार द्वारा किसानों को दी गई राहत का लाभ नहीं दिया। यह किसानों के साथ सरासर धोखेबाजी है। भूपेश बघेल सरकार ने किसानों के हक का पैसा हड़पा है। केंद्र सरकार किसानों के 20 क्विंटल धान खरीदने पर सहमत हो गई है और इसमें प्रदेश की भूपेश सरकार का कोई रोल है ही नहीं।
छत्तीसगढ़ में 40.78 लाख किसान हैं जिनके खातों में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की राशि पहुँचनी चाहिए लेकिन छत्तीसगढ़ में सिर्फ 22 लाख किसानों के खातों में सम्मान निधि की राशि पहुँच रही है। प्रदेश के 18 लाख से भी ज्यादा किसानों के खातों में सम्मान निधि की राशि नहीं पहुँचने के लिए प्रदेश की कांग्रेस सरकार दोषी है।

आँकड़ेवार विवरण देते हुए उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा किसानों के हित में उठाए गए कदमों की विस्तार से चर्चा की और कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी के कार्यकाल में धान का समर्थन मूल्य 873 रुपए बढ़ा है। खाद में सब्सिडी 35 हजार करोड़ रुपए से बढ़ाकर प्रधानमंत्री श्री मोदी ने 1.08 लाख करोड़ रुपए करके किसानों को बड़ी राहत देने का काम किया है।
केन्द्र में प्रधानमंत्री श्री मोदी की सरकार आने के बाद धान का समर्थन मूल्य बढ़ने से किसानों को 17,500 रुपए अधिक मिलेंगे। पहले जब यही धान 1310 रुपए में किसान 15 क्विंटल बेचते थे तो उन्हें 19,650 रुपए मिलते थे। इस प्रकार अब किसानों को 17,500 रुपए ज्यादा मिलेंगे।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में डीएपी और यूरिया के दाम में बेतहाशा वृद्धि हुई है। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कार्यकाल में खाद पर किसानों को 38 हजार करोड़ रुपए जो सब्सिडी दी जाती थी, प्रधानमंत्री श्री मोदी ने उसे बढ़ाकर 1.08 लाख करोड़ रुपए कर दिया। इसके कारण छत्तीसगढ़ के किसान जो प्रति एकड़ खाद औसतन इस्तेमाल करते हैं, उसमें 8 हजार रुपए की अतिरिक्त सब्सिडी का लाभ किसानों को मिल रहा है। श्री पांडे ने कहा कि इस प्रकार 9 वर्ष में 17,500 रु. धान के मूल्य और 8 हजार रुपए सब्सिडी के मिलाकर किसानों को 25,500 रुपए प्रति एकड़ अतिरिक्त प्राप्त हो रहा है। यह अपने आप में बहुत बड़ी बात है। यह सब इसलिए हो पा रहा है कि सन 2014 में मनमोहन सरकार ने राष्ट्रीय स्तर पर मात्र 64 हजार करोड़ रुपए के अनाज की खरीदी देश के किसानों से की गई थी जबकि प्रधानमंत्री श्री मोदी के शासनकाल में पिछले साल अनाज की यह खरीदी 2.38 लाख रुपए तक पहुँच गई। मोदी सरकार लगभग चौगुनी अनाज खरीदी कर रही है।

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