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मिशन 2023:राजनीतिक दल उतरे मैदान में, माइक्रो लेवल पर प्लानिंग में जुटी पार्टियां, हर पार्टी बूथों को मजबूत करने में जुटी घर-घर पहुंचने की तैयारी

अगले साल राज्य में विधानसभा चुनाव होना है। चुनावी साल शुरू होने से पहले ही राजनीतिक दल माइक्रो लेवल पर रणनीति बनाने में जुट गई हैं। बूथों को मजबूत करने के लिए सभी दलों ने अपनी ताकत झोंक दी है। इसमें पदयात्रा से लेकर डोर टू डोर जनसंपर्क और ब्लॉक व जिले स्तर पर आंदोलन की रणनीति तैयार की जा रही है। मतदाता सूची में नाम जोड़ने के लिए भाजपा घर-घर जा रही है। जबकि कांग्रेस हाथ जोड़ो यात्रा शुरू करने जा रही है। वहीं जोगी कांग्रेस जन अधिकार पदयात्रा पर निकल चुकी है। दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी भी गांवों के स्तर पर लोगों को जोड़ने के अभियान में जुटी हुई है।

90 विधानसभाओं पर हर पार्टी कर रही तैयारी
22 हजारों बूथों को लक्ष्य बना की जा रही प्लानिंग
29 आदिवासी सीटों पर हर पार्टी लगा रही जोर
1.92 करोड़ वोटर थे 2018 की मतदाता सूची में

भाजपा- आंदोलन से लेकर केंद्र की योजना बताने तक की प्लानिंग
पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के प्रचंड बहुमत के बाद भाजपा सत्ता वापसी के लिए हर संभव तैयारी कर रही है। पार्टी ने संभागवार आंदोलनों का आगाज कर दिया है। इसके तहत राजधानी में बेरोजगारी के मुद्दे पर, बिलासपुर में महतारी हुंकार रैली के जरिए पार्टी ने चुनावी बिगुल फूंक दिया है। आने वाले समय में पार्टी प्रधानमंत्री आवास योजना को लेकर दुर्ग और इसी तरह आदिवासियों के मुद्दे पर बस्तर और सरगुजा में बड़ा आंदोलन करने की तैयारी में है।

इससे पहले पार्टी ब्लॉक और जिले स्तर पर भी आंदोलन करने की रणनीति पर काम कर रही है। इसके अलावा पार्टी मतदाता सूची के पुनरीक्षण के काम में भी जुटी हुई है। इसके लिए घर-घर लोगों से संपर्क किया जा रहा है। इस काम के लिए पार्टी ने बकायदा प्रदेश स्तर पर तीन नेताओं की एक कमेटी बना रखी है। दूसरी तरफ, पार्टी केंद्र सरकार की योजनाओं को लेकर भी आने वाले समय में घर-घर जाएगी। इस दौरान लोगों की समस्याओं को सुनने के साथ ही मोदी सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी जाएगी।

कांग्रेस- 22 हजार बूथ कमेटियों का रिव्यू करने की है तैयारी
कांग्रेस बूथ कमेटियों का रिव्यू कर रही है। राज्य में चार महीने पहले रिव्यू का काम शुरू हुआ था। राज्य की 22 हजार बूथ कमेटियों के रिव्यू का काम दिसंबर तक पूरा करने का लक्ष्य है। हालांकि, राष्ट्रीय अधिवेशन छत्तीसगढ़ में कराने के एआईसीसी के निर्णय के बाद इसमें कुछ देरी हो सकती है। बता दें कि अगले साल फरवरी में राज्य में पहली बार कांग्रेस का राष्ट्रीय अधिवेशन होना है। इसको लेकर संगठन के स्तर पर तैयारियों में पूरी पार्टी जुटेगी।

जिसकी वजह से दूसरे अन्य कार्यक्रम अभी कुछ समय के लिए स्थगित रहेंगे। हालांकि, जनता से सीधे संवाद के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल लगातार विधानसभाओं में भेंट मुलाकात कर रहे हैं। भारत जोड़ो यात्रा की तर्ज पर ही कांग्रेस 26 जनवरी से छत्तीसगढ़ में हाथ जोड़ो यात्रा शुरू करेगी। यात्रा प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र के बूथों को जोड़ने का काम करेगी। इस यात्रा को ब्लॉक लेवल तक ले जाने की तैयारी है। हर जिले में एक अधिवेशन होगा। अंत में एक बड़ी रैली का आयोजन कर इस यात्रा का समापन किया जाएगा। हालांकि,पार्टी ने अभी यात्रा का मार्ग तय नहीं किया है। लेकिन माना जा रहा है कि दिसंबर में होने वाली प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में यात्रा का विस्तृत प्लान बनेगा।

दरअसल, भारत जोड़ो यात्रा के उद्देश्य को जनता तक पहुंचाने के लिए कांग्रेस पार्टी हाथ जोड़ो यात्रा देश भर में निकालने जा रही है।

आप- एक बूथ पर 10 यूथ तैनात करने की प्लानिंग
आम आदमी पार्टी छत्तीसगढ़ में वन बूथ टेन यूथ को तैनात करने की रणनीति पर काम कर रही है। पार्टी गांव-गांव में लोगों से बुकलेट भरवाकर पार्टी की विचारधारा वाले लोगों की पहचान भी कर रही है। बताया जा रहा है कि पार्टी गुजरात विधानसभा चुनाव में इस रणनीति को आजमा चुकी है। हालांकि, छत्तीसगढ़ में पार्टी की पूरी कार्यकारिणी भंग है लेकिन प्रदेश अध्यक्ष कोमल हूपेंडी का मानना है कि पार्टी के पूर्व पदाधिकारी उसी शिद्दत के साथ काम में जुटे हुए हैं। इसी महीने पार्टी सभी 90 विधानसभाओं में पर्यवेक्षक नियुक्त कर सकती है। इसके बाद पार्टी पूरी तरह से मिशन 2023 में जुट जाएगी।

जोगी कांग्रेस- पदयात्रा पर निकली पार्टी
जोगी कांग्रेस ने पिछले महीने 26 नवंबर से जोगी जनअधिकार पदयात्रा शुरू कर दी है। प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी ने मस्तूरी विधानसभा के मल्हार से पदयात्रा शुरू की है। पार्टी अपने जनाधिकार वाले विधानसभाओं में सघन जनसंपर्क पर फोकस कर रही है। बताया जा रहा है कि पार्टी 40-45 विधानसभाओं में पदयात्रा निकालेगी। माना जा रहा है कि पार्टी इसके जरिए स्व अजीत जोगी की लोकप्रियता को अपने वोट बैंक को सहेजने में जुटी हुई है।

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