गरीबों के हक पर डाका : मजदूरों से नही मशीनों से लिया जा रहा है कार्य, फर्जी आंकड़ा से वाहवाही ले रहा है विभाग
आशु चंद्रवंशी,बड़ेगौटिया/कवर्धा। कबीरधाम जिला में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के नियमो का खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही है। किसी भी स्थान पर मजदूर चार ,पांच इंच से ज्यादा की खुदाई नही कर रहे हैं और उसका पूरा भुगतान विभाग के द्वारा किया जा रहा है साथ ही नरेगा में निर्माण कार्य की स्वीकृति भी दिया जाता है जिसमे नाली , पुलिया , रिटर्निंग वाल, चेक डेम सहित अन्य कार्यों की स्वीकृति दिया जाता है जिसकी गद्दों की खुदाई मजदूरों के बजाए मशीन की किया जाता है जिसके चलते निर्माण कार्य पूर्ण होने के बावजूद मस्टरोल जारी किया जाता है । ऐसा नही की इसकी जानकारी ज़िम्मेदार को नही है लेकिन सभी की संलिप्तता देखने में मिलता है और राज्य स्तरीय वाहवाही बटोरी जाती हैं। पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान विधान सभा अध्यक्ष डा रमन सिंह के गृह ग्राम ठाठापुर (रामपुर )में दो वाल वाटर आउटलेट सह पिचिंग कार्य की स्वीकृति मिला है जिसमे अधिकारी गलत तरीके से प्राकालन तैयार कर लाखो रुपए खर्च करने में भिड़े हुए हैं ।
सरकारी खजाना में डाका
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत सहसपुर लोहारा जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम पंचायत ठाठापूर (रामपुर) में बहुत से मजदूरी मूलक और निर्माण कार्य की स्वीकृति प्राप्त हुआ है । यह गांव छत्तीसगढ़ के तीन बार के मुख्यमंत्री और वर्तमान में विधानसभा अध्यक्ष डा रमन सिंह के गृह ग्राम है । जहां पर बांधिया बड़े तालाब में दो वाल वाटर आउटलेट सह पिचिंग वर्क की स्वीकृति प्राप्त हुआ है जिसमे निर्माण कार्य प्रक्रिया में है। उक्त कार्य को देखने पर ही भ्रष्ट्राचार साफ साफ दिखाई दे रहा है।
बंधिया बड़े तालाब में ग्रामीणों का कब्जा
पूर्व मुख्यमंत्री और विधान सभा अध्यक्ष के गांव में बने बंधिया बड़े तालाब में गांव वालों का कब्जा है और उसमे खेती भी किया जाता है वर्तमान में उक्त तालाब में खेती करने के लिए खरपतवार की सफाई कर जुताई भी कर लिया गया है । इस तालाब में पूर्व में भी शासन की लाखो रुपए खर्च कर निर्माण कार्य किया है जो गुणवत्ताहीन होने के कारण जर्जर हो गया है। तालाब पर ग्रामीणों की कब्जा की जानकारी आला जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारियों को भी है ।
गलत तरीके से कार्य को कराया स्वीकृति
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत कोई भी कार्य की तकनीकी और प्रशासकीय स्वीकृति के लिए इंजीनियर और एस डी ओ के द्वारा प्राकलन तैयार किया जाता है। जब बंधीया बड़े तालाब पर ग्रामीणों ने कब्जा कर खेती करते हुए फायदा ले रहे है और पूर्व में उसमे लाखो रुपए सरकारी धन का व्यय भी किया गया है जिससे शासन को आर्थिक क्षति हुई है और दुबारा क्षति न ऐसा सोच रखकर कार्य करना चाहिए लेकिन तकनीकी अधिकारी अपने चहेतों को लाभ पहुंचाने के लिए कार्य स्वीकृति करने वाले अधिकारियो के पास गलत जानकारी प्रस्तुत कर निर्माण कार्य के लिए लाखो रुपए की पुनः स्वीकृति करा लिया गया है जो जांच का विषय है ।
नियम विरुद्ध ठेके पर कार्य
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के अधिनियम में कही पर भी कार्य को ठेके से कराने का प्रावधान नहीं है। नियमो और अधिनियमों का ठेंगा दिखाते हुए नरेगा के स्वीकृत कार्य को ठेके पर देते हुए पूर्ण कराया जा रहा है। निर्माण कार्य से संबंधित जानकारी के लिए तकनीकि सहायक को फोन करने पर उन्होंने बताया कि यह कार्य किसी ठेकेदार के द्वारा किया जा रहा है। जो अनुचित है।
नागरिक सूचना पटल नही
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत स्वीकृत कार्य आदेश में साफ साफ “कार्य प्रारंभ करने के पूर्व कार्य स्थल पर पक्का बोर्ड (ईट एवम सीमेंट से निर्मित ) जिसमे कार्य का विस्तृत विवरण उल्लेखित हो ,तथा शिकायत के निराकरण हेतु टोल फ्री नंबर 18002333302 उपलब्ध है “लिखा रहता है । इसका भी पालन नहीं किया गया है ।
समिति गठित कर जांच की आवश्यकता
उक्त निर्माण कार्य पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान में विधानसभा अध्यक्ष डा रमन सिंह के गृह ग्राम के अलावा पंचायत मंत्री विजय शर्मा के निर्वाचन जिला से जुड़ा हुआ हाई प्रोफाइल मामला है । इसके लिए उच्च स्तरीय जांच समिती गठित कर जांच शुरू करने से तरह तरह की अनियमितताएं उजागर होने की संभावनाओं से इंकार नहीं किया जा सकता और अपने चहेतों को लाभ पहुंचाने वाले अधिकारी कर्मचारियों का नाम भी सामने आने की संभावना है। यदि सूक्ष्मता से जांच होने पर कई जिम्मेदार लोग दोषी हो सकते हैं और कड़ी कार्यवाही होने की संभावनाओं से इंकार नहीं किया जा सकता ।