भोरमदेव अभ्यारण को मिला WTI से सहयोग : वन्य प्राणी प्रबंधन एवं वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 में किए गए अद्यतन संशोधन के संबंध में दिया गया प्रशिक्षण
आशु चंद्रवंशी,बड़ेगौटिया/कवर्धा। भोरमदेव अभ्यारण में अंतर्गत वन एवं वन्य प्राणियों के सुरक्षा एवं संवर्धन के उद्देश्य से वन विभाग दिन प्रतिदिन नए-नए तरीकों से प्रयास कर रहा है। इसी क्रम में वन विभाग के प्रयास से वन्य प्राणियों के संरक्षण एवं संवर्धन में कार्यरत एक एनजीओ WTI से भी सहयोग प्राप्त किया है। WTI एनजीओ का गठन 1998 में वन्य प्राणियों के उनके रहवास में उत्पन्न समस्याओं के समाधान हेतु किया गया है। डब्ल्यू टी आई वन्य प्राणियों के संरक्षण हेतु पूरे भारत में कार्यरत है यह संस्था वन्य प्राणियों के रह वास का सुदृढ़ीकरण, वन्य प्राणियों के रेस्क्यू,वन्य प्राणियों के रिइंट्रोडक्शन, वन कर्मियों का क्षमता विकास आदि विषयों पर निरंतर कार्य कर रही है।
संस्था से दिनांक 27 अप्रैल 2024 को डॉक्टर राजेंद्र मिश्रा जी कवर्धा आए, उनके द्वारा भोरमदेव अभ्यारण के कर्मचारियों को वन्य प्राणी प्रबंधन एवं वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 में किए गए अद्यतन संशोधन के संबंध में विस्तृत प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम में वन मंडल अधिकारी कवर्धा, अधीक्षक भोरमदेव अभ्यारण कवर्धा, वन परिक्षेत्र अधिकारी भोरमदेव एवं समस्त मैदानी कर्मचारियों के साथ-साथ सुरक्षा श्रमिक भी उपस्थित रहे। उनके द्वारा वन कर्मियों के ज्ञान वर्धन के साथ-साथ दैनिक उपयोग के साधन भी उपलब्ध करवाए। दैनिक उपयोग के साधनों में पानी बोतल सोलर लालटेन सोलर फैन पानी फिल्टर उपलब्ध कराए गए। इन साधनों की आवश्यकता मैदानी अमले को निरंतर पड़ती रहती है, इन साधनों के उपयोग से मैदानी अमले की कार्य क्षमता में उत्तरोत्तर वृद्धि होने की संभावना है।