गृह मंत्री के गृह ज़िला में जुआरियों की बढ़ी सक्रियता : पुलिस बेखबर, बेखौफ चल रहा हैं जुआ का कारोबार

आशु चंद्रवंशी,कवर्धा। गृह मंत्री विजय शर्मा के गृह ज़िला कबीरधाम में जुआरियों के हौसले बुलंद है। गांवों में खुले आम जुआ चल रहा हैं। दीपावली पर्व होने के कारण जुआरियों की सक्रियता बढ़ती जा रही। हालत यह कि कस्बा, गांव हो या फिर वनांचल की पहाड़ियां, जुआ खुलेआम हो रहा है। ताश के पत्तों पर हजारों के दांव लगाकर लोग भाग्य आजमा रहे है। भाग्य के इस मोह जाल भरे खेल में सैकड़ों परिवार तबाही का शिकार हो चुके हैं। कहीं ताश के पत्तों पर माहौल जमाने तो कहीं नए-नए नाम से जुआ के फड़ सज रहे है। इसमें युवा जुआ के लती हो घर की पूंजी गंवा बर्बादी के रास्ते पर हैं।
वहीं लोगों का कहना है कि पुलिस का नाम सुनते ही जुआरी फड़ छोड़ कर भाग खड़े होते थे। वहीं अब पुलिस के ऊपर आरोप भी लगता है कि बदले समय में अब पुलिस जुआरियों से वसूली तक सीमित रह गई है। इसके चलते जुआरियों को कानून का कोई डर नहीं रहता। बेखौफ संचालित फड़ पुलिस की मौजूदा कार्यशैली की वास्तविकता का खुलासा कर रही है। जुआ को लेकर यह हालत किसी एक गांव की नहीं है, बल्कि जिले के विभिन्न थाना क्षेत्रों में धड़ल्ले से ताश के पत्तों पर जुए के फड़ गांवों में सुबह से ही शुरू हो जाते हैं। त्योहारों पर कानून व्यवस्था का कड़ाई से पालन कराने में पुलिस की व्यस्तता बढ़ गई है। आरोप है कि पुलिस इस वाकया से जानबूझकर बेखबर बनी हुई है। जुआ खेलने की खुली छूट कमाई का जरिया बन गया है। इससे छात्र जीवन में ही युवक इसके लती होकर घर परिवार के लोगों में कलह का कारण बने हैं। गांवों में ताश के पत्तों पर जुआ की चौपालें सुबह से देर रात तक संचालित होती रहती हैं। इससे गांवों में अराजकता की स्थिति बनी रहती है। ग्रामीणों ने बताया कि नशाखोरी के बाद जुआरी आपस में ही बवाल कर लेते हैं। बोड़ला और पोड़ी क्षेत्र के इलाका भी इससे अछूता नहीं है। जुआरी हजारों का दांव लगाकर पुलिस के लिए चुनौती बने रहते हैं। पुलिस का जानते हुए भी मौन रहना लोगों में उसकी कार्यप्रणाली को लेकर संदेह की स्थिति पैदा की हुई है।