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भाजपा सरकार मे शिक्षा व्यवस्था के साथ हो रहे अन्याय के विरुद्ध NSUI ने सौपा ज्ञापन

आशु चंद्रवंशी, कवर्धा। प्रदेश में 10463 स्कूलों का युक्तिकरण भाजपा सरकार द्वारा किया जा रहा है जो की शिक्षा के अधिकार पर हमला है,सरकार ने “युक्तिकरण” के नाम पर छत्तीसगढ़ मे 10463 स्कूल एवं कबीरधाम जिला में 375 स्कूल बंद करने की नीति अपनाई है।
ये वही सरकार है जो “मोदी की गारंटी” में 57000 शिक्षकों की भर्ती की बात कर रही थी।
जब शिक्षकों की भर्ती की बात थी तो अपने घोषणा पत्र मे छत्तीसगढ़ की जनता को गुमराह कर चुनाव जीतने के उद्देश्य से झूठे वादे किए गए, लेकिन अब स्कूलों को ही बंद किया जा रहा है।
यह कदम ग्रामीण, गरीब, आदिवासी और दूरस्थ क्षेत्रों के बच्चों के शिक्षा के अधिकार पर सीधा हमला है।
सवाल यह उठता है कि जब स्कूल ही नहीं रहेंगे तो 57000 शिक्षक कहाँ,कब और क्यों भर्ती किए जाएंगे?
57000 पदों पर भर्ती की मांग: मोदी गारंटी को निभाने की चुनौती है, NSUI की स्पष्ट मांग है कि सरकार 57000 शिक्षकों की भर्ती की घोषणा को केवल “चुनावी जुमला” न बनाए। अगर सरकार में इच्छाशक्ति है तो वह इस भर्ती प्रक्रिया को तत्काल प्रारंभ करे। अगर भाजपा सरकार अपने वादों पर खरा नहीं उतरती, तो यह युवाओं के साथ धोखा और विश्वासघात होगा।

यह स्पष्ट है कि सरकार की प्राथमिकता शिक्षा नहीं, केवल आंकड़ेबाजी और दिखावा है।साथ ही प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल जी ने कहा था कि आत्मानंद स्कूल के शिक्षकों की जल्द ही नियमित किया जाएगा, नियमितीकरण तो दूर प्रदेश के कई स्कूलों में शिक्षकों को समय पर वेतन तक नहीं मिल रहा है।

युक्तिकरण के नाम पर स्कूल बंद करना आरटीई (RTE) कानून का उल्लंघन है,सरकार द्वारा युक्तिकरण के बहाने जो 10000 से अधिक स्कूल बंद किए जा रहे हैं, वह केवल प्रशासनिक निर्णय नहीं, बल्कि कानूनी और संवैधानिक उल्लंघन भी है।
भारतीय संविधान की धारा 21-A और ‘मुफ्त और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 (RTE Act, 2009)’ के तहत “हर बच्चे को 6 से 14 वर्ष की आयु तक मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा प्रदान करना राज्य का दायित्व है।”
RTE अधिनियम की धारा 3, 4 और 6 यह स्पष्ट रूप से कहती हैं कि प्रत्येक बच्चे को उसके निकटतम प्राथमिक विद्यालय में प्रवेश और शिक्षा का अधिकार है।
ऐसे में स्कूलों को बंद करना न सिर्फ गरीब और ग्रामीण बच्चों को शिक्षा से वंचित करना है, बल्कि RTE अधिनियम की मूल भावना का उल्लंघन भी है।

भाजपा सरकार एक तरफ 67 नए शराब दुकान खोल रही है, 28 एवं 29 मार्च 2025 को नए आबकारी नियम के तहत प्रदेश में एफ.एल. 5 एवं एफ.एल. 5(क)  के तहत प्रतिदिन लाइसेंस उपलब्ध करवाने का काम कर रही है और दूसरी तरफ प्रदेश में 10463 स्कूलों का युक्तिकरण कर बंद कर रही है, प्रदेश के युवाओं को नौकरी के नाम पर सिर्फ और सिर्फ जुमले और खोखले वादे मिल रहे है, ऐसा प्रतीत होता है कि प्रदेश की साय सरकार प्रदेश के छात्र एवं युवा वर्ग को शिक्षा व रोजगार के जगह नशे के लिए प्रेरित कर रही है।
29 मार्च 2025 को आबकारी विभाग द्वारा जारी पत्र में ये साफ उल्लेखित किया गया है, शादी,फार्म हाउस,इवेंट,कंसर्ट,संगीत,नृत्य कार्यक्रम, नव वर्ष समारोह सहित क्रिकेट मैच तक में शराब परोसने एवं पीने हेतु प्रतिदिन के डर से लाइसेंस प्रदान करने तैयार है, ये भाजपा सरकार की दोहरी नीति स्पष्ट करता है।
एनएसयूआई के जिला अध्यक्ष शितेष चंद्रवंशी ने बताया कि छत्तीसगढ़ के भाजपा नेता जब सरकार मे नहीं थे तो शराबबंदी के लिए मगरमच्छ के आंसू बहा रहे थे लेकिन जब छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार आई तो शराब भट्टी खोलने का काम और शराब बेचने के लिए लाइसेंस उपलब्ध करा रहे है मोदी की गारंटी घोषणा पत्र में 57000 शिक्षकों की भर्ती का वादा करने के बाद 10363 स्कूल को बंद करने का कार्य कर रहे है ये पढ़ाने वाली नहीं बल्कि शराब पिलाने वाली सरकार है।
संगठन प्रभारी अमन वर्मा ने बताया की युक्तिकरण से छत्तीसगढ़ के मध्यमवर्ग व गरीबो परिवार के छात्रों को नुकसान होगा ये सरकार सरकारी स्कूल बंद कर प्राइवेट स्कूल को बढ़ावा दे रही है।
NSUI युक्तिकरण जैसे “शिक्षा विरोधी” फैसले का कड़ा विरोध करती है एवं मांग करती है कि युक्तिकरण के फैसले को तत्काल प्रभाव से वापस लिया जाए अन्यथा सड़क से लेकर सदन तक लड़ाई लड़ी जाएगी।
ज्ञापन सौपने के लिए मुख्य रूप से युवा कांग्रेस जिला महासचिव राहुल सिन्हा, जिला महासचिव प्रवीण वर्मा,कवर्धा शहर एनएसयूआई अध्यक्ष मेहुल सत्यवंशी,पिपरिया एनएसयूआई अध्यक्ष ऋषभ वैष्णव,बोड़ला अध्यक्ष जलेश यादव, तुकेश कौशिक, परमा वर्मा, शिवेंद्र वर्मा सहित एनएसयूआई के कार्यकर्ता उपस्थित थे।

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