बारिश ने मचाया कोहराम :नदी नाले उफान पर, बारिश से सड़कें जलमग्न, घरों और दुकानों में भरा पानी

आशु चंद्रवंशी,बड़ेगौटिया/कवर्धा। जिले में पिछले दो दिनों से लगातार हो रही रूक रुक बारिश से जहां जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। कवर्धा पंडरिया सहित ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में भी बारिश का कहर जारी है। वहीं कवर्धा शहर के कई मुहल्लों में जलजमाव की स्थिति बनी हुई है। जलनिकासी की समुचित व्यवस्था नहीं होने के कारण बारिश का पानी सड़कों पर फैल जाता है।दो दिनों से हो रहे बारिश ने एक बार फिर नगर पालिका के व्यवस्थाओं की पोल खोल के रख दी है। आधा शहर पानी-पानी हो गया है। तकरीबन एक दर्जन से ज्यादा मोहल्ले जलमग्न हो गए है,तो वहीं शहर की प्रमुख सड़कों में कई फीट तक पानी भर आया। इससे शहरवासियों की दिक्कतें काफी बढ़ गई है। बारिश की वजह से हाल-बेहाल है। वहीं बारिश ने नगरपालिका प्रशासन के सफाई को दावे को फेल करार दिया है। शहर के कई वार्ड तालाब में तब्दील हो गए हैं, वहीं निचली बस्तियों में रहने वालों के घरों में बारिश का पानी घुस गया है। जिससे दैनिक उपयोगी की सामग्री तक खराब हो गई है।
पंडरिया हरिनाला उफान पर,दो दिनों से बिलासपुर रोड है बंद
पंडरिया में भी हरी नाला उफान पर है, जिसकी वजह से नेशनल हाइवे 130 (बिलासपुर से कवर्धा) पूरी तरह बंद है। नदी-नालों के उफान पर होने के बावजूद बस चालक की बड़ी लापरवाही सामने आई है। जिसमें उफनते नाले वह यात्रियों से भरे बस को ले जाते हुए वीडियो वायरल हो रहा है।
कलेक्टर ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के स्कूलों में अवकाश घोषित करने के निर्देश
वही हालातो को देखते हुए कलेक्टर जनमेजय महोबे ने कबीरधाम जिले में बीती रात हुई तेज मूसलाधार बारिश की वजह से बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में स्थिति सामान्य होते तक जिला शिक्षा अधिकारी को स्कूलों में अवकाश घोषित करने के निर्देश दिए है।
जिला शिक्षा अधिकारी ने कलेक्टर के निर्देश पर सभी संस्था प्रमुख को निर्देशित हुए कहा कि यदि किसी विद्यालय में बारिश के कारण पानी भर जाने के कारण बच्चो को बैठाने में या स्कूल आने में समस्या आ रही हो अथवा नदी नालों में पानी होने के कारण स्कूल के आवागमन में समस्या हो तो पानी के निकास होने तक विद्यालय में अवकाश घोषित किया जाए। किसी भी स्थिति में बच्चो को संकट में न डालें। इसका कड़ाई से पालन सुनिश्चित हो। इसकी जानकारी तत्काल व्हाटशेप के माध्यम से मुझे सूचित करे।
बारिश के कारण परेशानियों को देखते हुए जिला पुलिस ने भी लोगों से किया अपील
जिला पुलिस कबीरधाम सम्माननीय जिले वासियों से अपील करता है। कि भारी बारिश के कारण जिले में स्थित कई नदी नाले आदि अपने निर्धारित दायरे से काफी अधिक ऊंचाई पर बह रहे हैं। इन नदी नालों के किनारे सुरक्षा की दृष्टिकोण से संभावित स्थानो पर पुलिस बल बैरिकेड के साथ लगाया गया हैं। तथा जिले के समस्त थाना एवं चौकी प्रभारी को अपने-अपने थाना चौकी क्षेत्र में नदी, नाला, जलाशय से आम नागरिकों को दूर रखने हेतु निर्देशित किया गया है। आप सभी सम्मानित जिले वासियों से आग्रह है, कि बहते नदी, जलाशय आदि के पानी में उतरने का प्रयत्न ना करें। यदि पुल/पुलिया के ऊपर से पानी बह रहा हो तो उसे पार करने का प्रयास न करें। तेज बहाव वाले नदी में स्नान करने, मछली पकाने, नदी में बहते लकड़ी आदि को निकालने का प्रयास न करें अन्यथा कोई बड़ी दुर्घटना घटित हो सकती है। किसी प्रकार की समस्या होने पर संबंधित पुलिस चौकी/थाना या कबीरधाम पुलिस कंट्रोल रूम मोबाइल नंबर- 94279192499 या डायल 112 पर कॉल करें।
रायपुर मौसम विभाग की माने तो ऐसा ही हाल अगले 24 घंटो के दौरान फिर से छत्तीसगढ़ में रहने वाला है।मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक, रायगढ़, जांजगीर-चांपा, बलौदाबाजार, महासमुंद, गरियाबंद, धमतरी, रायपुर के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया।
16 अगस्त के लिए राजनांदगांव, दुर्ग, कांकेर, बालोद के लिए ओरेंज अलर्ट जारी किया गया है।
जाने मौसम विभाग ने क्या कहा
