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कवर्धा में एक बार फिर झंडा कांड : गोंडवाना समाज ने सतरंगी झंडे के अपमान को लेकर किया बवाल, कार्यकर्ताओं व पुलिस के बीच झड़प, प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर किया हमला,SP-ASP समेत कई पुलिसकर्मी हुए घायल

आशु चंद्रवंशी, कवर्धा। कवर्धा जिले में एक बार फिर से झंडा हटाने को लेकर पुलिस पर पथराव कर दिया। गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के लोगों ने लाठी-डंडे से हमला किया। जिसमें एसपी डॉ. लाल उमेंद सिंह, एएसपी समेत कई पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। पार्टी के(GGP) लोगों का कहना है कि शिकायत के बाद भी धर्म गुरु के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई। इसी के विरोध में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के लोग शुक्रवार को रैली निकाल रहे थे। उसी दौरान यह विवाद हुआ है।

हमले के बाद पुलिस ने इन्हें रोकने आंसू गैस छोड़े। बल प्रयोग किया गया। जिसके बाद लोग शांत हुए हैं। 200 पुलिसकर्मियों को मौके पर तैनात किया गया था।

जानकारी के मुताबिक, भोरमदेव थाना क्षेत्र के हरमो गांव में कुछ समय पहले गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के लोगों ने गांव के पूजा स्थल में पार्टी का झंडा लगा दिया था। जिस पर गांव के लोगों ने फैसला किया था कि यह पार्टी का झंडा है। यहां पर सिर्फ पूजा पाठ वाला झंडा ही होना चाहिए। इसके बाद 14 फरवरी को पूजा स्थल से पार्टी का झंडा हटा दिया गया था।

14 फरवरी को जब पूजा पाठ करके उस झंडे को हटाया गया, तब भी पार्टी के लोगों ने गांव वालों का विरोध किया था। इसके बाद समाज के धर्म गुरु दुर्गे भगत के खिलाफ केस दर्ज करने की मांग की थी। पुलिस से भी शिकायत की गई थी। उस दौरान भी पार्टी के लोगों ने कहा था कि यदि इनके खिलाफ कार्रवाई नहीं होती है तो हम लोग उग्र आंदोलन करेंगे।

ज्ञात होकि पुरे मामल को 28 फरवरी को गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने कलेक्टोरेट में ज्ञापन दिया था। जिसमें तीन मार्च को राजानवागांव बाजार चौक थाना भोरमदेव तहसील बोड़ला में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी, गोंडवाना समाज, गोंडवाना भुमका संगठन, गोंडवाना स्टूडेंट यूनियान के संयुक्त तत्वधान में एक कार्यक्रम की रूपरेखा अनुसार राजानवागांव में सभा किया जाएगा। इसके बाद मोटर बाईक रैली के माध्यम से चिखली होते हुए झंडा पुन: स्थापित कर सामुहिक ज्ञापन सौंपा जाना था।इस बीच में पुलिस व प्रशासन के द्वारा मामले का शांतिपूर्वक समाधान निकालने के लिए 2-3 बार बैठक भी आहूत की गयी किंतु गोंडवाना गणतन्त्र पार्टी ज़िला प्रमुख जे लिंगों किसी भी मीटिंग में उपस्थित नहीं हुआ।

शुक्रवार को गोंडवाना गणतंत्र पार्टी जिला अध्यक्ष जे. लिंगो के नेतृत्व में भोरमदेव के पास बाजार चौक राजानवागांव में, गोंगपा कार्यकर्ता मुख्य रुप से मलेश्वर मरकाम, सुखदेव धुर्वे आदि कार्यकर्ता लगभग 450 से 500 की संख्या में एकत्र होकर सभा का आयोजन किया गया। बाद में यहां से रैली निकालकर लगभग 5 किलोमीटर दूर ग्राम हरमो को निकले, जिसे पुलिस प्रशासन द्वारा राजानवागांव के बाहर हरमो मार्ग पर बैरिकेड लगाकर रोका गया, किंतु प्रदर्शनकारियों द्वारा पुलिस बल के साथ झूमा झटकी करते हुए बेरिकेड को तोड़ते हुए गांव के लिए रवाना हुए। बाद में ग्राम हरमो पहुंचकर गोगपा जिलाध्यक्ष जे. लिगो के निवास में सभी प्रदर्शनकारी एकत्रित हुए,यहां से सभी विवादित स्थल के लिए रवाना हुए।

विवादित स्थल के पूर्व पुलिस द्वारा बैरिकेड लगाकर प्रदर्शनकारियों को रोका गया। किंतु प्रदर्शनकारियों द्वारा बेरीकेट को तोड़ते हुए पुलिस के ऊपर पथराव किया गया, जिस पर पुलिस बल द्वारा भीड़ को तितर-बितर करने का प्रयास किया गया किंतु उग्र भीड़ पुलिस पर लाठी बरसाते हुए विवादित स्थल तक पहुंचने का प्रयास करने लगी जिसके पश्चात पुलिस बल द्वारा लाठीचार्ज करने पर भीड़ तितर-बितर हुई।पुलिस बल द्वारा आंसू गैस का भी प्रयोग किया गया।

उक्त घटना में पुलिस अधीक्षक डा .लाल उमेंद ,अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्रीमती मनीषा ठाकुर, डीएसपी कौशल किशोर वासनिक निरीक्षक भूषण एक्का , निरीक्षक चूड़ेंद्र सहित बहुत से पुलिसवालो को चोटें आई हैं साथ ही प्रदर्शनकारियों को भी चोटें आई है।कुछ समय बाद पुलिस द्वारा गांव में आए बाहरी प्रदर्शनकारियों को गांव से बाहर रवाना किया गया।प्रमुख बलवाइयों की गिरफ्तारी की जा रही है।

प्रदर्शनकारियों से पूजा स्थल पर पहुंचने के समय वहां बूढ़ादेव को मानने वाले लगभग 80 से 100 महिला पुरुष एकत्र होकर सामाजिक रीति से पूजा पाठ कर रहे थे।पुलिस द्वारा यदि प्रदर्शनकारियों को नहीं रोका जाता तो आदिवासी समाज के दो वर्गों के मध्य संघर्ष की स्थिति निर्मित हो सकती थी।वहाँ उपस्थित महिलाओं बच्चों को भी चोट लगता सम्भावित थी इसके अलावा बड़ा देव का झंडा लगाने की कोशिश करने पर पूजा स्थल पर तोड़फोड़ भी हो सकती थी और स्थिति नियंत्रण से बाहर हो सकती थी इसलिए स्थिति को नियंत्रित करने के लिए और क़ानून व्यवस्था बनाये रखने के लिए पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा।मौक़े पर पुलिस महानिरीक्षक दुर्ग डॉ आनंद छाबड़ा भी अतिरिक्त बल के साथ पहुँच गये है। स्थिति नियंत्रण में है।

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