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पंडरिया विधायक भावना बोहरा ने विधानसभा में डायल 112 आपातकालीन सेवा के टेंडर प्रक्रिया, महिला उत्पीड़न एवं शिशुओं के वैक्सीन भण्डारण के संबंध में पूछा प्रश्न?

आशु चंद्रवंशी, कवर्धा। पंडरिया विधायक भावना बोहरा ने विधानसभा मानसून सत्र के तीसरे दिन डायल 112 आपातकालीन सेवा, महिला उत्पीड़न तथा नवजात शिशुओं की सुरक्षा हेतु वैक्सीन उपलब्धता एवं भण्डारण के संबंध में विधानसभा में प्रश्न पूछा। महिलाओं की मुखर आवाज बनकर उन्होंने पंडरिया विधानसभा अंतर्गत महिलाओं के साथ हुए उत्पीड़न एवं उनमें संलिप्त आरोपियों पर हुई कार्यवाही तथा महिलाओं से हो रहे अपराध पर अंकुश लगाने के लिए विधानसभा में मुद्दा उठाया। इसके साथ ही नवजात शिशुओं की सुरक्षा को लेकर भी उन्होंने टीकाकरण की उपलब्धता व भण्डारण की व्यवस्था और राज्य सरकार द्वारा आपातकाल सेवा के सञ्चालन को लेकर भी प्रश्न किया।

भावना बोहरा ने राज्य सरकार द्वारा डायल 112 आपातकालीन सेवा के संबंध में प्रश्न किया कि डायल 112 की आपातकालीन सेवा से सम्बन्धित अंतिम टेंडर किस दिनांक को समाप्त हुआ है? टेंडर की समाप्ति के उपरांत वर्तमान में इसका संचालन किस माध्यम से किया जा रहा है? 112 की व्यवस्थित टेंडर प्रक्रिया कब की जावेगी और इसके संचालन में विभाग द्वारा क्या मापदंड और प्राथमिकताएं तय की गई हैं? विभाग द्वारा 112 के सुव्यवस्थित संचालन के लिए अब तक कितने वाहन क्रय किए गए हैं और वर्तमान में इनमें से कितने वाहन कार्यरत हैं तथा इनके द्वारा अब तक तय की गई दूरी कितनी है? इस प्रश्न का लिखित उत्तर में उप मुख्यमंत्री जी ने बताया कि डायल-112 आपातकालीन सेवा से संबंधित टेंडर वर्तमान में समाप्त नही हुआ है। डायल-112 का व्यवस्थित टेंडर किया जाना प्रक्रियाधीन है। विभाग द्वारा डायल-112 योजना का 11 जिलों में संचालन हेतु 252 नग ईआरव्ही वाहन खरीदा गया था, जो वर्तमान में कार्यरत है। ERSS डायल-112 (द्वितीय चरण) का राज्य के सभी जिलो में क्रियान्वयन एवं संचालन हेतु कुल 396 नग ईआरव्ही वाहन खरीदे गये है। वर्तमान में कार्यरत ईआरव्ही वाहनों द्वारा माह 30 जून 2025 की स्थिति में 7,11,55,231 किलोमीटर की दूरी तय की गयी है।

भावना बोहरा ने महिला उत्पीड़न के संबंध में प्रश्न पूछा कि पंडरिया विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत जनवरी, 2023 से जून, 2025 तक महिलाओं से सम्बंधित उत्पीड़न, दहेज, आत्महत्या, हत्या एवं अन्य प्रकरण के कुल कितने आपराधिक मामले दर्ज हुए हैं? महिला सुरक्षा संबंधित दर्ज प्रकरणों में से कितने मामलों को निराकृत किया जा चुका है? उक्त प्रकरणों में से कितने मामले अभी भी लम्बित हैं? और महिलाओं की सुरक्षा हेतु गृह विभाग की पिंक थाने जैसी क्या कोई विशेष योजना पंडरिया विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत भी लागू की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक लागू की जावेगी? जिसके लिखित प्रतिउत्तर में उप मुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा जी ने बताया कि पण्डरिया विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत महिलाओं से संबंधित उत्पीड़न, दहेज, आत्महत्या, हत्या एवं अन्य प्रकरणों के कुल-336 मामले दर्ज हुए हैं, जिसमें 308 मामले निराकृत किये गये हैं एवं 28 प्रकरण विवेचनाधीन हैं। पिंक थाना के संबंध में उन्होंने बताया कि पंडरिया विधानसभा क्षेत्र कबीरधाम जिला अंतर्गत ही आता है। राज्य शासन द्वारा जारी अधिसूचना दिनांक 02.01.2025 अनुसार जिला कबीरधाम (कवर्धा) अन्तर्गत आने वाले सम्पूर्ण क्षेत्र के लिए महिला पुलिस थाना, कबीरधाम की स्थापना की गई है।