मौसम विभाग ने कहा कि एक निम्न दाब का क्षेत्र उतर ओडीशा तथा इससे लगे क्षेत्र के ऊपर स्थित है तथा इसके साथ ऊपरी हवा का चक्रीय चक्रवाती परिसंचरण 7.6 किलोमीटर ऊंचाई तक विस्तारित है। अगले 24 घंटे में इसके छत्तीसगढ़ तथा पूर्वी मध्य प्रदेश से होकर गुजरने की संभावना है। मानसून द्रोणिका माध्य समुद्र तल पर बीकानेर, शिवपुरी सीधी, जमशेदपुर और उसके बाद दक्षिण-पूर्व की ओर निम्न दाब के केंद्र तक स्थित है।
एक ऊपरी हवा का चक्रीय चक्रवाती परिसंचरण दक्षिण-पूर्व उत्तर प्रदेश और उससे लगे उत्तर-पूर्व मध्य प्रदेश के ऊपर किलोमीटर ऊंचाई तक विस्तारित है। एक द्रोणीका उत्तर पूर्व राजस्थान से उत्तर ओडीशा के ऊपर स्थित निम्न दाब के क्षेत्र तक उत्तर पश्चिम मध्य प्रदेश, दक्षिण पूर्व उत्तर प्रदेश तथा झारखंड होते हुए 1.5 किलोमीटर ऊंचाई तक विस्तारित है।
छत्तीसगढ़ में बारिश के आंकडे
राज्य शासन के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा बनाए गए राज्य स्तरीय नियंत्रण कक्ष द्वारा संकलित जानकारी के मुताबिक एक जून 2023 से अब तक राज्य में 890.1 मिमी औसत वर्षा दर्ज की जा चुकी है। राज्य के विभिन्न जिलों में 01 जून 2023 से आज 14 सितंबर सवेरे तक रिकार्ड की गई वर्षा के अनुसार बीजापुर जिले में सर्वाधिक 1537.8 मिमी और सरगुजा जिले में सबसे कम 397.4 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गयी है। राज्य स्तरीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष से प्राप्त जानकारी के अनुसार एक जून से अब तक सूरजपुर जिले में 718.8 मिमी, बलरामपुर में 811.7 मिमी, जशपुर में 714.0 मिमी, कोरिया में 833.5 मिमी, मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर में 829.0 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गयी।
इसी प्रकार, रायपुर जिले में 979.4 मिमी, बलौदाबाजार में 899.6 मिमी, गरियाबंद में 790.5 मिमी, महासमुंद में 903.9 मिमी, धमतरी में 852.6 मिमी, बिलासपुर में 973.2 मिमी, मुंगेली में 1097.5 मिमी, रायगढ़ में 1012.7 मिमी, सारंगढ़-बिलाईगढ़ में 801.2 मिमी, जांजगीर-चांपा में 810.4 मिमी, सक्ती में 795.1 मिमी, कोरबा में 875.6 मिमी, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही में 930.5 मिमी, दुर्ग में 749.8 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गयी। कबीरधाम जिले में 713.3 मिमी, राजनांदगांव में 967.5 मिमी, मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी में 1134.6 मिमी, खैरागढ़-छुईखदान-गंडई में 905.8 मिमी, बालोद में 869.6 मिमी, बेमेतरा में 711.3 मिमी, बस्तर में 944.7 मिमी, कोण्डागांव में 963.7 मिमी, कांकेर में 878.2 मिमी, नारायणपुर में 858.4 मिमी, दंतेवाड़ा में 967.8 मिमी और सुकमा में 1286.9 मिमी औसत वर्षा एक जून से अब तक रिकार्ड की गई।
कलर से समझे चेतावनी
यलो अलर्ट-सचेत रहें। मौसम के अनुसार इस अलर्ट या चेतावनी का मतलब होता है कि आप अपने इलाके या रूटीन को लेकर सचेत रहें। कुछ सावधानियां बरतें। यलो अलर्ट जारी करने का मकसद वास्तव में लोगों को सतर्क करना होता है। इसके मुताबिक आपको तुरंत कोई खतरा नहीं होता, लेकिन मौसम के हाल को देखते हुए आपको जगह और अपने मूवमेंट को लेकर सावधान रहना चाहिए।
ऑरेंज अलर्ट-तैयार रहेंमौसम विभाग जब ऑरेंज अलर्ट जारी करता है, तो इसका मतलब होता है कि मौसम की मांग है कि अब आप और खराब मौसम के लिए तैयार हो जाएं। जब मौसम इस तरह की करवट लेता है, जिसका असर जनजीवन पर पड़ सकता है, तब ये अलर्ट जारी किया जाता है। खराब मौसम के लिए आपको अपनी यात्राओं, कामकाज या स्कूली बच्चों के लिए आवागमन के बारे में तैयारी रखने की ज़रूरत होती है।
रेड अलर्ट-एक्शन का वक्तहालांकि बेहद गंभीर स्थितियों में रेड अलर्ट जारी किया जाता है, इसलिए यह कम ही होता है। फिर भी, रेड अलर्ट का मतलब होता है कि जान माल की सुरक्षा का समय आ चुका है। अक्सर इस अलर्ट के बाद खतरे के ज़ोन में रहने वाले लोगों को सुरक्षित जगहों पर ले जाया जाता है। मौसम के मुताबिक सुरक्षा के इंतज़ाम किए जाते हैं, जैसे गर्मी के मौसम में अगर रेड अलर्ट जारी हो तो आपको घर से बाहर नहीं निकलने और ज़रूरी इंतज़ाम करने की हिदायत होती है। इसी तरह, बारिश के मौसम में अगर ये अलर्ट जारी हो तो इसका साफ संकेत होता है बाढ़, तूफान या नुकसानदेह बारिश की चेतावनी है इसलिए ज़रूरी इंतज़ाम करें।रेड अलर्ट के समय सामान्य जनजीवन के लिए खतरे को भांपते हुए अक्सर पब्लिक ट्रांसपोर्ट, स्कूल संचालन जैसे नियमित कामकाज बंद किए जा सकते हैं।