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स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़, होली पर मिठाइयों में मिलावट : खाद्य निरीक्षण महज दिखावा, बाजार में मिलावटी मिठाइयों की भरमार

आशु चंद्रवंशी,कवर्धा। त्यौहार के नजदीक आते ही मिठाई सहित अन्य खाद्य पदार्थों की मांग काफी बढ़ जाती है। त्यौहारों में आमतौर पर मिठाई नहीं खाने वाले लोग भी खरीदारी करते हैं। मांग की तुलना में आपूर्ति कम होने का फायदा उठाने का मौका कुछ व्यवसायी-दुकानदार नहीं चूकते है और मिलावटी मिठाई का धंधा शुरू हो जाता है।

शहर में भी इन दिनों मिलावटी मिठाई का कारोबार जोरों पर है, जो स्वास्थ्य के लिए काफी नुकसानदेह है। सूत्रों की माने तो त्यौहारी सीजन में जमकर नकली मावा खपाया जाता है। होली पर्व के दौरान खाद्य एवं औषधि प्रशासन की सुस्त कार्यप्रणाली के चलते मिलावटी और अवमानक मिठाइयों की धड़ल्ले से बिक्री जारी है। कलेक्टर गोपाल वर्मा के निर्देशों के बावजूद विभागीय अधिकारियों की निष्क्रियता के कारण शहर में मिलावटी खोवा, नकली मावे और घटिया मिठाइयों की बिक्री पर रोक नहीं लग पा रही है।

सूत्रों के अनुसार, कवर्धा, पांडातराई, पंडरिया, बोडला, सहसपुर लोहरा और कुंडा में कई दुकानों पर बासी और अमानक मिठाइयां बेची जा रही हैं। हालांकि, खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने कुछ मिठाई दुकानों से नमूने लिए, लेकिन अब तक उनकी रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की गई, जिससे आम जनता में चिंता बढ़ रही है।

बाजार में खुलेआम बिक रही मिलावटी मिठाइयां

स्थानीय नागरिकों का कहना है कि त्योहारों पर प्रशासन की सख्ती केवल कागजों तक सीमित रहती है। कई प्रतिष्ठित मिठाई दुकानों पर भी नकली खोवा और मिलावटी घी से बनी मिठाइयां बेची जा रही हैं, लेकिन प्रशासन इस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर रहा।

खाद्य सुरक्षा नियमों का पालन नहीं

निरीक्षण के दौरान कई दुकानों पर साफ-सफाई की भारी अनदेखी पाई गई। अधिकांश मिठाई दुकानों में कर्मचारी बिना दस्ताने और कैप के काम कर रहे हैं, मिठाइयों की अवसान तिथि अंकित नहीं की जा रही है, और मिठाई बनाने में घटिया सामग्री का उपयोग किया जा रहा है।

अखबारी कागज में बिक रहे खाद्य पदार्थ

खाद्य विभाग की अपील के बावजूद अखबारी कागज में खाद्य पदार्थों की बिक्री जारी है। विशेषज्ञों के अनुसार, अखबार की स्याही में मौजूद हानिकारक रसायन स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक होते हैं, लेकिन प्रशासन इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा है।

प्रशासन की निष्क्रियता से बढ़ रहा खतरा

स्थानीय लोगों ने मांग की है कि प्रशासन मिठाई दुकानों पर नियमित जांच करे और दोषी व्यापारियों पर कड़ी कार्रवाई करे। यदि समय रहते प्रभावी कदम नहीं उठाए गए, तो होली के दौरान मिलावटी और नकली मिठाइयों के सेवन से जनस्वास्थ्य को गंभीर खतरा हो सकता है।

जांच करने के लिए एक ही अधिकारी

जिला बहुत बड़ा है, जिसके अलग-अलग शहरों में होटल, दुकान आदि संचालित हैं। इनकी संख्या सैकड़ों में होगी। इन सब की जांच का जिम्मा खाद्य एवं औषधी प्रशासन विभाग के जिम्मे है। विभाग में जांच के लिए एक खाद्य सुरक्षा अधिकारी पदस्थ है। जिसकी टीम पूरे जिले में कार्रवाई करती है। कम समय में टीम पूरे जिलेभर के होटलों व अन्य दुकानों में त्यौहार के अवसर पर बिकने वाली सामग्री की जांच नहीं कर पाती है।

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