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गर्मी से बेहाल बेजुबान वन्य प्राणियों के कंठ सूखे : कुत्ते के काटने से हिरण की मौत, पानी की तलाश में पहुंचा था बोड़ला

आशु चंद्रवंशी, कवर्धा। भीषण गर्मी और जंगल में प्राकृतिक जल स्रोत के सूखने से वन्य प्राणी पानी के लिए भटकने लगे हैं। क्षेत्र में नदी, तालाब व स्टापडैम का पानी सूख चुका है। इसके चलते वन्य प्राणियों की परेशानी बढ़ गई है। पानी की तलाश में जंगली जानवर गांव की ओर आने लगे हैं, जिससे गांव में वन्य प्राणी के हमले की आशंका बढ़ गई हैं। आबादी में पहुंचने पर उनकी प्यास बुझे या न बुझे पर जान खतरे में जरूर पड़ जाती है।तापमान बढ़ने के साथ ही हिरणों के घायल और मरने का सिलसिला भी शुरू हो गया है। पानी के स्त्रोत सूखने के कारण अक्सर पानी की तलाश में हिरण वन्य क्षेत्रों से भटक कर आबादी में पहुंच जा रहे हैं। इससे वह कुत्तों के हमलों का शिकार हो जा रहे हैं। मार्च से ही पारा बढ़ने लगा था, जो हिरणों और अन्य वन्य जीव के लिए मुसीबत बन गया है। पानी का संकट बढ़ा तो वह वन्य क्षेत्र छोड़ आबादी की तरफ भागने लगे। गर्मी के कारण उनकी बेचैनी बढ़ने लगी है। पानी की तलाश में जैसे ही वह आबादी में पहुंच रहे हैं, कुत्तों का झुंड उन पर टूट पड़ता है। कुछ हिरणों को तो ग्रामीण उनके चंगुल से बचा लेते हैं, पर कुछ उनका शिकार होकर मर जाते हैं। वही आज सुबह नगर पंचायत बोडला के वार्ड नंबर 14 में  दो हिरण पहुंचे जिसमें से एक की मौत हो गई और एक हिरण को उपचार के उपरांत जंगल में छोड़ा गया। जिले में हिरणों के संरक्षण और सुरक्षा का इंतजाम न होना उन पर भारी पड़ रहा है।

जिले में अब गर्मी की शुरूआत हो गई है,कुछ दिन पहले भोरमदेव के जंगल से निकलकर भालू सड़क में आ गया था। हालांकि यह फिर से वापस जंगल में चला गया था, वही पंडरिया के रुसे गांव में मादा हिरण पहुंची थी जिसकी कुत्ते के हमले से मौत हो गई थी।

ट्रैप कैमरे से वन्य प्राणियों पर नजर और अस्थाई रूप से पानी व्यवस्था के बावजूद वन्य प्राणियों की हो रही मौत

वन्य प्राणियों के लिए अस्थाई रूप से पानी की व्यवस्था की गई है। इसके साथ ही प्राकृतिक रूप से बह रहे पानी की भी साफ सफाई की गई है, जिससे वन्य प्राणियों को स्वच्छ पानी उपलब्ध हो सके,इसके बावजूद वन्य प्राणी पानी की तलाश में भटक कर रिहायशी इलाकों में पहुंच रहे है। वही ट्रैप कैमरे से वन्य प्राणियों पर नजर विभाग के द्वारा वन्य प्राणियों की देखभाल के लिए विशेष पहल भी किया गया था। बावजूद लगातार वन्य प्राणियों की मौत हो रही है।

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