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खाद की कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ होगी कार्रवाई : कृषि उत्पादन आयुक्त ने बैठक में दिए निर्दश, कहा-खाद-बीज की आपूर्ति में कमी नहीं चाहिए

कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. कमलप्रीत सिंह ने मंत्रालय में कृषि, उद्यानिकी, सहकारिता एवं बीज निगम के अधिकारियों की संयुक्त बैठक लेकर राज्य में चालू रबी सीजन में फसलों की बोआई तथा किसानों को खाद-बीज की स्थिति की समीक्षा की है। कृषि उत्पादन आयुक्त ने अधिकारियों को खाद और बीज के वितरण व्यवस्था पर कड़ी निगरानी रखने के साथ ही जिलों की डिमांड के आधार पर उर्वरकों एवं रबी फसलों की बीज का भंडारण सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए।

डॉ. कमलप्रीत सिंह ने कहा कि किसी भी स्थिति में खाद-बीज की आपूर्ति में कमी नहीं होना चाहिए। किसानों को उनकी डिमांड के आधार पर उच्च गुणवत्ता के प्रमाणित बीज और उर्वरक उपलब्ध हो, यह सुनिश्चित करना विभागीय अधिकारियों की जिम्मेदारी है।

कृषि उत्पादन आयुक्त ने रबी फसलों के बीज एवं रासायनिक उर्वरकों की गुणवत्ता की जांच का संघन अभियान भी संचालित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जिला स्तरीय अधिकारी और उर्वरक निरीक्षकों की टीम खाद और बीज विक्रेता संस्थाओं से नियमित रूप से नमूने संकलित करें और उसका लैबोट्री टेस्ट कराएं। उन्होंने कहा कि खाद की कालाबाजारी करने वालों पर भी कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए।

बैठक में जानकारी दी गई कि चालू रबी सीजन में राज्य में 19.25 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में विभिन्न फसलों की बोनी का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिसमें अब तक 3.48 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में विभिन्न फसलों की बोनी की जा चुकी है, जो लक्ष्य का 18 प्रतिशत है। इसी तरह रबी वर्ष 2022-23 में 3 लाख 18 हजार क्विंटल प्रमाणित बीज वितरण का लक्ष्य रखा गया है, जिसके अंतर्गत एक लाख 25 हजार क्विंटल गेहूं, 96 हजार 900 क्विंटल चना, 15 हजार क्विंटल मटर, 4450 क्विंटल सरसो और 77 हजार 50 अन्य फसलों के बीज शामिल हैं। लक्ष्य के विरूद्ध अब तक सहकारी समितियों, शासकीय संस्थाओं सहित निजी क्षेत्रों में विभिन्न फसलों को 80 हजार क्विंटल बीज का भण्डारण कराया गया है, जिसमें से 15 हजार 217 क्विंटल बीज का वितरण किसानों को किया जा चुका है, जो कि बीज का 19 फीसदी है।

इसी तरह रबी सीजन वर्ष 2022-23 में 4.80 लाख मीट्रिक टन उर्वरक वितरण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिसमें यूरिया 2.24 लाख मीट्रिक टन, डीएपी 70 हजार मीट्रिक टन, एनपीके 35 हजार मीट्रिक टन, पोटाश 21 हजार मीट्रिक टन, सुपर फॉस्फेट एक लाख 30 हजार मीट्रिक टन शामिल हैं। मार्कफेड, सहकारी समितियों और निजी क्षेत्र में विभिन्न प्रकार के 3 लाख 62 हजार मीट्रिक टन उर्वरक भंडारित है, जिसमें से 37 हजार 166 मीट्रिक टन उर्वरक का वितरण किसानों को किया जा चुका है, जो कि भंडारित मात्रा का 10 प्रतिशत है। समीक्षा बैठक में विभागीय संचालक, प्रबंध संचालक बीज निगम, मार्कफेड एवं अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

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