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कुसुमघटा मंडल में आरएसएस ने विजयादशमी पर्व मनाया :शस्त्र पूजन उत्सव भी हुआ, राष्ट्र सेवा के माध्यम से भारत को शिखर पर ले जाना संकल्प

आशु चंद्रवंशी,कवर्धा। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कुसमघटा मंडल ने विजयादशमी एवं शस्त्र पूजन उत्सव गुरुवार को  सरस्वती शिशु मंदिर प्रांगण कुसुमघटा में संपन्न हुआ।अपने बौद्धिक उद्बोधन में मुख्य अतिथि प्राचार्य सीपी चंद्रवंशी ने डॉ. केशव राव बलिराम हेडगेवार के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि डॉ. हेडगेवार ने सौ वर्ष पूर्व जिस संघ रूपी पौधे का बीजारोपण किया था, वह आज वटवृक्ष बनकर राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। उन्होंने कहा कि संघ का उद्देश्य सनातन परंपरा का संरक्षण करते हुए राष्ट्र सेवा के माध्यम से भारत को परम वैभव के शिखर पर ले जाना है।मुख्य वक्ता रोशन साहू ने अपने बौद्धिक उद्बोधन में बताया कि संघ की स्थापना 27 सितंबर 1925 को विजयादशमी के दिन हुई थी। उन्होंने इस अवसर पर संघ की गौरवशाली यात्रा का उल्लेख किया, जो 2025 में अपने 100 वर्ष पूरे करेगी। संघ के द्वारा पांच परिवर्तन के द्वारा मनुष्य के दैनिक जीवन में कैसे परिवर्तन ला सके इस पर उन्होंने अपने विचार व्यक्त किए इन पांच परिवर्तनों में सर्वप्रथम नागरिक कर्तव्य ,स्वदेशी ,पर्यावरण संरक्षण सामाजिक समरसता इन सभी बातों पर विभाग प्रचारक जी ने अपने विचार व्यक्त करते हुए इस ऐतिहासिक पड़ाव पर संघ के सभी स्वयंसेवकों और भारतीय समाज को शुभकामनाएं दीं। इस कार्यक्रम में शिवनाथ वर्मा, सुरेश वर्मा,उत्तरा वर्मा ,महानंद वर्मा ,ओमप्रकाश देवांगन ,संतोष निषाद ,संतोष वर्मा, आशु चंद्रवंशी,दिलहरण साहू, छेदीलाल निषाद , सुनिल वर्मा, प्रीतम वर्मा, विश्वामित्र वर्मा,तरुण, दीपेश, अमित, मुकेश,मुकेश,मोहन सहित सैकड़ों स्वयंसेवक उपस्थित रहे।

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