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कवर्धा पीजी कॉलेज में 30 लाख की हेराफेरी मामले में प्राचार्य ने दी जानकारी, बाबू फरार नहीं… कॉलेज में मौजूद… जांच समिति कर रही जांच…

कवर्धा। कवर्धा पीजी कॉलेज में जनभागीदारी समिति की राशि में हेर-फेर कर करीब 30 लाख रुपए की राशि कॉलेज के ही बाबू के द्वारा लेकर फरार होने की खबर चर्चा में हैं।

मामले को लेकर प्राचार्य चौहान ने दी जानकारी

गत दिनों कॉलेज का यह मामला लगातार सुर्खियों में होने के बाद हमने कॉलेज प्राचार्य से इस संबंध में चर्चा की। मामले पर विस्तार से चर्चा के दौरान उन्होंने बताया कि जनभागीदारी समिति की राशि का हिसाब लगाया जा रहा है। वर्ष 2022 से जनभागीदारी समिति का कैशबुक संधारित नहीं था जिसे लेखापाल द्वारा अद्यतन किया जा रहा है। समिति के सभी आय-व्यय का हिसाब किताब लेखापाल के पास होता है। बच्चों के प्रवेश के दौरान प्राप्त हुई राशि को सभी काउंटरों से इकट्ठा कर संबंधित शाखा के द्वारा लेखापाल को सौंप दिया जाता है और लेखापाल से पावती रशीद शाखा प्रभारी द्वारा प्राप्त कर ली जाती है। उक्त राशि को जमा पर्ची भरकर समिति के खाते में जमा करने का दायित्व लेखापाल का होता है।

महाविद्यालय में पदस्थ सहायक ग्रेड 1 ने जानकारी दिया कि छात्र-छात्राओं की फीस की राशि अलग- अलग काउंटर से ली जाती है उसके बाद उसे मेरे पास जमा की जाती है। तत्पश्चात मेरे द्वारा लेखा प्रभारी को पावती लेकर बैंक में चालान के माध्यम से जमा करने के लिए दी जाती है।

30 लाख की राशि लेकर बाबू फरार होने के सवाल पर प्राचार्य ने बताया कि बाबू फरार नहीं है। लेखापाल प्रमोद वर्मा कॉलेज आ रहे हैं और वो अपना काम कर रहे हैं। जनभागीदारी की राशि का हिसाब लगाने और आय व्यय अपडेट कर रोकड़ बही के साथ पेश करने का निर्देश उनको दिया गया है। मामला संज्ञान में आने के बाद मेरे द्वारा जांच समिति गठित कर दिया गया है जिसमें कॉलेज के प्राध्यापकों और अन्य बाबू को शामिल किया गया है। इस पूरे मामले को लेकर उच्च कार्यालय एवं जिला कलेक्टर को भी अवगत कराया जा चुका है। जांच समिति के रिपोर्ट के आधार पर विधिवत कानूनी कार्यवाही के लिए प्रस्ताव दिया जाएगा।

प्राचार्य चौहान ने बताया कि कॉलेज में करीब 4000 विद्यार्थी है। प्रति विद्यार्थी 300 रूपये जनभागीदारी शुल्क लिया जाता है जिससे जनभागीदारी स्टॉफ वेतन, सफाईकर्मी वेतन, साफ सफाई एवं अन्य व्यवस्थाओं पर खर्च किया जाता है। इस तरह वार्षिक जनभागीदारी शुल्क के रूप में कॉलेज को करीब 12 लाख रुपए प्राप्त होती है। वहीं प्रति माह वेतन के लिए करीब 2 से 2.5 लाख रुपए व्यय होता है। माह जुलाई एवं अगस्त 2024 का वेतन एवं अन्य भुगतान के रूप में करीब 5 लाख रुपए का भुगतान किया जा चुका है उन्होंने 30 लाख की हेराफेरी वाली बात को गलत बताया। किंतु कुछ राशि का हिसाब नहीं मिलने की बात से इनकार नहीं किया। उन्होंने कहा कि अभी आंकड़ा बता पाना मुश्किल है जांच समिति की रिपोर्ट आने पर सब कुछ साफ साफ हो जायेगा, हमें कुछ वक्त रिपोर्ट आने का इंतजार करना चाहिए।

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