सरस्वती शिशु मंदिर विद्यालय कुसुमघटा में कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर मटकी फोड़ कार्यक्रम एवं राधा-कृष्ण की झांकियां निकालकर मनाई जन्माष्टमी
आशु चंद्रवंशी,बड़ेगौटिया/कवर्धा। बोड़ला ब्लॉक के सरस्वती शिशु मंदिर विद्यालय कुसुमघटा में कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर मटकी फोड़ कार्यक्रम एवं राधा-कृष्ण की झांकियां निकालकर कृष्ण जन्माष्टमी मनाई गई।इस बीच बच्चो में काफी उत्साह दिखा।
सरस्वती शिशु मन्दिर के कोषाध्यक्ष सुरेश कुमार वर्मा ने बताया कि आज भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव का दिन है, जिसे जन्माष्टमी के रूप में मनाया जाता है। इस अवसर सरस्वती शिशु मंदिर विद्यालय कुसुमघटा में मटकी फोड़ प्रतियोगिता एवं राधा-कृष्ण की झांकियां निकालकर कृष्ण जन्माष्टमी मनाई गई।भैया बहनों ने बढ़ चढ़कर भाग लिया. छोटे-छोटे बाल गोपाल राधा कृष्ण के रूप में सज कर सबके मन को मोहित कर दिया।विद्यालय के नन्हें बालकों ने श्री कृष्ण और बलिकाओं ने राधा की विशेष पोशाक मे मानो सचमुच मनमोहक बना दिया था। विद्यालय परिसर मे भैया बहिनो के साज सज्जा से वृंदावन सा लग रहा था।
श्री वर्मा ने आगे बताया कि सरस्वती शिशु मंदिर विद्यालय कुसुमघटा में प्रति वर्ष इस पवित्र अवसर पर इस तरह का मनमोहक कार्यक्रम प्रस्तुत करते आ रहा है। ऐसे कार्यक्रमों से बच्चे हमारे सनातन संस्कृति से परिचित होते हैं। पढ़ाई के साथ-साथ इस प्रकार के कार्यक्रमों के द्वारा बच्चों में संस्कार भरने का काम किया जाता है। हर वर्ष विद्यालय के भैया बहिनो के द्वारा बढ चढ़कर हिस्सा लिया जाता है। जिसमे विद्यालय के प्राचार्य आचार्यो एंव दीदीयो की भी अहम भूमिका रहती है।
गांव वालों ने इस कार्यक्रम की भूरि-भूरि प्रशंसा की साथ ही विद्यालय के व्यवस्थापक एवं प्रोफेसर ओमप्रकाश देवांगन,अध्यक्ष शीतल राम वर्मा,कोषाध्यक्ष सुरेश कुमार वर्मा ,उपाध्यक्ष संतोष कुमार निषाद, सचिव महानंद वर्मा, शिक्षक उत्तम वर्मा ,पंकज वर्मा संतोष वर्मा, शिवनाथ यादव, उत्तरा वर्मा,सहित समस्त सरस्वती ग्राम शिक्षा समिति के समस्त सदस्यों ने इस कार्यक्रम की सराहना किया। प्रधानाचार्य नरेंद्र वर्मा ने बताया कि सुबह से ही भैया बहन राधा कृष्ण के वेश में आज स्कूल आए थे अत्यंत हर्ष एवं उमंग के साथ सभी ने साथ-सजा किया था। इस अवसर पर विद्यालय के आचार्य बाल्मीकि यादव,राम प्रवेश चंद्रवंशी,आशीष मानिकपुरी खेमदास बंधे,सोनी निषाद, रामेश्वरी चंद्रवंशी,पूर्णिमा चंद्रवंशी,भारती चंद्रवंशी,सहित समस्त आचार्य और दीदी जी और व्यवस्थापक मंडल के सभी सदस्य उपस्थित रहे।