आम चर्चा

विश्व मानव दुर्व्यापार विरोधी दिवस पर कृषक सहयोग संस्थान ने बच्चों की सुरक्षा के लिए समन्वित कार्रवाई पर दिया जोर

कवर्धा। मानव दुर्व्यापार विरोधी दिवस के अवसर पर कृषक सहयोग संस्थान की पहल पर कबीरधाम जिले के स्वामी करपात्री जी शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कवर्धा में कार्यक्रम का आयोजन हुआ जिसमें बाल संरक्षण और बाल अधिकारों के क्षेत्र से जुड़े प्रमुख हितधारक एक साथ आए। इस कार्यक्रम में न्यायधीश अमन कुमार तिग्गा, श्रम निरीक्षक सीआर नंदा,प्राचार्या डीएस जोशी, प्रभा गहरवार,परमजीत कौर ने हिस्सा लिया और एक सुर से स्वीकार किया कि बाल दुर्व्यापार यानी बच्चों की ट्रैफिकिंग से निपटने के लिए सभी एजेंसियों व विभागों को साथ मिलकर कार्रवाई करने की सख्त जरूरत है ताकि ट्रैफिकिंग गिरोहों में कानून का भय पैदा हो सके। कृषक सहयोग संस्थान देश में बाल अधिकारों की सुरक्षा व संरक्षण के लिए 250 से भी अधिक नागरिक समाज संगठनों के देश के सबसे बड़े नेटवर्क जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन (जेआरसी) का सहयोगी संगठन है और कबीरधाम में बाल अधिकारों की सुरक्षा के लिए काम कर रहा है। जेआरसी बाल श्रम, बच्चों की ट्रैफिकिंग, बाल विवाह और बाल यौन शोषण के शिकार बच्चों की सुरक्षा और न्याय सुनिश्चित करने के लिए निरंतर कार्य कर रहा है।

बच्चों की ट्रैफिकिंग से निपटने में कानून प्रवर्तन एजेंसियों के सामने आने वाली वाली चुनौतियों पर चर्चा करते हुए कार्यक्रम में मौजूद अधिकारियों ने सामूहिक रूप से यह माना कि मौजूदा कानूनों के प्रति जागरूकता बढ़ाना, संवेदनशील तबकों को ट्रैफिकिंग गिरोहों और उनके कामकाज के तरीकों के बारे में संवेदनशील बनाना और सभी एजेंसियों के बीच समन्वय को मजबूत करना तत्काल जरूरी है, ताकि मुक्त कराए गए बच्चों के लिए तय समयसीमा में न्याय और पुनर्वास सुनिश्चित किया जा सके।

कृषक सहयोग संस्थान ने पिछले वर्ष के दौरान सैकड़ों बच्चों को बाल श्रम, ट्रैफिकिंग और बाल विवाह से बचाया है। संगठन ने यह रेखांकित किया कि बच्चों की ट्रैफिकिंग केवल बाल मजदूरी या मुनाफे के लिए यौन शोषण तक ही सीमित नहीं है। बहुत से बच्चे, खास तौर से लड़कियां, जबरन विवाह के लिए भी ट्रैफिकिंग का शिकार बनती हैं। यह एक एक ऐसी समस्या है जिसके बारे में कम ही चर्चा की जाती है और रोकथाम के उपायों पर भी ज्यादा बात नहीं होती।

कृषक सहयोग संस्थान के आशु चंद्रवंशी ने बताया कि जुलाई में कृषक सहयोग संस्थान ने बच्चों की ट्रैफिकिंग के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए बस स्टेशनों पर अभियान चलाया। चूंकि कबीरधाम जिले में रेल मार्ग नहीं है इसलिए ट्रैफिकिंग गिरोह अक्सर बच्चों को दूसरे राज्य ले जाने के लिए बस और टैक्सी का उपयोग करते हैं, इसलिए इस अभियान का फोकस विभिन्न संवेदन शील गांव,यात्रियों, बस ड्राइवर कंडेक्टर, विक्रेताओं, दुकानदारों,को बाल तस्करी के संकेतों की पहचान करने और संदिग्ध मामलों की सुरक्षित रूप से रिपोर्ट करने के लिए संवेदनशील बनाना था।

बच्चों की सुरक्षा के लिए सभी हितधारकों के बीच तालमेल व समन्वय की अहमियत और जिला प्रशासन के सहयोग को रेखांकित करते हुए कृषक सहयोग संस्थान के निदेशक डॉ एच बी सेन ने कहा, “अगर बच्चों की ट्रैफिकिंग रोकना है तो कानूनी कार्रवाई जरूरी है। बाल दुर्व्यापारियों को जब शीघ्र और सख्त सजा मिलेगी, तभी हम उनमें कानून का भय पैदा कर पाएंगे और यह भय ट्रैफिकिंग की रोकथाम के लिए सबसे असरदार उपाय साबित होगा। रोकथाम अभियानों की सफलता के लिए जिले में मजबूत प्रशासनिक समन्वय और समयबद्ध कानूनी कार्रवाई आवश्यक है। इस तरह से काम कर हम न सिर्फ बच्चों की सुरक्षा बल्कि उन ट्रैफिकिंग गिरोहों के नेटवर्क का भी खात्मा कर सकेंगे जो बच्चों का शिकार करते हैं।” विश्व मानव दुर्व्यापार विरोधी दिवस पर भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था जिसमें प्रथम एवं द्वितीय स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को पुरस्कृत किया गया। कार्यक्रम में न्यायाधीश अमन कुमार तिग्गा ने विभिन्न कानून के बारे पर जानकारी दिया, उन्होंने विश्व मानव तस्करी विरोधी दिवस पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कानूनी संबंधी जानकारी दिया और मानव तस्करी रोकने के उपाय बताए। बाल विवाह, बाल यौन शोषण, बाल श्रम की जानकारी देते हुए जागरुक किया गया। श्रम निरीक्षक सीआर नंदा ने भी मानव तस्करी और बाल श्रम पर अपने विचार व्यक्त किए। प्राचार्य डीएस जोशी और सभी अतिथियों  ने भी विश्व मानव दुर्व्यापार विरोधी दिवस पर अपने विचार व्यक्त किए। अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंट कर कार्यक्रम का समापन किया गया।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button