सौम्या चौरसिया गिरफ्तार: ईडी ने मनी लांड्रिंग मामले में किया गिरफ्तार, कस्टडी में रखकर करेगी पूछताछ, CM बघेल बोले- ये राजनीतिक कार्रवाई है
रायपुर में ED ने बड़ी कार्रवाई की है। प्रदेश सरकार की उप सचिव सौम्या चौरसिया को अरेस्ट किया गया है। ED ने न्यायाधीश अजय सिंह की अदालत में शुक्रवार की शाम सौम्या को पेश किया। इससे पहले सौम्या को अंबेडकर अस्पताल ले जाया गया। रूटीन चेकअप के बाद उन्हें कोर्ट ले जाया गया। उन्हें अब 6 दिसंबर को पेश किया जाएगा। ईडी की कार्रवाई में ये 5वीं गिरफ्तारी है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस मामले में ईडी के खिलाफ तीव्र प्रतिक्रिया दी है।
अदालत में सौम्या को पेश कर ED ने पूछताछ के लिए वक्त मांगा। ED की तरफ से कहा गया कि कम से कम सप्ताहभर के लिए सौम्या को कस्टडी में रखकर पूछताछ करना चाहते हैं। ED ने दावा किया है कि कोल माइनिंग में अवैध लेन-देन और मनी लॉन्ड्रिंग के सिलसिले में सौम्या के खिलाफ कुछ अहम सबूत मिले हैं। अदालत से ED ने सौम्या की 14 दिनों की रिमांड मांगी। अफसरों ने कहा पूछताछ में समय लगेगा, बहुत से दस्तावेजों और सबूताें का परीक्षण चल रहा है। इस पर अदालत ने रिमांड की बात कबूल की मगर सिर्फ 4 दिन की रिमांड का आदेश किया है। 4 दिनों तक ED के जांच अफसर पूछताछ करेंगे।
सौम्या से पहले ED की गिरफ्त में कारोबारी सूर्यकांत तिवारी, लक्ष्मीकांत तिवारी और सुनील अग्रवाल आ चुके हैं। IAS समीर विश्नोई को भी पकड़ा गया था। ये चारों फिलहाल इसी केस में रायपुर की जेल में रखे गए हैं। ये सभी 6 दिसंबर तक न्यायिक रिमांड पर भेजे गए हैं। 6 तारीख को इनके मामले में कोर्ट सुनवाई करेगी।
मुख्यमंत्री ने किया ट्विट
इस पूरे मामले में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रतिक्रिया देते हुए अपनी बात ट्वीट की। CM ने लिखा- जैसा कि मैं कहता रहा हूं, ईडी द्वारा मेरी उप सचिव सौम्या चौरसिया की गिरफ्तारी एक राजनीतिक कार्रवाई है। हम इसके ख़िलाफ़ पूरी ताक़त से लड़ेंगे।
IASभी हैं अरेस्ट
2016 बैच के IAS अधिकारी समीर विश्नोई को ED ने 13 अक्टूबर को गिरफ्तार किया था। न्यायालय में उन्हें पहले आठ दिन और बाद में 6 दिन के लिए ED को रिमांड पर दिया था। यह रिमांड 27 अक्टूबर को पूरी हो रही थी। तब तक सरकार ने विश्नोई के संबंध में कोई एक्शन नहीं लिया। इस बीच 19 अक्टूबर को एक आदेश जारी कर छत्तीसगढ़ इंफोटेक प्रमोशन सोसाइटी-चिप्स में रितेश अग्रवाल को अस्थायी तौर पर मुख्य कार्यपालन अधिकारी नियुक्त कर दिया गया। समीर विश्नोई 2009 बैच के IAS अफसर हैं। छत्तीसगढ़ कैडर मिलने के बाद प्रदेश में कई अहम पदों पर रह चुके हैं। IAS समीर विश्नोई कानपुर के रहने वाले हैं। वहीं इनकी स्कूली पढ़ाई हुई। जेईई क्लियर किया और इन्हें IIT कानपुर में दाखिला मिला था।
करोड़ों रुपए के गहने मिल चुके हैं
प्रवर्तन निदेशालय-EDने विश्नोई के यहां छापा मारकर 47 लाख रुपए कैश और दो करोड़ रुपए कीमत के गहने बरामद किए थे। उसके बाद विश्नोई को गिरफ्तार कर लिया गया था। बाद में समीर को निलंबित भी कर दिया गया था। इस बीच 19 अक्टूबर को एक आदेश जारी कर छत्तीसगढ़ इंफोटेक प्रमोशन सोसाइटी-चिप्स में रितेश अग्रवाल को अस्थायी तौर पर मुख्य कार्यपालन अधिकारी नियुक्त कर दिया गया।