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जी 20 सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की अध्यक्षता एवं प्रभुत्वशाली भारत ने विश्व पर छोड़ी अमिट छाप :भावना बोहरा

आशु चंद्रवंशी,बड़ेगौटिया/कवर्धा। भारत मंडपम में जी 20 की बैठक संपन्न हो चुकी है। भारत ने पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जी 20 शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता की इसके साथ ही कई ऐतिहासिक फैसलों एवं मुद्दों को लेकर चर्चा हुई। इस अवसर पर भाजपा महिला मोर्चा छत्तीसगढ़ की प्रदेश मंत्री और कबीरधाम जिला पंचायत की सभापति भावना बोहरा ने कहा कि यह शिखर सम्मेलन देश के हर उस नागरिक के लिए एक अमिट छाप छोड़ गया है जो भारत की सांस्कृतिक मूल्यों की महानता में विश्वास करता है। जी20 की हमारी अध्यक्षता की ऐतिहासिक सफलता पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और पूरे देशवासियों को मैं हार्दिक बधाई देती हूँ। जी-20 शिखर सम्मेलन के जरिए दुनिया ने भारत की विरासत और सांस्कृतिक छटा देखी. पहली बार इतने भव्य पैमाने पर जी-20 समिट का आयोजन हुआ. दो दिन के इस सम्मेलन के जरिए ये साबित हो गया कि आज का भारत पहले से कहीं ज्यादा मजबूत, और ताकतवर हुआ है।

“एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य” के आह्वान के साथ भारत ने G20 की अध्यक्षता ग्रहण की थी। यह आदर्श वाक्य हमारी सालों पुरानी सभ्यता, लोकाचार और वसुधैव कुटुंबकम यानि पूरी दुनिया एक परिवार है की संस्कृति को प्रत्यक्ष रूप से साथ संपन्न हुआ। भारत की अध्यक्षता में जी-20 शिखर सम्मेलन अपने मूल एजेंडा और परिणामों के मामले में इतिहास का सबसे महत्वाकांक्षी व सफल सम्मेलन साबित हुआ है। इसमें कुल 112 परिणाम दस्तावेज व अध्यक्षीय दस्तावेज तैयार किए गए। पिछले सम्मेलन से तुलना करें, तो यह दोगुने से भी ज्यादा है। इसी वजह से भारत के प्रतिनिधित्व में हुआ यह शिखर सम्मलेन अब तक का सबसे सफल सम्मेलन रहा है।

भावना बोहरा ने आगे कहा कि भारत-पश्चिम एशिया यूरोप आर्थिक गलियारे’ की शुरुआत की जिससे अरब प्रायद्वीप और यूरोप के साथ भारत के सामरिक सम्पर्क को विस्तार मिलेगा।यह पहल भारत और अरब दुनिया के साथ भारत के दीर्घकालिक सम्पर्क को स्थापित करने का अवसर प्रदान करती है. उन्होंने कहा कि अफ्रीकी संघ को समूह की स्थायी सदस्यता मिलना समावेशिता को मजबूत और अफ्रीका के साथ सहयोग को गहरा बनाने वाला कदम है। अफ्रीकी संघ का जी20 में शामिल होना प्रधानमंत्री मोदी की ‘ग्लोबल साउथ’ पहल की एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। प्रधानमंत्री मोदी ने ‘विश्व गुरु’ और ‘विश्व बंधु’ दोनों रूपों में भारत के कौशल को सफलतापूर्वक प्रदर्शित किया है.’’ ‘ग्लोबल साउथ’ शब्द का इस्तेमाल एशिया, अफ्रीका और लातिन अमेरिका के विकासशील देशों के लिए किया जाता है. मोदी जी की समावेशी और लोकोन्मुखी पहल भारत की जी20 अध्यक्षता को परिभाषित करती है। शिखर बैठक में घोषणापत्र को अंगीकार किया जाना खास तौर पर पथ प्रदर्शक है क्योंकि इसने भू राजनीतिक और जलवायु के महत्वपूर्ण मुद्दे पर बड़ी वैश्विक शक्तियों को साथ लाने का काम किया है। जी20 की सफलता भारतीय कूटनीति की ऐतिहासिक घटना है और इसने प्रत्येक भारतीय को गौरवान्वित किया है. यह हमारे उन सांस्कृतिक मूल्यों की शाश्वत गुणवत्ता की गवाह भी है जो हमें एक पृथ्वी, एक कुटुंब और एक भविष्य होने की सीख देते हैं।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने अफ्रीकन यूनियन के लिए स्थाई सदस्यता का प्रस्ताव रखा, तो वहां मौजूद दुनिया की महाशक्तियों ने मेज थप-थपाकर इस प्रस्ताव का स्वागत किया जो विश्व में भारत के प्रति उनके विश्वास को दर्शाता है। अभी तक अफ्रीका पर चीनी प्रभाव ज्यादा था, लेकिन पीएम मोदी के प्रस्ताव पर अफ्रीकन यूनियन को नए सदस्य के तौर पर चुनना भारत के लिए काफी फायदेमंद हो सकता है। चीन हमेशा से गरीब देशों को कर्ज देकर अपना प्रभुत्व दिखाता आ रहा है, लेकिन अब भारत इन देशों का ऐसा दोस्त बनकर सामने आ रहा जो प्रभुत्व नहीं बल्कि दोस्ती निभाता है।

भावना बोहरा ने कहा कि जी 20 की इस अहम बैठक में भारत की आर्थिक व्यवस्था को भी तेजी मिलेगी। बैठक में अमेरिका, भारत, सऊदी अरब, अरब राज्यों और यूरोपीय संघ को जोड़ने वाले व्यापक रेल और शिपिंग कनेक्टिविटी नेटवर्क की भी घोषणा की गई है जो भारत में व्यापार की संभावनाओं को भी बढ़ाएंगे और अर्थव्यवस्था को नई मजबूती मिलेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने G20 समिट के बीच ग्लोबल बायोफ्यूल अलायंस की शुरुआत की। इस अलायंस के फाउंडिंग मेंबर्स में भारत के साथ अमेरिका और ब्राजील शामिल हैं। इस अलायंस में अब अर्जेंटीना और इटली के साथ कुल 11 देश हिस्सा बन चुके हैं। G20 शिखर सम्मेलन के दूसरे सेशन के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ भारत-मिडिल ईस्ट-यूरोप कॉरिडोर और ग्लोबल इंफ्रास्ट्रक्चर और निवेश के लिए पार्टनरशिप प्रोग्राम की अध्यक्षता की। इस दौरान नई दिल्ली से भारत-मिडिल ईस्ट-यूरोप कॉरिडोर को लॉन्च किया जो वाले समय में भारत पश्चिम एशिया और यूरोप के बीच आर्थिक एकीकरण का प्रभावी माध्यम होगा। ये पूरे विश्व में कनेक्टिविटी और विकास को मजबूत दिशा प्रदान करेगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सफलतापूर्वक सम्पन्न हुई जी20 सम्मेलन अपने लक्षित उद्देश्यों की प्राप्ति की दिशा में मजबूती के साथ आगे बढ़ चली है। उन्होंने कहा कि यह ‘एक पृथ्वी, एक कुटुम्ब, एक भविष्य’ की भावना की सिद्धि में मील का पत्थर साबित होगी। भारत की अध्यक्षता में दिल्ली घोषणापत्र को जी20 समूह के सदस्यों द्वारा सर्वसम्मति के साथ अपनाया जाना ऐतिहासिक है।

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