नवजात शिशुओं के स्वास्थ्य के संबंध में भावना बोहरा ने प्रश्न्कारते हुए पूछा कि जिला-कबीरधाम (छ.ग.) अंतर्गत नवजात शिशुओं को लगने वाली वैक्सीन के भंडारण की क्षमता कितनी है? स्वास्थ्य विभाग द्वारा नवजात शिशुओं हेतु वैक्सीन के भंडारण को लेकर निगरानी एवं रखरखाव हेतु कौन-कौन से नियम बनाए गए हैं? उक्त नियमों के पालन हेतु क्या कोई कमेटी गठित की जाती है? यदि हां, तो कमेटी का संचालन किसके द्वारा किया जाता है? यदि नहीं तो वैक्सीन भंडारण की निगरानी की जवाबदारी जिले स्तर पर किनकी होती है? नवजात शिशुओं को वैक्सीन देने के क्या नियम एवं मापदण्ड हैं? क्या बच्चों को वैक्सीन देने के पूर्व उक्त मापदण्ड अनुसार जाँच की जाती है? यदि वैक्सीन देने के पश्चात बच्चों के साथ कोई भी दुर्घटना या हानि होती है तो उसकी जवाबदारी किसकी होती है ?

प्रश्न का लिखित उत्तर देते हुए लोक स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल जी ने बताया कि जिला कबीरधाम (छ.ग.) अंतर्गत नवजात शिशुओं को लगने वाली वैक्सीन के भंडारण की कुल क्षमता 3682 लीटर प्रतिमाह है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा वैक्सीन भंडारण को लेकर निगरानी एवं रखरखाव हेतु कोल्ड चेन पॉइंट्स पर आईस लाईन रेफ्रिजिरेटर (आई.एल.आर.) में वैक्सीन 2 से 8 डिग्री सेल्सियस तापमान पर सुरक्षित रखा जाता है। आईस लाईन रेफ्रिजिरेटर में थर्मामीटर रखा जाता है, जिससे प्रतिदिन दो बार सुबह व शाम तापमान का अवलोकन कर कोल्ड चेन हैण्डलर द्वारा तापमान लॉगबुक में अंकित किया जाता है, आईस लाईन रेफ्रिजिरेटर में तापमान लॉगर लगाया गया है, जिसके माध्यम से भी आई.एल.आर. के तापमान की निगरानी की जाती है। टीकाकरण संबंधी समस्त गतिविधियों की निगरानी सेक्टर, विकासखण्ड व जिला स्तरीय टीम एवं विश्व स्वास्थ्य संगठन, यूनिसेफ, यूनाईटेड नेशन डेवलपमेंट प्रोग्राम व अन्य डेवलपमेंट पाटर्नस के द्वारा की जाती है।

उन्होंने बताया कि उक्त नियमों के पालन हेतु ऐसी कोई कमेटी गठित करने का प्रावधान नहीं है। वैक्सीन भंडारण के लिए निगरानी की प्राथमिक जिम्मेदारी कोल्ड चेन पॉइंट स्तर पर कोल्ड चेन हैण्डलर एवं संस्था प्रभारी, विकासखण्ड स्तर पर विकासखण्ड चिकित्सा अधिकारी तथा जिला स्तर पर जिला टीकाकरण अधिकारी एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी की होती है। नवजात शिशुओं को वैक्सीन देने के राष्ट्रीय टीकाकरण सारणी अनुसार नियम एवं मापदण्ड निर्धारित है, जिसके अनुसार नवजात शिशुओं को वैक्सीन दिया जाता है। वैक्सीन लगाने के पश्चात् बच्चों के साथ कोई भी दुर्घटना या प्रतिकुल प्रभाव होने की स्थिति में वैक्सीन का उत्पादन, परिवहन, प्रबंधन, रखरखाव, संधारण या संयोगवश हुई घटना की सम्पूर्ण जांच जिला स्तर पर गठित एडवर्स ईवेंट फॉलोविंग इम्यूनाईजेश (ए. ई.एफ. आई.) कमेटी द्वारा की जाती है। जांच के उपरांत राज्य स्तर पर नियमानुसार अग्रिम कार्यवाही हेतु रिपोर्ट प्रेषित किया जाता है। राज्य स्तर पर गठित ए.ई.एफ. आई. समिति द्वारा ऐसे प्रकरण को गुणवत्ता मूल्यांकन किया जाता है तथा समिति के निर्णय एवं अनुशंसा अनुसार प्रकरण से संबंधित जवाबदारी निर्धारित की जाती है।

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